Pak Two Nation Theory

Pak Two Nation Theory

पाक की टू-नेशन थ्योरी! आर्मी चीफ जनरल बोले- हमारी सोच अलग, इसलिए दो अलग देश बने

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Pak Two Nation Theory: इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन 2025 के दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के दिए गए बयानों ने न सिर्फ पाकिस्तान के भीतर बल्कि भारत में भी तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है।

जनरल मुनीर ने अपने भाषण में टू-नेशन थ्योरी को दोहराया, हिंदुओं और मुसलमानों की सोच को अलग बताया, कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ करार दिया और बलूचिस्तान में उग्रवाद को कुचलने की चेतावनी दी। उ

आर्मी चीफ का टू-नेशन थ्योरी पर ज़ोर

जनरल असीम मुनीर ने सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान की नींव कलमे पर रखी गई है और यह देश इस विचार पर बना कि मुस्लिमों की सोच, जीवनशैली और महत्वाकांक्षाएं हिंदुओं से अलग हैं।

उन्होंने साफ तौर पर कहा, हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म, हमारे रीति-रिवाज, हमारी संस्कृति और सोच सब अलग हैं। यही टू-नेशन थ्योरी की नींव थी।

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान इसलिए बना क्योंकि हम एक देश नहीं हो सकते थे। पाकिस्तान की कहानी बच्चों को सुनाना जरूरी है ताकि वो देश की नींव और बलिदान को समझ सकें। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है, हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है।

जनरल मुनीर ने कहा कि इतिहास में सिर्फ दो रियासतें कलमे पर बनीं है। पहली रियासत-ए-तैयबा, क्योंकि तैयबा को हमारे नबी (मोहम्मद साहब) ने नाम दिया था, जिसे आज मदीना कहते हैं और दूसरी रियासत 1300 साल बाद अल्लाह ने पाकिस्तान बनाई

बता दें जनरल असीम मुनीर का कार्यकाल पहले 2025 में समाप्त होना था, लेकिन सरकार ने पाकिस्तान आर्मी एक्ट 1952 में संशोधन कर उनके कार्यकाल को बढ़ाकर 2027 तक कर दिया है।

इसके साथ ही अन्य सीनियर कमांडरों का कार्यकाल भी बढ़ाया गया है।

कश्मीर को बताया ‘गले की नस’, बलूचिस्तान पर चेतावनी 

अपने भाषण में जनरल मुनीर ने कश्मीर मुद्दे पर भी अपनी राय रखी और उसे पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया।

उन्होंने कहा, कश्मीर हमारी गले की नस था, है और रहेगा। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कश्मीर के संघर्ष को गाज़ा की स्थिति से जोड़ते हुए कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों का दिल गाज़ा के मुसलमानों के लिए भी धड़कता है

बलूचिस्तान में बढ़ते विद्रोह और आतंकी गतिविधियों पर भी जनरल असीम मुनीर ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) समेत सभी विद्रोही गुटों को सीधी चेतावनी दी।

जनरल  मुनीर ने कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गौरव है। क्या आप इसे आसानी से छीन लेंगे? दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। इंशाअल्लाह, हम इन आतंकियों को जल्द ही कुचल देंगे।

उन्होंने मार्च 2025 में जफर एक्सप्रेस के अपहरण जैसे हालिया हमलों का हवाला दिया और कहा कि 1500 आतंकी पाकिस्तान का भविष्य नहीं बदल सकते।

भारत और भारतीय सेना पर भी की टिप्पणी

अपने भाषण में जनरल मुनीर ने भारत पर भी आरोप लगाए कि वह पाकिस्तान में दखलअंदाजी कर रहा है।

उन्होंने कहा, भारत हमारी जमीन पर आतंक बढ़ा रहा है। वे हमारे मुल्क में घुसकर पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या कर रहे हैं।

उन्होंने आगे दावा किया कि अगर भारत की 13 लाख सैनिकों वाली सेना पाकिस्तान को डरा नहीं सकी, तो आतंकवादी भी पाक सेना को हरा नहीं सकते।

उनका कहना था कि पाकिस्तान की तरक्की को कोई नहीं रोक सकता, जब तक जनता अपनी सेना के साथ खड़ी है।

वहीं, आर्मी चीफ मुनीर पाकिस्तान में इमरान खान की रिहाई के लिए हुए प्रदर्शन की तुलना बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान बने हालात से करने पर मुनीर भड़क गए थे।

उन्होंने कहा था देश में संकट खड़ा करना सबसे बड़ा गुनाह है। सेना ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम कर देगी और देश की हिफाजत करेगी।

मुनीर ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तान में अराजकता फैलाने की कोशिश करता है तो ‘अल्लाह कसम’, हम उनसे मुकाबला करेंगे।

पाक आर्मी चीफ के बयान पर भारत की प्रतिक्रिया

जनरल मुनीर के बयानों पर भारत में भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।

  • शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, हां, भारत और पाकिस्तान अलग देश हैं। हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। भारत पुल बनाना चाहता है और पाकिस्तान पुल पर बम गिराना।
  • सेना के पूर्व अधिकारी मेजर मदन कुमार ने कहा कि मुनीर का बयान साफ दिखाता है कि उन्हें भारत और हिंदुओं से नफरत है।
  • सुरक्षा विशेषज्ञ प्रवीण साहनी ने कहा, भारत और पाकिस्तान एक साझा सभ्यता हैं, लेकिन धर्म के आधार पर नफरत फैलाना गलत है। हमें अपने बच्चों को इंसानियत सिखानी चाहिए, न कि नफरत।
  • पत्रकार ताहा सिद्दिकी ने जनरल मुनीर को ‘हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने वाला’ बताया और कहा कि टू-नेशन थ्योरी पहले ही 1971 में बांग्लादेश के अलग होने से विफल हो चुकी है।

जनरल मुनीर के भाषण पाकिस्तान में भी विरोध

पाकिस्तान के अंदर भी जनरल मुनीर के भाषण को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

बलोच अमेरिकन कांग्रेस ने मुनीर के बलूचिस्तान संबंधी बयान की कड़ी आलोचना की। संगठन ने कहा कि पाक सेना को बलूचिस्तान से सम्मानपूर्वक निकल जाना चाहिए, वरना बांग्लादेश जैसा हश्र दोहराया जाएगा।

वहीं सोशल मीडिया पर #ForwardedAsReceived ट्रेंड करने लगा, जिसमें सेना द्वारा महिलाओं पर अत्याचार, जबरन अपहरण और हिंसा की तस्वीरें साझा की गईं।

हालांकि, कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों और नागरिकों ने मुनीर की ओर से आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की सराहना भी की।

फिलहाल, जनरल मुनीर का यह भाषण पाकिस्तान के वैचारिक रुख को दर्शाता है, जिसमें धार्मिक पहचान, कश्मीर की लड़ाई और आतंकी विरोध की सख्ती को प्रमुखता दी गई है।

हालांकि, इसमें शामिल टिप्पणियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर पाकिस्तान की स्थिति और नीतियों को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

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