Bihar Poster Politics

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‘नायक नहीं खलनायक हूं मैं’, बिहार दिवस के मौके पर CM नीतीश के खिलाफ RJD का पोस्टर

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Bihar Poster Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वार देखने को मिल रहा है। राजधानी पटना में आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए पोस्टर लगाए हैं, जिनमें उन्हें ‘खलनायक’ बताया गया है। आरजेडी द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में नीतीश कुमार पर महिलाओं, महात्मा गांधी और राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगाया गया है।

इस राजनीतिक हमले के जवाब में भाजपा और जेडीयू के नेताओं ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए आरजेडी और लालू परिवार पर तीखा हमला बोला है। इस पोस्टर को बिहार दिवस के मौके पर लगाया गया, जिससे राजनीतिक हलचल और तेज हो गई।

RJD के पोस्टर में नीतीश ‘खलनायक’

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर के बाहर लगे नए पोस्टर से बिहार की राजनीति में हलचल है। पटना में आरजेडी नेता और जहानाबाद के मखदुमपुर से पूर्व जिला पार्षद संजू कोहली द्वारा लगाए गए पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्टून वाली तस्वीर बनी हुई है। इस पोस्टर में लिखा गया है, “नायक नहीं, जी हां मैं हूं खलनायक। हां, मैने किया है महिलाओं का अपमान। गांधी जी का किया है अपमान। अब हो गया है राष्ट्रगान का अपमान।”

बता दें सेपक टकरा वर्ल्ड कप के उदघाटन समारोह में सीएम नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगने के बाद यह मुद्दा विधानसभा और विधान परिषद में भी गूंजा था। जिसके बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की थी।

RJD के आरोपों पर BJP-JDU का पलटवार

इस पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरजेडी और लालू परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार बिहार के नायक हैं और खलनायक आरजेडी का पूरा परिवार रहा है। इन लोगों ने सिर्फ बिहार को लूटने का काम किया है। तेजस्वी यादव के माता-पिता के शासनकाल में बिहार में अपहरण उद्योग फल-फूल रहा था, महिलाओं की सुरक्षा खतरे में थी। वहीं भाजपा नेता ने शिल्पी राज कांड और चंपा विश्वास कांड का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी घटनाएं लालू-राबड़ी के शासनकाल में हुई थीं। उन्होंने दावा किया कि महिला सशक्तिकरण के लिए जो कार्य नीतीश कुमार ने किए हैं, वे पूरे देश में एक मिसाल हैं।

बिहार में चुनावी माहौल और पोस्टर पॉलिटिक्स

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए पोस्टर पॉलिटिक्स तेज हो गई है। आरजेडी और जेडीयू के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है और पोस्टर वार इसी का एक उदाहरण है। पिछले कुछ महीनों में बिहार की सड़कों पर कई राजनीतिक पोस्टर देखे गए हैं।

हाल ही में लालू यादव को लेकर एक पोस्टर लगाया गया था, जिसमें लिखा गया था, “ना झुका हूं, ना झुकूंगा, टाइगर अभी जिंदा है।” यह पोस्टर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स की पूछताछ पर लालू यादव के रुख को दर्शाने के लिए लगाया गया था।

इसके अलावा पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के बाहर भी लगातार दो दिनों तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ पोस्टर लगाए गए। विपक्ष की यह रणनीति यह दर्शाती है कि वह नीतीश सरकार पर लगातार हमले जारी रखेगी और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास करेगी।

पोस्टर वार का जनता पर कितना असर ?

बिहार में पोस्टर वार ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। हालांकि बिहार की राजनीति में पोस्टर पॉलिटिक्स कोई नई बात नहीं है। इससे पहले बीते शुक्रवार को भी पटना में आरजेडी की ओर से एक पोस्टर लगाया गया था। यह पोस्टर बढ़ते अपराध को लेकर था, जिसमें लिखा गया था, “धृतराष्ट्र की सरकार है कुर्सी कुमार”, बिहार में अपराधियों की बहार है क्योंकि 18 साल से सत्ता में एनडीए की सरकार है”।

आरजेडी और जेडीयू के बीच जुबानी जंग के साथ-साथ पोस्टर पॉलिटिक्स जारी है और दोनों के बीच शक्ति संतुलन बनाने की होड़ लगी है। विपक्ष इस तरह के पोस्टर के जरिए अपनी बात जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जेडीयू और भाजपा इसे महज एक चुनावी स्टंट मान रहे हैं। अब पोस्टर पॉलिटिक्स जनता पर कितना असर डालेगी? इसका जवाब विधानसभा चुनावों में देखने को मिलेगा।

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