Mumbai Canteen Controversy

Mumbai Canteen Controversy

मुंबई कैंटीन विवाद: विधायक की पिटाई के बाद फूड डिपार्टमेंट ने रद्द किया लाइसेंस, पनीर-दाल के लिए सैंपल

Share Politics Wala News

 

Mumbai Canteen Controversy: मुंबई के प्रतिष्ठित आकाशवाणी विधायक गेस्ट हाउस की कैंटीन में परोसे गए खराब खाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने खराब दाल परोसे जाने से नाराज होकर एक कैंटीन कर्मचारी की सरेआम पिटाई कर दी।

यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई थी। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कैंटीन का लाइसेंस रद्द कर दिया है।

खराब खान पर विधायक ने कर्मचारी को पीटा

यह घटना 8 जुलाई की रात की है, जब विधायक संजय गायकवाड़ कैंटीन पहुंचे और खाने के लिए दाल-चावल मंगवाया।

विधायक का आरोप है कि जैसे ही उन्होंने पहला निवाला मुंह में डाला, तो उसे बहुत गंदा और सड़ा हुआ पाया। दूसरा निवाला खाने पर उन्हें उल्टी हो गई।

उन्होंने खाना सूंघा और उसे बेहद बदबूदार बताया। इसके बाद गायकवाड़ गुस्से में कैंटीन के मैनेजर को बुलाकर खाना सूंघने के लिए कहते हैं।

जब एक कर्मचारी ने खाना सूंघा, तो विधायक ने उसे थप्पड़ मारा, फिर घूंसे भी जड़ दिए।

वीडियो में साफ दिख रहा है कि गायकवाड़ कर्मचारी पर चार-पांच मुक्के मारते हैं। एक अन्य कर्मचारी के बीच-बचाव करने पर मामला शांत हुआ।

MLA की शिकायत पर फूड डिपार्टमेंट की कार्रवाई

विधायक की शिकायत के बाद FDA की टीम मौके पर पहुंची और पनीर, दाल, तेल समेत चटनी के सैंपल लिए।

विभाग ने बताया कि सैंपल लैब में भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट 14 दिन में आएगी। तब तक के लिए कैंटीन का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

FDA अधिकारियों का कहना है कि अगर सैंपल की रिपोर्ट में खराब गुणवत्ता की पुष्टि होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पछतावा नहीं, दोबारा ऐसा हुआ तो फिर पीटूंगा – MLA

इस पूरे मामले को लेकर विधायक गायकवाड़ ने साफ कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।

उन्होंने कहा, मैंने खाने का ऑर्डर दिया और दाल-चावल का पहला निवाला खाते ही उल्टी आ गई। खाना सड़ा हुआ था।

मैंने पहले भी शिकायत की थी कि 15 दिन पुराना चिकन, 20 दिन पुराना मटन और कई दिन पुरानी सब्जी परोसी जाती है।

कई बार समझाया, मगर सुधार नहीं हुआ। जब कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता तो हमें शिवसेना स्टाइल में समझाना पड़ता है।

विधायक ने यह भी स्पष्ट किया कि पिटाई किसी भाषा या जाति के आधार पर नहीं की गई है।

गायकवाड़ ने कहा, मैंने यह नहीं देखा कि वह हिंदी भाषी है या मराठी।

मैंने यह देखा कि उसने खराब खाना दिया था। दोबारा ऐसा हुआ तो फिर से पीटूंगा।

सदन में उठा मुद्दा, CM फडणवीस ने की आलोचना

यह मामला बुधवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में उठा, जहां शिवसेना (UBT) के विधायक अनिल परब ने इस घटना का वीडियो पेश किया और कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं पर आंख मूंदे बैठी है।

इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस तरह का आचरण किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता। यह न सिर्फ विधायक की, बल्कि पूरे सदन की छवि को धूमिल करता है।

अध्यक्ष और स्पीकर को इस मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। जब जनप्रतिनिधि ही कानून हाथ में लेंगे तो आम जनता क्या सीखेगी?

फिलहाल, इस मामले में कैंटीन बंद कर दी गई है और लैब रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

लेकिन, सवाल ये है कि क्या खराब खाना परोसे जाने पर मारपीट जायज है? और इतनी शिकायत के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की थी?

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *