Mock Drill 2025: भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में गुरुवार (29 मई) को मॉक ड्रिल होगी।
इनमें जम्मू-कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान शामिल है।
इन्हीं चार राज्यों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज कराई जाएगी।
इस अभ्यास का उद्देश्य संभावित युद्ध या आतंकी हमले की स्थिति में आम नागरिकों और प्रशासन की तैयारियों का मूल्यांकन करना है।
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध अत्यधिक तनावपूर्ण हैं।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की बड़ी जवाबी कार्रवाई
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की मौत हुई थी।
इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
इस सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है।
सेना सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में लगभग 100 आतंकियों को मार गिराया गया।
यह कदम भारत की तरफ से स्पष्ट संदेश था कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बना हुआ है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता और बढ़ा दी गई है।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज का उद्देश्य
मॉक ड्रिल एक तरह का सुरक्षा अभ्यास होता है।
जिसमें यह देखा जाता है कि अगर कोई आपातकालीन स्थिति (जैसे एयर स्ट्राइक या बम हमला) हो जाए, तो नागरिक और प्रशासन कितनी जल्दी और कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
वहीं ब्लैकआउट एक्सरसाइज के दौरान एक तय समय के लिए पूरे इलाके की बिजली बंद कर दी जाती है ताकि युद्ध जैसी स्थिति में दुश्मन की निगाहों से बचा जा सके।
यह अभ्यास दिखाता है कि अंधेरे में शहर को किस तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है।
7 मई को देशभर में हुआ था पहला अभ्यास
ऑपरेशन सिंदूर के दिन यानी 7 मई को देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 244 जिलों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज की गई थी।
इसमें 12 मिनट का ब्लैकआउट कराया गया था और नागरिकों को बताया गया था कि ऐसे समय में खुद को और दूसरों को कैसे सुरक्षित रखना है।
गृह मंत्रालय ने इन जिलों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट घोषित किया था।
इन जिलों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटा गया:
- कैटेगरी 1: सबसे ज्यादा संवेदनशील (13 जिले, जैसे उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर—जहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट स्थित है)
- कैटेगरी 2: मध्यम संवेदनशीलता (201 जिले)
- कैटेगरी 3: सामान्य संवेदनशीलता (45 जिले)
नागरिकों से अपील: सतर्क रहें, घबराएं नहीं
गृह मंत्रालय और राज्य प्रशासन ने स्थानीय लोगों से घबराने के बजाय सहयोग करने की अपील की है।
मॉक ड्रिल के दौरान सायरन, सुरक्षा बलों की मूवमेंट, बिजली कटौती और इमरजेंसी अनाउंसमेंट सामान्य बात होंगी।
यह अभ्यास युद्ध या आतंकी हमले की वास्तविक स्थिति में जान-माल की रक्षा के लिए पूर्व तैयारी का एक अहम हिस्सा है।
भारत की सुरक्षा व्यवस्था अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता भी शामिल हो गई है।
गुरुवार की मॉक ड्रिल कवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक संदेश है कि देश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
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