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चंडीगढ़। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद भी विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे। पिछले सप्ताह ही सिद्धू की मां ने एक बेटे को जन्म दिया। ये ivf तकनीक के जरिये सम्भव हुआ। मां ने I केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर पंजाब सरकार को पत्र लिख रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में सिद्धू के पिता ने आप सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि हम कुछ नहीं कर रहे , ये केंद्र का निर्देश है। हम सिर्फउसका पालन कर रहे हैं।
लेटर में असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी एक्ट का हवाला दिया गया है। इसमें बताया गया है कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक से बच्चा पैदा करने के लिए महिला की उम्र 21 से 50 साल के बीच होनी चाहिए, लेकिन सिद्धू की मां चरण कौर ने 58 की उम्र में इस तकनीक से प्रेग्नेंट होकर बच्चे को जन्म दिया है। केंद्र ने इसी नियम के उल्लंघन पर जांच के बाद एक्शन के आदेश दिए हैं।
सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर ने अपने नवजात बच्चे का नाम शुभदीप रखा है। मूसेवाला का असली नाम यही था। मूसेवाला की मई 2022 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या का आरोप लॉरेन्स गैंग पर है।
सिद्धू के पिता ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाए
स्वास्थ्य विभाग के नोटिस पर बलकौर सिंह ने पंजाब सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार देर रात सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके बलकौर सिंह ने कहा कि प्रशासन बच्चे के लीगल डॉक्यूमेंट्स पेश करने को लेकर बार-बार परेशान कर रहा है। CM मान उन्हें जेल भेजकर जांच करा सकते हैं।
क्या है पूरा कानून
इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन की चंडीगढ़ ब्रांच के फाउंडर डॉ. जीके बेदी के मुताबिक, भारत में IVF तकनीक से गर्भधारण करने से जुड़ा असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट (ART) साल 2021 में ही बना है। इस एक्ट के मुताबिक देश में 50 साल से अधिक उम्र की कोई महिला इस तकनीक के जरिए गर्भ धारण नहीं कर सकती।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ART एक्ट के साथ ही इसे सही तरह से लागू करवाने के लिए नेशनल लेवल की रेगुलेटरी बॉडी भी बना दी है। उसके बाद सारे राज्यों में भी रेगुलेटरी बॉडी बन गई है। यही रेगुलेटरी बॉडी ART एक्ट से जुड़े सारे केस देखती है। IVF तकनीक से गर्भधारण करवाने वाले सारे अस्पताल इन रेगुलेटरी बॉडी के प्रति जवाबदेह होते हैं।
किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर वह संबंधित अस्पताल को शोकॉज नोटिस देकर सवाल-जवाब कर सकती है। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर एक्ट के मुताबिक कार्रवाई होती है।
अगर कोई महिला किसी दूसरे देश में IVF तकनीक से गर्भधारण करने के बाद भारत आ जाती है तो वह यहां सामान्य महिलाओं की तरह अपना ट्रीटमेंट करवा सकती है।