UNSC Meeting 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को लेकर सोमवार रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक अहम बैठक हुई।
यह बैठक पाकिस्तान की अपील पर बुलाई गई थी, जिसमें उसने दावा किया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में खुद आतंकी हमला कराया है।
हालांकि, पाकिस्तान का यह आरोप UNSC के अधिकतर सदस्य देशों ने सिरे से खारिज कर दिया।
इसके उलट, परिषद के सदस्यों ने पहलगाम में हुए हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इसमें शामिल गुनहगारों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
UN महासचिव की दोनों देशों को संयम बरतने की अपील
बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान जारी किया।
उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।
मैं दोनों देशों की सरकारों और नागरिकों का सम्मान करता हूं और UN शांति अभियानों में उनके योगदान के लिए आभारी हूं।
मुझे यह देखकर दुख होता है कि आपसी संबंध इस मोड़ पर पहुंच गए हैं।
मैं दोनों देशों से अपील करता हूं कि वे अधिकतम संयम बरतें और सैन्य समाधान इस समस्या का हल नहीं है।
लश्कर-ए-तैयबा के शामिल होने की आशंका पर सवाल
बैठक के दौरान UNSC के कुछ सदस्य देशों ने पाकिस्तान से सीधा सवाल पूछा कि क्या इस हमले में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका है?
सूत्रों के मुताबिक, इस सवाल पर पाकिस्तान असहज नजर आया और उसने केवल इतना कहा कि वह खुद भी इस हमले की निंदा करता है।
यह बयान उस दावे के बिल्कुल विपरीत था, जिसमें पाकिस्तान ने कहा था कि यह हमला भारत ने खुद कराया।
बंद कमरे में लगभग डेढ़ घंटे चली गोपनीय चर्चा
यह बैठक संयुक्त राष्ट्र के मुख्य सुरक्षा कक्ष में न होकर ‘कंसल्टेशन रूम’ में आयोजित की गई थी, जहां बंद कमरे में गोपनीय चर्चा होती है।
इस मीटिंग में UNSC के सभी 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए और यह चर्चा लगभग डेढ़ घंटे चली।
पाकिस्तान ने इस मीटिंग का अनुरोध किया था और चाहा था कि इसे सार्वजनिक न किया जाए ताकि वह भारत के खिलाफ बिना साक्ष्य के आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर माहौल बना सके। हालांकि, उसकी यह रणनीति असफल साबित हुई।
पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षणों पर भी उठे सवाल
UNSC के प्रतिनिधियों ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि पहलगाम हमले में पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया।
परिषद के अनुसार, यह हमला न केवल आतंकवाद की पराकाष्ठा है, बल्कि धार्मिक आधार पर हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश भी है।
ऐसे हमलों की वैश्विक स्तर पर निंदा होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा तीन दिन में दो मिसाइल परीक्षण किए जाने पर भी सवाल उठे।
UNSC के सदस्यों ने इसे क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ाने वाला कदम बताया और इस पर गंभीर चिंता जताई।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया जब पहले से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट
भारत की ओर से UNSC को स्पष्ट किया गया कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और पाकिस्तान लगातार ऐसे आतंकी संगठनों को पनाह देता रहा है जो भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं।
भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान केवल ‘धारणाएं गढ़ने’ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत इससे पीछे नहीं हटेगा और उचित जवाब देगा।
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की आपत्ति
बैठक में पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित किए जाने का मुद्दा भी उठाया।
पाकिस्तानी प्रतिनिधि इफ्तिखार अहमद ने कहा कि यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में बनी थी और यह तीन युद्धों के दौरान भी बनी रही थी।
उन्होंने कहा कि पानी जिंदगी है, पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के बेबुनियाद आरोपों को तवज्जो नहीं दे रहा और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत के रुख को समर्थन मिल रहा है।
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