#politicswala report
Operation Sindhu- ईरान से भारत लाए जा रहे छात्रों का पहला जत्था आज गुरुवार को सुबह भारत पहुंचा। पहले जत्थे में 100 से ज्यादा छात्र शामिल हैं।
युद्धग्रस्त ईरान से अर्मेनिया के लिए निकाले गए 100 से अधिक छात्रों को लेकर पहला विमान गुरुवार तड़के दिल्ली पहुंचा।
इस्राइल और ईरान के बीच चल रहे युद्धे को देखते हुए वहां रह रहे हजारों भारतीयों को सुरक्षित घर वापसी के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है।
ईरान में 1,500 स्टूडेंट्स सहित लगभग 10 हजार भारतीय फंसे हैं।
उत्तरी ईरान से 110 छात्रों को सुरक्षित आर्मेनिया पहुंचा दिया गया था।
ईरान की उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे लगभग 110 भारतीय छात्र सुरक्षित भारत पहुंच गए हैं। इनमें से 90 छात्र कश्मीर के हैं।
भारत पहुंचे छात्रों ने बताया, ‘वहां के हालात हर दिन खराब होते जा रहे हैं। खासकर तेहरान में स्थिति बहुत खराब है।
ईरान से निकाले गए ये छात्र मंगलवार को आर्मेनिया पहुंचे थे, जहां उन्हें राजधानी येरेवन के होटलों में ठहराया गया।
इसके बाद आज इन्हें कतर के रास्ते भारत लाया गया। इंडिगो की एक फ्लाइट आर्मेनिया के येरेवन एयरपोर्ट से इन छात्रों को लेकर कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना हुई थी।
इसके बाद एक दूसरी फ्लाइट से इन्हें दोहा से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट लाया गया। मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने छात्रों को ईरान से बाहर निकालने की पुष्टि की थी।
इन छात्रों को आर्मेनिया बॉर्डर पर नॉरदुज चौकी से बसों में निकाला गया। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मौजूदा हालात में देश के एयरपोर्ट भले ही बंद हैं, लेकिन लैंड बॉर्डर्स खुले हुए हैं।
मंत्रालय ने विदेशी नागरिकों से ईरान छोड़ने से पहले अपना नाम, पासपोर्ट नंबर, गाड़ी डिटेल्स, देश से निकलने का समय और जिस बॉर्डर से जाना चाहते हैं, उसकी जानकारी मांगी थी।
ज़ोरदार धमाके और डर का माहौल
110 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालकर भारत लाया गया। सभी को लेकर एक विशेष फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी।
छात्रों ने बताया कि हमने रात में मिसाइलों को ऊपर से जाते देखा और ज़ोरदार धमाकों की आवाजें सुनीं। डर का माहौल था, लेकिन अब भारत पहुंचकर राहत मिली है।
छात्रों ने कहा कि उन्होंने अपने सपनों को अभी नहीं छोड़ा है और हालात सुधरने पर वापस ईरान लौटेंगे।
सरकार की इस कार्रवाई के लिए छात्र और उनके परिवारों ने आभार जताया है।
ईरान और इस्राइल के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव के चलते भारत अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने में जुटा है।
तेहरान में स्थिति बेहद गंभीर
ईरान में हालात बिगड़े हालातों के बीच भारत आए छात्र ने बताया कि हर दिन हालात और खराब होते जा रहे हैं, खासतौर पर तेहरान में स्थिति बेहद गंभीर है। सभी भारतीय छात्रों को वहां से निकाला जा रहा है। भारतीय अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं। हम सभी को सुरक्षित जगह भेजा जा रहा है। छात्र ने बताया कि उन्हें पहले यूनिवर्सिटी से निकालकर आर्मेनिया ले जाया गया, फिर वहां से कतर भेजा गया। अंत में वे भारत पहुंचे।
जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने निकासी अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा,
“हमें उम्मीद है कि शेष सभी छात्रों को शीघ्र ही निकाल लिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ईरान और इस्राइल के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए ईरान में भारतीय दूतावास बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को अर्मेनिया की राजधानी येरेवन पहुंचाने में मदद कर रहा है। एमईए ने आगे कहा कि ईरान में भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे तेहरान में भारतीय दूतावास की आपातकालीन हेल्पलाइन और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय की ओर से स्थापित 24×7 नियंत्रण कक्ष के संपर्क में रहें।
भारतीयों को तेहरान छोड़ने की सलाह
विदेश मंत्रालय ने पूर्व में भारतीयों को तेहरान छोडने को कहा था। मंत्रालय ने कहा था कि अन्य भारतीय निवासी जिनके पास आवाजाही के साधन हैं वे भी बदलते हालात के मद्देनजर शहर से बाहर चले जाएं। ईरान में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था कि सभी भारतीय नागरिक और पीआईओ जो अपने स्वयं के संसाधनों से तेहरान से बाहर जा सकते हैं, उन्हें शहर के बाहर सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी जाती है।
भारतीय छात्रों को सीधे क्यों नहीं लाया जा रहा ईरान से ?
इस वक्त ईरान और इजराइल के बीच हालात काफी तनावपूर्ण हैं।
कई शहरों में हमले हो चुके हैं और सुरक्षा का खतरा बना हुआ है।
ऐसे में भारतीय छात्रों को सीधे ईरान से एयरलिफ्ट करना फिलहाल संभव नहीं है।
ईरान के ज्यादातर इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस समय नागरिक उड़ानों के लिए बंद हैं।
युद्ध जैसे हालात की वजह से वहां से फ्लाइट उड़ाना सुरक्षित नहीं है।
ईरान के कई इलाकों में इजराइली हमले हो चुके हैं।
ऐसे में फ्लाइट्स पर भी हमले का खतरा बना रहता है।
सीधे ईरान से भारतीय एयरलाइंस को भेजना काफी जोखिम भरा है।
इसके लिए ईरान की इजाजत के साथ-साथ मजबूत सुरक्षा इंतजाम भी चाहिए होंगे, जो युद्ध की स्थिति में संभव नहीं हैं।
नॉरदुज बॉर्डर सुरक्षित माना जा रहा है। आर्मेनिया में हालात स्थिर हैं और वहां से फ्लाइट्स भी आसानी से उड़ाई जा सकती हैं।
तेहरान में हालात बिगड़े, शहर छोड़कर भागने लगे लोग
ईरान में बीते 6 दिनों से जारी इजराइली हमले से हालात काफी बिगड़ गए हैं।
शहर के पेट्रोल पंपों पर कारों की लंबी-लंबी लाइनें लगने लगी हैं।
लोग डरे हुए हैं और शहर छोड़कर बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ तेहरान में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
कई बार कतार में लगने के बाद भी पेट्रोल मिलना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि ईंधन की सप्लाई सीमित है।
You may also like
-
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
-
2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपी किए बरी, 19 साल बाद आया बड़ा फैसला
-
ED ने Google और Meta को भी नहीं छोड़ा! जानें क्यों भेजा गया इन दोनों कंपनियों को नोटिस?
-
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने 4 कर्मचारियों को किया सस्पेंड, गैर-हिंदू धर्म का पालन करने पर गिरी गाज
-
तबलीगी जमात ने नहीं फैलाया संक्रमण, नफरती मीडिया माफ़ी मांगेगा ?