Sharmishta Arrest Controversy: पुणे की 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक बहस छेड़ दी है।
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पर दिए गए बयान के बाद शुरू हुआ विवाद अब कानून, राजनीति, सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुका है।
जहां एक ओर समर्थन में लोग उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कानून का हवाला देकर गिरफ्तारी को जायज़ ठहराया जा रहा है।
पहले जानें क्या है पूरा मामला?
22 अप्रैल 2025 को शर्मिष्ठा पनोली ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए, जो “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर थे।
यह ऑपरेशन भारत की तरफ़ से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था।
पुलिस के अनुसार, इस वीडियो में पैगंबर मोहम्मद और एक धर्म विशेष के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां थीं।
इसके बाद AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने 14 मई को इस वीडियो को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
इस मामले में कोलकाता के गार्डेनरीच थाने में FIR दर्ज की गई।
कोलकाता पुलिस के मुताबिक, शर्मिष्ठा और उनके परिवार को कई बार नोटिस दिए गए लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और वे फरार मानी गईं, तो अलीपुर कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ।
30 मई को उन्हें गुरुग्राम के डीएलएफ इलाके से गिरफ्तार किया गया और 31 मई को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
माफी के बाद गिरफ्तारी पर पुलिस की सफाई
शर्मिष्ठा पनोली ने 15 मई को एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बिना शर्त माफी मांगी थी और विवादित वीडियो को हटा दिया था।
उन्होंने लिखा, “मेरी भावनाएं व्यक्तिगत थीं। मेरा इरादा किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था। मैं बिना शर्त माफ़ी मांगती हूं।”
हालांकि, कोलकाता पुलिस का कहना है कि माफी से अपराध समाप्त नहीं होता और जब मामला सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने जैसा गंभीर हो, तब कानून के तहत कार्रवाई आवश्यक है।
गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में आलोचना के बीच कोलकाता पुलिस ने रविवार को फेसबुक पर एक विस्तृत पोस्ट में स्पष्टीकरण दिया।
पुलिस ने कहा, शर्मिष्ठा पनोली को देशभक्ति व्यक्त करने या निजी विचार रखने के लिए नहीं, बल्कि समुदायों के बीच घृणा फैलाने वाली आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तारी पूरी तरह वैधानिक प्रक्रिया का पालन कर की गई और गिरफ्तारी को ‘गैरकानूनी’ बताने वाले बयान शरारती और भ्रामक हैं।
देश ही नहीं विदेशों में भी शर्मिष्ठा का समर्थन
इस मामले ने कई नामचीन हस्तियों को अपनी ओर खींचा है।
मंडी से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने तत्काल रिहाई की मांग की।
कंगना ने कहा युवाओं से कुछ असभ्य शब्द निकल सकते हैं। लेकिन जब माफी मांग ली गई है, तो सज़ा क्यों?
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और अभिनेता पवन कल्याण ने भी सवाल किया।
जब हमारे धर्म को ‘गंध धर्म’ कहा जाता है, तब कोई गिरफ्तारी नहीं होती। यहां तुरंत कार्रवाई क्यों?
During Operation Sindoor, Sharmistha, a law student, spoke out, her words regrettable and hurtful to some. She owned her mistake, deleted the video and apologized. The WB Police swiftly acted, taking action against Sharmistha.
But what about the deep, searing pain inflicted… pic.twitter.com/YBotf34YYe
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) May 31, 2025
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी टीएमसी सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा, महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहने वालों पर कार्रवाई नहीं होती, लेकिन एक युवती की टिप्पणी पर त्वरित गिरफ्तारी कर ली जाती है।
Mamata Banerjee – 'Maha Kumbh is Mrityu Kumbh'. 'Jai Shree Ram is insulting abusive cuss word, hurled towards her.' ❌ No legal action.
Mahua Moitra – “Kali to me is a meat-eating, alcohol-accepting Goddess,” ❌ No legal action.
Firhad Hakim – “Those who are not born in Islam… https://t.co/LaWLeD5NpJ
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) June 1, 2025
इस मुद्दे ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान भी खींचा। अमेरिका में जहां शर्मिष्ठा पनोली के समर्थन में प्रदर्शन किया गया।
वहीं नीदरलैंड के सांसद गीर्ट विल्डर्स ने ट्वीट कर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया और उनकी रिहाई की मांग की।
Free the brave Sharmishta Panoli!
It’s a disgrace for the freedom of speech that she was arrested.
Don’t punish her for speaking the truth about Pakistan and Muhammad.
Help her @narendramodi! @AmyMek #Sharmishta#IStandwithSharmishta #ReleaseSharmistha #FreeSharmishta pic.twitter.com/YhGSLhuyr2
— Geert Wilders (@geertwilderspvv) May 31, 2025
#ReleaseSharmistha VS #ArrestSharmistha
इंटरनेट पर यह मामला दो भागों में बंट गया है।
एक ओर #ReleaseSharmistha और #IStandWithSharmistha जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिनमें लोग उनकी माफी को स्वीकार करते हुए रिहाई की मांग कर रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर #ArrestSharmistha जैसे हैशटैग भी चल रहे हैं, जहां लोग धार्मिक भावना आहत करने पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मशहूर यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया ने भी गिरफ्तारी का विरोध किया, जिन्हें शर्मिष्ठा ने अपने वीडियो में निशाने पर लिया था।
रणवीर ने कहा, सोशल मीडिया पर गुस्सा जायज हो सकता है, लेकिन गिरफ्तारी और हिंसा की धमकियां गलत दिशा हैं। हमें संवाद की जरूरत है, न कि सज़ा की।
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ने भी कहा कि शर्मिष्ठा का बयान अनुचित था, लेकिन माफी के बावजूद इतनी कठोर कार्रवाई विचारों को दबाने जैसा है।
हालांकि कुछ लोग गिरफ्तारी को कानून के अनुसार उठाया गया कदम मानते हैं।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया, नफरत फैलाने वालों को कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए। कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए।
वहीं, कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कहा कि किसी भी धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान स्वीकार नहीं किए जा सकते।
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