Parliament Budget Session 2025

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संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण रहा हंगामेदार, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर राहुल गांधी का हमला

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Parliament Budget Session 2025: संसद के बजट सत्र के दूसरे फेज की शुरुआत सोमवार को जबरदस्त हंगामे के साथ हुई। विपक्ष ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, नई शिक्षा नीति, वक्फ संशोधन बिल और मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं, सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर राजनीति करने और संसद की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया।

वोटर लिस्ट पर सवाल और ट्राय-लैंग्वेज पर हंगामा

संसद के बजट सत्र का दूसरा फेज सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने देशभर में वोटर लिस्ट को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में वोटर लिस्ट पर गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं और इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, “देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव नहीं हो रहे हैं। वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी हो रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।”

इस मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही बाधित कर दी। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, डीएमके (DMK) सांसदों ने नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय-लैंग्वेज पॉलिसी का विरोध किया। उनका कहना है कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर जबरदस्ती हिंदी थोप रही है, जो गलत है।

डीएमके सांसदों ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नजदीक जाकर नारेबाजी की और सदन में भारी हंगामा हुआ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके के विरोध पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “डीएमके के लोग तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वे शिक्षा में राजनीति कर रहे हैं।”

वक्फ संशोधन बिल और विपक्ष का राज्यसभा से वॉकआउट

सरकार इस सत्र में वक्फ संशोधन बिल को पास कराने के लिए प्रतिबद्ध है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की कई समस्याओं का समाधान करेगा। हालांकि कांग्रेस, डीएमके और विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया और इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “सरकार देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। यह बिल पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।”

दूसरी ओर राज्यसभा में भी सोमवार को भारी हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट, अमेरिकी टैरिफ और मणिपुर हिंसा को लेकर राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग भाजपा के फ्रंटल संगठनों के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर ईडी की छापेमारी इसलिए हुई क्योंकि वह कांग्रेस के पंजाब प्रभारी बनाए गए हैं।”

मणिपुर हिंसा और राष्ट्रपति शासन पर गरमाई राजनीति

बजट सत्र के दूसरे चरण में मणिपुर हिंसा और वहां लगाए गए राष्ट्रपति शासन को लेकर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार मणिपुर के हालात सुधारने में विफल रही है और वहां हिंसा लगातार बढ़ रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रपति शासन पूरी तरह संवैधानिक है और इससे मणिपुर में स्थिति सामान्य होगी।

बता दें बजट सत्र के दूसरे चरण में कुल 16 बैठकें होंगी और यह सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल समेत 36 बिल पेश कर सकती है। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह वोटर लिस्ट, मणिपुर हिंसा और ट्राय-लैंग्वेज जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर चुका है। अब देखना यह होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच जारी यह टकराव क्या नया मोड़ लेता है।

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