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baldness in maharastra by wheatमहाराष्ट्र। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के करीब 18 गांवोंके लोगों के सामने बल झड़ने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। पिछले 3 महीने में करीब 279 लोगों के बाल तेज़ी से झड़ गए। जब इन लोगों के कई टेस्ट कराये गए तो पता चला जिस गेहूं का वो इस्तेमाल कर रहे थे उसमें सेलिनियम की मात्रा बहुत ज्यादा थी। महाराष्ट्र में ये गेहूं हरियाणा और पंजाब से आ रहे थे। विशेषज्ञ डॉ. हिम्मतराव बावस्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस समस्या का कारण पंजाब व हरियाणा से आए गेंहू में ज्यादा मात्रा में सेलिनियम पाया जाना है। रिपोर्ट के आधार पर डॉ. बावस्कर ने बताया था कि इस बीमारी का नाम एलोपेसिया है।
करनाल में भारतीय गेहूं एंव जौ अनुसंधान संस्थान (IWBRI) मामले पर गंभीर हो गया है। वहीं इस संस्थान के निदेशक ने कहा कि अभी तक तो हमारे पास कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन इस गेंहूं की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी रिपोर्ट तैयार होगी वो केंद्र सरकार के पास भेजी जाएगी।
जांच में हुआ था खुलासा
महाराष्ट्र के रायगढ़ रिसर्च सेंटर में MD डॉ. बावस्कर ने बताया कि इससे प्रभावित लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें ब्लड में 35 गुना, यूरिन में 60 गुना और बालों में 150 गुना सेलेनियम की मात्रा बढ़ी हुई थी। हरियाणा और पंजाब के गेंहू में सेलिनियम के 600 गुना पाई जाती है। बावस्कर ने रिपोर्ट के आधार पर बताया कि इस बीमारी का नाम एलोपेसिया है। पिछले साल दिसंबर और इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के बुलढाणा के 18 गांवों में 279 लोगों की जांच में इस बीमारी का खुलासा हुआ। डॉ. बावस्कर ने कि जब हरियाणा-पंजाब के गेंहू को कुछ दिन खाना बंद किया तो बाल झड़ने की समस्या में कमी आई।
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