-विधि मंत्री ने पलटवार किया
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राजद्रोह के कानून के संदर्भ में विधि मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी को लेकर शनिवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि लगता है कि रिजिजू उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की खबरें देने वाले अखबार नहीं पढ़ते।
रिजिजू ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भले ही अखबार नहीं पढ़ते हों, लेकिन यह जानते हैं कि खबरें कभी भी आधिकारिक रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनतीं।
उन्होंने चिदंबरम से यह सवाल भी किया कि कांग्रेस की सरकारों में लोगों के खिलाफ राजद्रोह के कितने हजार मामले दर्ज किए गए?
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘विधि मंत्री ने कहा कि राजद्रोह से संबंधित कानून को निरस्त करने का कोई भी प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास नहीं है।
उन्होंने यह नहीं बताया कि गृह मंत्रालय के पास ये प्रस्ताव जरूर है कि राजद्रोह के कानून के तहत बहुत सारे निर्दोष लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।’’
उन्होंने रिजिजू पर तंज कसते हुए यह भी कहा, ‘‘ विधि मंत्री ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय की ओर से राजद्रोह के कानून के संदर्भ में कोई टिप्पणी किए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने यह नहीं बताया कि वह उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की खबरें देने वाले अखबार नहीं पढ़ते।’’
रिजिजू ने उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पलटवार किया, ‘‘कांग्रेस की सरकारों द्वारा लोगों के खिलाफ राजद्रोह के कितने हजार मामले दर्ज किए गए? विधि मंत्री भले ही अखबार नहीं पढ़ता हो, लेकिन वह जानता है कि मीडिया की खबरें विभागों के आधिकारिक रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनतीं। माननीय उच्च न्यायालय इससे अगत है कि कैसे टिप्पणियां करनी हैं और कैसे औपचारिक आदेश पारित करना है।’’
गौरतलब है कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि राजद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को हटाने से संबंधित कोई प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि धारा 124ए से संबंधित ‘कानून का सवाल’ उच्चतम न्यायालय के पास लंबित है।
एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल ने उनसे सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में राजद्रोह से संबंधित कानून को औपनिवेशिक करार दिया है और कहा है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है?
इसके जवाब में विधि मंत्री ने कहा था, ‘‘उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले या आदेश में ऐसी टिप्पणी नहीं है।’’
You may also like
-
टैरिफ वॉर: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की इकॉनमी को बताया डेड, राहुल गांधी बोले- फैक्ट है, दुनिया जानती है
-
मालेगांव ब्लास्ट केस: पूर्व सासंद साध्वी प्रज्ञा समेत 7 आरोपी बरी, 2008 का वो धमाका जिसने देश को झकझोर दिया था
-
All Top AI Platforms in One App: First Month Free
-
गुजरात ATS का बड़ा एक्शन: अलकायदा की महिला आतंकी शमा परवीन बेंगलुरु से अरेस्ट, सोशल मीडिया के जरिए युवाओं का करती थी ब्रेनवॉश
-
NGT ने खटलापुरा मंदिर विवाद को किया खारिज, हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए 60 दिन में जानकारी देने के दिए निर्देश