Politics Over Ramadan Shopping

Politics Over Ramadan Shopping

‘रमजान पर सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों से करें खरीदारी’, फेक मैसेज पर आमने-सामने कांग्रेस और भाजपा

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Politics Over Ramadan Shopping: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रमजान के पवित्र महीने के दौरान सोशल मीडिया पर एक नफरत भरा संदेश तेजी से वायरल हो रहा है। इस संदेश में मुस्लिम समाज से अपील की गई है कि वे रमजान के दौरान सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों से ही खरीदारी करें और गैर-मुस्लिम दुकानों से पूरी तरह परहेज करें। यह फेक मैसेज वायरल होते ही शहर में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी भी सामने आई है।

रमजान में खरीदारी पर फेक मैसेज वायरल

भोपाल में रमजान के पवित्र माह में गैर मुस्लिम दुकानों से खरीदी नहीं करने के मामले में आरोप-प्रत्यारोप जारी है। दरअसल, सोशल मीडिया पर हिंदू – मुस्लिम के बीच तनाव भड़काने वाला एक मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें मुस्लिम समाज से कहा गया है कि रमजान के दौरान रोजे खोलने के लिए जरूरी सामान, इफ्तार सामग्री और त्योहार से जुड़ी खरीदारी सिर्फ अपने मुस्लिम भाइयों की दुकानों से ही करें।

संदेश में यह भी कहा गया कि हिंदू दुकानदारों से किसी भी तरह की खरीदारी करने से बचें, क्योंकि वे नफरत में कुछ भी खिला सकते हैं। मुस्लिम भाइयों की तिजारत को मजबूत करें और इस्लाम भाईचारा को बढ़ावा दें। इस तरह के संदेशों ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी और शहर में तनाव का माहौल बन गया।इस मैसेज के वायरल होते ही शहर में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की आशंका बढ़ गई है।

रामेश्वर शर्मा ने कहा- हिंदुओं को चुनौती मत दो

इस नफरत भरे संदेश के जवाब में भाजपा के वरिष्ठ विधायक और हुजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बनाया है, जिसमें सबको समान अधिकार है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हिंदुओं को चुनौती देना बंद करें। यदि हिंदू समाज ने भी बहिष्कार करना शुरू कर दिया, तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हिंदू समाज सहिष्णु है, सबको साथ लेकर चलता है, लेकिन अगर बार-बार हिंदुओं को निशाना बनाया गया तो करारा जवाब देने से भी पीछे नहीं हटेगा। हिंदू समाज चींटी को भी दाना डालता है और सांप को भी दूध पिलाता है। लेकिन अगर किसी ने हिंदू समाज को कमजोर समझने की भूल की, तो इसका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।

आरिफ बोले- वायरल मैसेज से नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

इस पूरे मामले में कांग्रेस विधायक और शहर की मध्य विधानसभा सीट से विधायक आरिफ मसूद ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के संदेश किसी भी सूरत में सही नहीं हैं और यह किसी व्यक्तिगत व्यक्ति की सोच हो सकती है। हम तो शांति और मोहब्बत वाले लोग है, जो मैसेज वायरल हो रहा है वो गलत है। किसी भी बड़े मुस्लिम संगठन, उलेमा या धार्मिक संस्था ने इस तरह का कोई आह्वान नहीं किया है। मसूद ने कहा कि भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब को खराब करने की यह कोशिश नाकाम होगी। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल है और इस तरह के नफरती मैसेज का कोई असर नहीं होगा।

मुस्लिम समाज के धर्मगुरु ने सिरे से किया खारिज

मुस्लिम समाज के धर्मगुरु और भोपाल के शहर काजी सैयद अनस अली ने भी इन संदेशों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि व्यापार का कोई धर्म नहीं होता और रमजान हो या कोई भी मौका, लोग वहां से सामान खरीदते हैं जहां अच्छा और सस्ता मिलता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज भी हिंदू दुकानों से सामान खरीदता है और इस तरह के भेदभाव को बढ़ावा देने वाली बातें पूरी तरह गलत और भड़काऊ हैं। काजी अनस अली ने कहा कि किसी को भी धर्म के नाम पर व्यापार में भेदभाव करने का हक नहीं है। जो भी इस तरह की बातें फैला रहे हैं, वे समाज को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। मुस्लिम समाज ऐसा भेदभाव कभी नहीं करता, न ही करेगा।

हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव भड़काने की साजिश

इस पूरे विवाद ने न सिर्फ राजनीतिक रंग ले लिया है, बल्कि शहर के बाजारों में भी असर दिखने लगा है। व्यापारी समुदाय ने भी इन संदेशों पर नाराजगी जताई है और प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भड़काऊ संदेश फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। पुलिस साइबर सेल ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार ये भड़काऊ संदेश वायरल करने के पीछे कौन लोग हैं।

भोपाल जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर में त्योहारों के दौरान इस तरह के मैसेज सोची-समझी साजिश का हिस्सा माने जा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए इस तरह के मैसेज फैलाकर धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है, जिससे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंच सकता है। फिलहाल, प्रशासन और पुलिस ने भी लोगों से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और बिना जांचे-परखे किसी भी भड़काऊ संदेश को शेयर न करें।

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