Raipur Puchka Girl: रायपुर की गलियों से उठकर दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास तक का सफर तय करने वाली 23 साल की ईशा पटेल की कहानी किसी मिसाल से कम नहीं है।
कॉरपोरेट जॉब छोड़कर गोलगप्पों की दुनिया में कदम रखने वाली इस युवा उद्यमी की चर्चा अब हर जगह हो रही है।
इसकी वजह है उनका यूनिक स्टार्टअप “हाउस ऑफ पुचका” और उनके इस आइडिया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सराहना की है।
लाखों की नौकरी छोड़ बनाया गोलगप्पे का बिजनेस
ईशा पटेल ने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन किया और मुंबई की एक नामी कंपनी में 6 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर काम कर रही थीं।
लेकिन कुछ समय बाद कॉरपोरेट दुनिया की दौड़-भाग से ईश ऊब गईं और उनके फिर दिमाग में ख्याल आया क्यों न गोलगप्पों को एक ब्रांड की तरह पेश किया जाए?
बस, यहीं से शुरू हुई ‘पुचका गर्ल’ का दिलचस्प सफर पर ये राह आसान नहीं थी।

जब उन्होंने फंडिंग के लिए बैंकों के चक्कर काटे, तब उनकी उम्र सिर्फ 22 साल थी, इस कारण कोई भी बैंक लोन देने को तैयार नहीं था।
ईशा ने हंसते हुए बताया कि बैंक वालों को लगता था कि उनके पैसे डूब जाएंगे क्योंकि उन्होंने इतनी छोटी उम्र में गोलगप्पे का बिजनेस करने का जो सोचा था।
सरकारी योजना सहारा बनी और पुचका बन गया ब्रांड
बैंक वालों ने लोन नहीं दिया फिर भी ईशा ने हार नहीं मानी। इंटरनेट पर खोजबीन की और फिर उन्हें सरकार की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में पाता चला, जिसने उनके सपनों को उड़ान दी।
ईश को 6 लाख रुपये का मुद्रा लोन मिला और रायपुर के खमतराई इलाके में उन्होंने “हाउस ऑफ पुचका” की शुरुआत की।
यह सिर्फ एक ठेला नहीं, बल्कि एक मिनी कैफे है जहां 5 फ्लेवर के चटपटे पानी वाले गोलगप्पे सर्व किए जाते हैं।

ईशा ने इसके लिए अहमदाबाद से खास हाईजीनिक मशीनें मंगवाईं हैं, जिससे गोलगप्पे स्वच्छ और आकर्षक तरीके से तैयार होते हैं।
खास बात ये कि सबसे ज्यादा डिमांड कोलकाता स्टाइल पानी की है और इसी वजह से स्टार्टअप का नाम भी “हाउस ऑफ पुचका” रखा गया।
PM मोदी ने सराहा रायपुर की पुचका गर्ल का जज़्बा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने पर देशभर से सफल स्टार्टअप्स के प्रतिनिधियों को दिल्ली बुलाया।
जब ईशा ने अपने स्टार्टअप का प्रेजेंटेशन दिया, तो पीएम मोदी खुद उनकी बातों में इतने रम गए कि पूरा प्रेजेंटेशन ध्यान से देखा और तारीफ भी की। उन्होंने ईशा से कहा, “आपने जो जोखिम लिया, वो कई युवाओं के लिए प्रेरणा है।”

ईशा ने बताया कि PM से मिलना मेरे लिए सपने जैसा था। उन्होंने जो सराहना की, उससे मेरी मेहनत और जुनून को असली पहचान मिली।
गोलगप्पे का कैफे आज बना है युवाओं के लिए मिसाल
ईशा का गोलगप्पा कैफे रायपुर के युवाओं के बीच खासा पॉपुलर है। लोग सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि एक साहसी लड़की के जज्बे का स्वाद चखने आते हैं। ईशा को कभी 50 हजार की नौकरी छोड़ने का डर था और आज उनका हजारों में मंथली मुनाफा।
बता दें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के लिया जा सकता है। खास बात ये है कि इसके लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लगता और एक मुद्रा कार्ड भी मिलता है, जिससे बिजनेस के खर्चों का भुगतान किया जा सकता है। ये लोन कमर्शियल बैंक, ग्रामीण बैंक, माइक्रो फाइनेंस संस्थान और NBFC के जरिए मिल सकता है।
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