Kisan Congress Protest Bhopal: भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन किसान कांग्रेस (Kisan Congress ) ने विधानसभा का घेराव करने के लिए विशाल प्रदर्शन आयोजित किया।
रंगमहल चौराहे पर हुए इस प्रदर्शन के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कांग्रेस का सभा मंच अचानक टूट गया।
इस घटना में 10 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
वहीं घटना के थोड़ी देर बाद जैसे किसान कांग्रेस के कार्यकर्ता आगे बढ़े, तो पुलिस ने सभी को रोकने के लिए उनपर वाटर कैनन चलाई।
प्रदर्शन के दौरान मंच टूटने से मची अफरा-तफरी
राजधानी भोपाल के रंगमहल चौराहे पर विधानसभा घेराव के दौरान बनाया गया कांग्रेस का सभा मंच अचानक से टूट गया। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान, कांग्रेस नेता राजीव सिंह, मानक अग्रवाल सहित 10 से ज्यादा कांग्रेसियों को चोट आई है।
बताया जा रहा है कि किसान कांग्रेस आज विधानसभा घेराव की तैयारी कर रही थी, इसी बीच यह घटना घट गई।
कार्यकर्ताओं ने घायल नेताओं को तुरंत गोद में उठाकर वाहनों में बैठाया और अस्पताल रवाना किया। पुलिस ने भी तत्काल एंबुलेंस बुलाकर घायलों को अस्पताल भेजने का काम किया।
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर चलाई वाटर कैनन
दरअसल सोमवार से एमपी विधानसभा का बजट सत्र शुरु हो गया है। सत्र के पहले दिन ही किसान कांग्रेस ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा घेराव का ऐलान किया था।
बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता रंगमहल चौराहे पर एकत्रित हुए थे। सभा के दौरान मंच पर नेताओं की भीड़ बढ़ने से अचानक मंच टूट गया और मंच पर मौजूद कई नेता नीचे गिर पड़े।
घटना के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह कम नहीं हुआ और वे विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस लगातार कार्यकर्ताओं को पीछे हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
कांग्रेस का कहना है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक किसान कांग्रेस सड़कों पर उतर कर अपनी आवाज बुलंद कर इसी तरह प्रदर्शन करती रहेगी।
किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही सरकार
इस प्रदर्शन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari) भी शामिल हुए, वे मंच टूटने से घायल हुए नेता और कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने कहा कि घायलों कि हालत अब ठीक है।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि न सोयाबीन के सही दाम हैं, न गेहूं के दाम हैं। ये कैसा अहंकार है, जब किसान ज्ञापन देने आते हैं तो वो भी नहीं सुनते।
हमारे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से 10 सवाल पूछे, बीजेपी की मोहन सरकार के पास इन सवालों के कोई उत्तर नहीं है। हम किसानों की लड़ाई तन-मन और धन से करेंगे।
वहीं, इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने कहा, सरकार किसानों की बात सुनना नहीं चाहती। कांग्रेस किसानों के हक के लिए आवाज उठाती है तो वाटर कैनन छोड़ा जाता है, लाठीचार्ज किया जाता है।
इधर पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने मंच टूटने को लेकर कहा कि ये भाजपा का षड्यंत्र है। वो चाहती ही नहीं थी कि कांग्रेस का प्रदर्शन हो। बड़ी मुश्किल से मंच लगाने की परमिशन दी, लेकिन मंच के लिए मजबूत पाए लगाने नहीं दिए। और हमारे यहां ये परंपरा है कि मंच पर पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं। ज्यादा भार के कारण मंच टूट गया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है, इसलिए बजट सत्र के दौरान किसान कांग्रेस अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गए हैं।