Aurangzeb Tomb Controversy: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र (Aurangzeb Tomb) हटाने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्य कानून के दायरे में रहकर किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस शासन के दौरान इस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में रखा गया था।
भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने उठाई थी मांग
सातारा से भाजपा सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले (Udayanraje Bhosale) ने कुछ दिन पहले औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। भोंसले ने कहा था कि एक जेसीबी मशीन भेजकर औरंगजेब की कब्र को गिरा देना चाहिए। औरंगजेब एक चोर और लुटेरा था, उसकी कब्र पर श्रद्धांजलि देने का कोई औचित्य नहीं है।
भोंसले ने औरंगजेब के महिमामंडन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि यदि किसी को उसकी कब्र से इतना लगाव है, तो वे उसे अपने घर ले जा सकते हैं। लेकिन, अब औरंगजेब का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की थी कि शाहजी छत्रपति महाराज, राजमाता जीजाऊ छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में गलत बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
अबू आजमी के बयान से बढ़ा विवाद
यह विवाद तब और भड़क गया जब समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी (Abu Azmi) ने औरंगजेब के समर्थन में बयान दिया। उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले अबू आजमी 2009 से 2024 के बीच महाराष्ट्र की मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर 3 बार जीत हासिल कर चुके हैं। 3 मार्च 2025 को अबू आजमी ने कहा कि हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए और वह कोई क्रूर शासक नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी, न कि धर्म के लिए। उनके इस बयान के बाद काफी विवाद खड़ा हो गया।
4 मार्च को विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो वह अपने शब्द वापस लेते हैं। औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके शासनकाल में भारत को स्वर्ण चिड़िया कहा जाता था। इसे हिंदू-मुसलमान एंगल से नहीं देखना चाहिए। औरंगजेब ने 52 वर्ष शासन किया और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते।
हालांकि, महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने अबू आजमी के बयान का विरोध करते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की।
औरंगजेब की कब्र का इतिहास
मुगल बादशाह औरंगजेब की मृत्यु 1707 में 87 वर्ष की उम्र में हुई थी। उनको औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर दफनाया गया, जहां उनकी पत्नी की कब्र ‘बीबी का मकबरा’ स्थित है। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें खुल्दाबाद में सूफी संत सैयद जैनुद्दीन के पास दफनाया गया था। यह मकबरा सैयद जैनुद्दीन के परिसर में स्थित है।
औरंगाबाद ने ही निर्देश दिया था कि उन्हें एक साधारण खुली हवा वाली कब्र में दफनाया जाए। इसलिए हैदराबाद के निजाम ने भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन के अनुरोध पर मकबरे के चारों ओर संगमरमर की ग्रिल लगाई थी।
फिलहाल इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति लगातार गरमाई हुई है और वर्तमान में यह स्थल ASI के संरक्षण में है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाती है या नहीं।