Rahul Gandhi Targets BJP: इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर हो रही है।
दरअसल, ये मुद्दा उस सोशल मीडियो पोस्ट से फिर से सुर्खियों में आ गया जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल पर की।
इस पोस्ट में उन्होंने भाजपा पर महाराष्ट्र चुनाव को लेकर मैच फिक्सिंग आरोप लगाया।
जहां इलेक्शन कमीशन ने राहुल के दावों को निराधार करार दिया, वहीं भाजपा ने इसे शर्मनाक बताया है।
महाराष्ट्र के बिहार में ‘मैच फिक्सिंग’ की तैयारी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को ‘मैच फिक्सिंग’ करार दिया है।
राहुल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पहले से योजना बनाकर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया।
राहुल ने कहा कि ये मामूली धोखाधड़ी नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर चुनावों में हेरफेर है।
महाराष्ट्र की यह मैच-फिक्सिंग अब बिहार में दोहराई जाएगी और फिर वहां भी… जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी।
मैच-फिक्स किए गए चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर की तरह होते हैं।
राहुल ने खोले राज, BJP की 5 स्टेप प्लानिंग
राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने चुनाव जीतने के लिए 5 स्टेप की प्लानिंग की थी।
पहला – चुनाव आयोग चुनने वाली टीम में गड़बड़ी की गई
दूसरा – वोटर लिस्ट में नकली नाम जोड़े गए
तीसरा – वोटिंग का आंकड़ा जानबूझकर बढ़ाया गया
चौथा – जहां बीजेपी को जीत चाहिए थी, वहां फर्जी वोट डलवाए गए
पांचवां – सबूतों को छुपा लिया गया
How to steal an election?
Maharashtra assembly elections in 2024 were a blueprint for rigging democracy.
My article shows how this happened, step by step:
Step 1: Rig the panel for appointing the Election Commission
Step 2: Add fake voters to the roll
Step 3: Inflate voter… pic.twitter.com/ntCwtPVXTu— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2025
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं
साल 2023 में केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन में बदलाव किया, जिसमें अब मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया।
राहुल गांधी का मानना है कि इससे चुनाव आयोग का निष्पक्ष होना मुश्किल हो गया।
राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में 8.98 करोड़ वोटर थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 9.29 करोड़ हो गए।
यानी पांच साल में 31 लाख वोटर बढ़े, लेकिन अगले पांच महीने में, जो नवंबर के विधानसभा चुनाव से पहले थे, ये संख्या और बढ़कर 9.70 करोड़ हो गई, जो 41 लाख ज्यादा है।
इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा कि वोटरों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि ज्यादा युवा वोट डालने लगे और नए वोटरों को जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया, लेकिन राहुल गांधी ने इसे सही नहीं माना।
राहुल को चुनाव आयोग और BJP का जवाब
इलेक्शन कमीशन ने राहुल के दावों को निराधार करार दिया है।
आयोग ने कहा, ‘चुनाव के फैसले पक्ष में नहीं आने के बाद ऐसे आरोप लगाना बेतुके हैं।
24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को भेजे अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।
वहीं भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को शर्मनाक बताया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी को अब नींद से जागना पड़ेगा।
जब तक वो जमीन पर नहीं उतरते और वास्तविकता नहीं समझते, तब तक कांग्रेस हारती रहेगी।
ये मतदाताओं का भी अपमान है, जिन्होंने लोकतंत्र के तहत वोट दिया।
लोकसभा में जीत के बाद विधानसभा में झटका
दरअसल, लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन INDIA ने महाराष्ट्र में धमाकेदार जीत दर्ज की थी।
लेकिन, कुछ महीने बाद आए विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस, उद्धव सेना और पवार गुट को बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों की एकता ने बीजेपी को झटका दिया था, वहीं विधानसभा चुनाव के नतीजों ने विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था।
बता दें 20 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर वोटिंग हुई थी और 23 नवंबर नतीजे आए थे।
महायुति को 230 सीटों पर जीत मिली थी। इसमें भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं।
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला महा विकास अघाड़ी (MVA) 46 सीटों पर सिमट गया।
शिवसेना (उद्धव) 20, कांग्रेस 16 और NCP (शरद पवार) के हिस्से 10 सीटें आईं।
2 सीटें सपा ने जीती हैं। 10 सीटें अन्य के खाते में गईं।
यह नतीजा उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका था, क्योंकि चुनाव से पहले ही वे अपनी पार्टियों और उनके चुनाव चिन्ह खो चुके थे।
सरकार महायुति की बन गई लेकिन कांग्रेस उन पर तब से लेकर अब तक मैच फिक्सिंग का आरोप लगाती आ रही है।
बिहार चुनाव से पहले एक बार फिर राहुल गांधी के इन आरोपों ने इस मुद्दे को फिर से हवा दे दी है।
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