PM Modi in BRICS Summit 2025: 17वें BRICS सम्मेलन में एक बार फिर आतंकवाद, वैश्विक असमानता और वैश्विक शासन में सुधार जैसे मुद्दे छाए रहे।
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित इस सम्मेलन में 11 सदस्य देशों ने 126 बिंदुओं वाला 31 पेज का साझा घोषणापत्र जारी किया।
इसमें खासतौर पर भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की कड़ी निंदा की गई।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को सबसे मुखर तरीके से उठाया।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर सीधा वार है।
पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को सिद्धांत और नैतिकता से जोड़ते हुए कहा, आतंकवाद की निंदा सुविधा के आधार पर नहीं, बल्कि उस पर नीति होनी चाहिए।
मोदी ने BRICS देशों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और कठोर रुख अपनाएं।
उन्होंने कहा, आतंक के समर्थकों और पीड़ितों को एक नजरिए से नहीं देखा जा सकता।
राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को मौन समर्थन देना मानवता से गद्दारी है।
वैश्विक व्यवस्था में बदलाव की ज़रूरत
पीएम मोदी ने अपने भाषण में 21वीं सदी के तकनीकी युग की तुलना 20वीं सदी की वैश्विक संस्थाओं से की।
उन्होंने कहा, आज तकनीक हर हफ्ते अपडेट हो रही है, लेकिन वैश्विक संस्थान 80 सालों में भी नहीं बदले।
20वीं सदी के टाइपराइटर से हम 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर नहीं चला सकते।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) में व्यापक सुधार की मांग की।
मोदी ने ‘ग्लोबल साउथ’ यानी विकासशील देशों के साथ हो रहे भेदभाव की भी बात उठाई।
उन्होंने कहा कि इन देशों के साथ विकास, संसाधनों और सुरक्षा के मुद्दों पर हमेशा दोहरा रवैया अपनाया गया है।
भारत ने हमेशा अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर मानवता को प्राथमिकता दी है।
Addressed the BRICS Summit Plenary session on ‘Strengthening Multilateralism, Economic-Financial Affairs, and Artificial Intelligence.’ Focused on how to make the BRICS platform even more effective in this increasingly multipolar world. Also gave a few suggestions which are… pic.twitter.com/zRqyEa9q2v
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
BRICS से जुड़ने वाले देशों पर लगेगा 10% टैरिफ
BRICS सम्मेलन के समानांतर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है।
ट्रंप ने कहा कि जो भी देश BRICS में शामिल होंगे, उन पर अमेरिका 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, BRICS अमेरिका विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रहा है।
इसमें शामिल होने वाले किसी भी देश को रियायत नहीं मिलेगी।
दरअसल, BRICS के घोषणापत्र में विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ लगाए जा रहे टैरिफ पर चिंता जताई गई थी, जिसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए खतरनाक बताया गया था।
हालांकि अमेरिका का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया, लेकिन ट्रम्प ने इस इशारे को सीधी चुनौती मान लिया।
BRICS देशों से ग्लोबल ऑर्डर सुधारने की अपील
चीनी ने BRICS देशों से ग्लोबल ऑर्डर (वैश्विक शासन) में सुधार के लिए अपील की है।
चीनी प्रधानमंत्री ली क्यांग ने 17वें BRICS सम्मेलन के दौरान कहा कि BRICS देशों को एक न्यायसंगत, बराबरी वाला और प्रभावी वैश्विक शासन स्थापित करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चीन, BRICS देशों के साथ मिलकर एक नए वैश्विक ऑर्डर के निर्माण के लिए तैयार है।
आपको बता दें BRICS (Brazil, Russia, India, China, South Africa) अब 11 सदस्य देशों का समूह बन चुका है।
इसमें हाल ही में ईरान, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और UAE को भी जोड़ा गया है।
इसका उद्देश्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाना और विकसित देशों के वर्चस्व को चुनौती देना है।
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