Vijay Shah Controversy: मध्यप्रदेश सरकार में वन मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
भारी विरोध और कानूनी दबाव के बीच अब मंत्री विजय शाह ने तीसरी बार सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए इसे “भाषाई भूल” बताया है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस दलील को स्वीकार नहीं किया और उनके खिलाफ एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) कर रही है।
मंत्री ने सोफिया कुरैशी को कहा था आतंकियों की बहन
11 मई 2025 को इंदौर जिले के महू के राय कुंडा गांव में आयोजित ‘हलमा’ कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने एक भाषण में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में चलाए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
मंत्री ने कहा था, उन्होंने कपड़े उतार-उतारकर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा… अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी।
इस बयान को सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी से जोड़ते हुए यह दावा किया गया कि मंत्री ने उन्हें आतंकियों की बहन कहा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इस बयान की व्यापक निंदा हुई।
लगातार बढ़ा विवाद, तीन बार मांगी माफी
बयान के बाद विवाद बढ़ा तो विजय शाह ने पहली बार सफाई दी और कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है।
मगर जब विरोध थमा नहीं, तो उन्होंने दूसरा वीडियो जारी कर सार्वजनिक माफी मांगी और अपने परिवार की सैन्य पृष्ठभूमि का हवाला दिया।
इसके बावजूद जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत ने एफआईआर के आदेश दिए, तो शाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए उन्हें फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि, आप पब्लिक फिगर हैं, आपको शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।
इस फटकार के बाद विजय शाह ने तीसरी बार माफी मांगते हुए एक और वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, यह मेरी भाषाई भूल थी।
मैं बहन कर्नल सोफिया कुरैशी और देशवासियों से पूरी तरह क्षमा प्रार्थी हूं। मेरा उद्देश्य किसी भी धर्म, जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था।
कानूनी कार्रवाई और जांच में फंस गए मंत्री जी
सेना से जुड़े संगठनों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने विजय शाह के बयान को शर्मनाक और राष्ट्रविरोधी बताया है।
विपक्ष ने मुख्यमंत्री से उनके इस्तीफे की मांग की है, जबकि भाजपा नेतृत्व इस मामले में फिलहाल चुप्पी साधे हुए है।
इधर मंत्री विजय शाह के खिलाफ 14 मई को महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन सदस्यीय SIT मामले की जांच कर रही है।
इस जांच में मंत्री के बयान का संदर्भ, उद्देश्य और प्रभाव सहित सभी पहलुओं की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
बहरहाल, कह सकते हैं कि तीसरी बार माफी मांगने के बावजूद ना तो मंत्री विजय शाह की मुश्किलें कम होती दिख रही है और ना ही उनके इस्तीफा देने से आसार नजर आ रहे हैं।
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