Pilot Sumeet Sabharwal: एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जहां पूरा देश स्तब्ध रह गया।
वहीं अब हादसे से जुड़ी जांच रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी सामने आ रही है।
हाल ही में खुलासा हुआ है कि अगर कैप्टन सुमीत सभरवाल ने कुछ सेकंड की सूझबूझ नहीं दिखाई होती, तो हजारों लोगों की और जान जा सकती थी।
मरने से पहले भी फर्ज निभाकर गए कैप्टन सुमीत
12 जून को घटना के वक्त विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के चलते उसका नियंत्रण बिगड़ गया।
जांच में सामने आया है कि जब पायलट को अंदेशा हो गया कि विमान को सुरक्षित लैंड कराना संभव नहीं है, तो उन्होंने एक बहादुरी भरा निर्णय लिया।
उन्होंने जहाज को जानबूझकर कम आबादी वाले क्षेत्र में स्थित मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर क्रैश करवाया।
एक वरिष्ठ विमानन अधिकारी के अनुसार, यदि विमान 3 सेकेंड पहले या बाद में गिरता, तो यह सीधा सिविल हॉस्पिटल, मिलिट्री हॉस्पिटल या गुजरात कैंसर सोसाइटी मेडिकल कॉलेज जैसी घनी आबादी वाले संवेदनशील इमारतों से टकरा सकता था।
इससे करीब 1200 लोगों की जान और जा सकती थीं।
हॉस्टल की छत से फिसलकर पेड़ों में गिरा विमान
घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे विशेषज्ञों ने बताया कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की क्रैश ट्रैजेक्टरी बताती है कि यह मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की छत से टकराकर पेड़ों में आकर फंसा।
इससे आसपास की रिहायशी बस्तियों और अस्पतालों को किसी तरह की क्षति नहीं हुई, जो कि इस दुर्घटना की सबसे बड़ी राहत कही जा सकती है।
हादसे में पायलट समेत 270 लोगों की गई जान
कैप्टन सुमीत सभरवाल (56) जिनके पास 8200 घंटे का उड़ान अनुभव था, इस हादसे में वीरगति को प्राप्त हुए। उनका अंतिम संस्कार 17 जून को मुंबई में किया गया।
उनके साथ 1100 घंटे का उड़ान अनुभव रखने वाले फ्लाइट के फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर की भी मौत हो गई।
विमान में क्रू मेंबर सहित 242 लोगों थे। हादसे में कुल 270 लोगों की जानें गई। इसमें विमान में सवार 241 और अन्य वो लोग थे जिस जगह विमान क्रैश हुआ।
इस हादसे में विमान में बैठा केवल एक यात्री किसी तरह जिंदा बच सका, जिसे चमत्कार ही माना जा रहा है।
ICAO भी जांच में हुआ शामिल, भारत ने दी अनुमति
भारत सरकार ने इस हादसे की जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की विमानन संस्था ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के विशेषज्ञ को ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल करने की अनुमति दी है। ICAO ने खुद भारत से जांच में शामिल होने का अनुरोध किया था।
इसके साथ ही, अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) अधिकारी, विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस जांच में सक्रिय रूप से लगे हैं।
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