Rahul Gandhi Karnataka Visit: कर्नाटक की विजयनगर ज़िले में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए गरीब और वंचित तबकों को बड़ी सौगात दी।
‘समर्पण संकल्प रैली’ के नाम से आयोजित इस जनसभा में उन्होंने 1 लाख 11 हजार 111 लोगों को उनके घर और ज़मीन के मालिकाना हक के डिजिटल दस्तावेज सौंपे।
यह कार्यक्रम कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित किया गया था, जिसमें राहुल गांधी ने राज्य की जनता से किए गए वादों को पूरा करने का दावा करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला भी बोला।
कांग्रेस के वादे पर अमल का दावा
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, दो साल पहले जब हमने चुनाव लड़ा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस जो वादे कर रही है, वह पूरे नहीं कर पाएगी।
लेकिन आज हम यहां खड़े होकर कह रहे हैं कि हमने वो वादे न सिर्फ पूरे किए, बल्कि उससे आगे जाकर जनता को उनका हक भी दिया।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस सरकार का मकसद सिर्फ शासन चलाना नहीं, बल्कि आम जनता को उनके संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों से सशक्त बनाना है।
उन्होंने इसे इंदिरा गांधी के सपनों की पूर्ति बताया, जो हर भारतीय को जमीन और छत देने का सपना देखती थीं।
Restoring People's Rights, Empowering The Marginalised
📍 Karnataka pic.twitter.com/bnpX8qtpuB
— Congress (@INCIndia) May 20, 2025
पांच नहीं, अब छह गारंटी पूरी
राहुल गांधी ने मंच से कर्नाटक में चुनाव के दौरान की गई पांच गारंटियों को दोहराते हुए बताया कि इन सभी वादों को सरकार ने जमीनी हकीकत में बदल दिया है:
- गृह लक्ष्मी योजना: 2 करोड़ महिलाओं को हर महीने ₹2000 की वित्तीय मदद।
- गृह ज्योति योजना: हर परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली।
- अन्न भाग्य योजना: 4 करोड़ लोगों को हर महीने 10 किलो मुफ्त अनाज।
- शक्ति योजना: महिलाओं को राज्य की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा। अब तक लगभग 500 करोड़ ट्रिप फ्री हो चुके हैं।
- युवा निधि योजना: राज्य के 3 लाख युवाओं को ₹3000 प्रतिमाह।
राहुल ने इस मौके पर ‘छठी गारंटी’ की भी घोषणा की – भूमि और आवास का मालिकाना हक।
उन्होंने कहा कि लाखों लोग वर्षों से सरकारी या निजी जमीन पर बसे हैं, लेकिन उनके पास उसका कोई वैध दस्तावेज नहीं था। आज हमने उन सभी को कानूनी हक सौंपे हैं।
Today, the Congress Government in Karnataka is providing ownership land titles to more than one lakh people, including SC-ST-OBC communities.
We have fulfilled all of our major guarantees —
✅Gruha Lakshmi – 1.22 Crore beneficiaries (₹42,552 Crore)
✅Gruha Jyothi – 1.63… pic.twitter.com/JbHgIDJzLY
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 20, 2025
बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला
राहुल गांधी ने इस मौके पर बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, बीजेपी का मॉडल कुछ खास पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। ये लोग जनता का पैसा लेकर लंदन और न्यूयॉर्क में एसेट्स खरीदते हैं।
दूसरी तरफ, कांग्रेस सरकार गरीबों की जेब में पैसा डालती है, जो वापस बाजार में जाता है और अर्थव्यवस्था को मज़बूत करता है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं भी कर्ज लेकर लेनी पड़ती हैं, जबकि कांग्रेस सरकार उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सीधे वित्तीय सहायता दे रही है।
Congress President Shri @kharge and LoP Shri @RahulGandhi addressed the Samarpane Sankalpa Rally at Hosapete, Vijayanagara.
Congress has launched its 6th guarantee for the people of Karnataka wherein 1 Lakh SC, ST and OBC families have been given ownership rights.
We promised,… pic.twitter.com/UDqCZrJE8e
— Congress (@INCIndia) May 20, 2025
राजस्व गांव और डिजिटल खतौनी की शुरुआत
कार्यक्रम में कर्नाटक सरकार के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने बताया कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा टाइटल डीड वितरण कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा कि 2017 से 2019 तक केवल 36,000 दस्तावेज जारी किए गए थे, 2019 से 2023 तक 72,000 और अब कांग्रेस सरकार ने दो वर्षों में 1 लाख से अधिक परिवारों को मालिकाना हक सौंपा है।
अगले छह महीनों में 50,000 और लाभार्थियों को यह हक दिया जाएगा।
एक बड़ी पहल के रूप में उन्होंने बताया कि अब सभी दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में होंगे, जो ग्राम पंचायत के संपत्ति रजिस्टर से ऑनलाइन लिंक किए जाएंगे।
इससे कोई भी व्यक्ति अपने घर या जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकेगा और फर्जीवाड़े या भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं रहेगी।
योजना के तहत किन्हें मिला लाभ?
इस योजना के तहत मुख्य रूप से घुमंतू, अर्ध-घुमंतू, दलित, आदिवासी और ग्रामीण खेतिहर समुदायों को लाभ मिला है, जो वर्षों से जमीन पर तो रहते थे, पर उनके पास मालिकाना हक नहीं था।
अब इनकी बस्तियों को ‘रेवेन्यू विलेज’ का दर्जा दिया जा रहा है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की यह घोषणा न सिर्फ कांग्रेस की जनप्रियता को बढ़ा सकती है, बल्कि अगले कर्नाटक विधानसभा चुनावों में यह एक निर्णायक मुद्दा भी बन सकता है।
भूमि अधिकार से जुड़े फैसले विशेषकर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों में गहरी पकड़ बना सकते हैं।
साथ ही, यह कार्यक्रम एक संकेत है कि कांग्रेस अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), डिजिटल प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स और ग्रामीण सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को अपने विकास मॉडल के केंद्र में रख रही है।
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