Bihar Bandh

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बिहार बंद: वोटर वेरिफिकेशन के खिलाफ विपक्षी हुंकार, साथ आए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव

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Bihar Bandh: बिहार में बुधवार को विपक्षी महागठबंधन ने चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे वोटर वेरिफिकेशन अभियान के खिलाफ राज्यव्यापी ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया।

यह बंद न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था के लिहाज से भी बेहद प्रभावशाली साबित हुआ।

पटना से लेकर दरभंगा, भोजपुर, जहानाबाद और नालंदा तक सड़कों पर प्रदर्शन हुए, ट्रेनों को रोका गया और हाईवे जाम किए गए।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद दिल्ली से पटना पहुंचे और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ मिलकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च किया।

इस दौरान कई अन्य विपक्षी दलों के नेता भी उनके साथ थे।

चक्का जाम, 12 नेशनल हाईवे बंद

बिहार बंद के तहत पूरे राज्य में चक्का जाम किया गया।

महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह सड़कें रोकीं, टायर जलाए और नारेबाजी की।

पटना, जहानाबाद, दरभंगा, सुपौल, भोजपुर और मुंगेर समेत 12 से ज्यादा ज़िलों में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे और रेल पटरियों को ब्लॉक किया।

बेगूसराय, समस्तीपुर, वैशाली, पटना और औरंगाबाद समेत 12 ज़िलों में हाईवे जाम किए गए।

पटना के मनेर इलाके में नेशनल हाईवे-30 पर आगजनी की गई, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया।

गांधी सेतु पर भी आरजेडी कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया, जिससे हाजीपुर और दरभंगा की ओर जाने वाले हजारों लोग घंटों फंसे रहे।

7 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया

बिहार बंद के दौरान 7 प्रमुख शहरों में ट्रेनें रोकी गईं।

दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और नमो भारत ट्रेन को रोका गया।

भोजपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस और विभूति एक्सप्रेस कुछ समय के लिए रुकी रहीं।

जहानाबाद में मेमू पैसेंजर ट्रेन के सामने कार्यकर्ता बैठ गए।

सुपौल, पटना, अररिया और मुंगेर में भी कई ट्रेनों को रोका गया।

हालांकि बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर ट्रैक खाली करवाए और ट्रेनों को रवाना किया।

प्रदर्शन का असर पूरे राज्य में दिखा

बिहार बंद का असर लगभग पूरे राज्य में देखने को मिला।

स्कूल-कॉलेजों में उपस्थिति कम रही, सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज ठप रहा।

पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार, मधेपुरा, मोतिहारी और वैशाली जैसे ज़िलों में भी बंद का प्रभाव दिखा।

ट्रैफिक पूरी तरह चरमरा गया और आम जनजीवन प्रभावित हुआ।

EC ऑफिस जा रहे राहुल-तेजस्वी को रोका

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में इनकम टैक्स गोलंबर से चुनाव आयोग के दफ्तर तक विरोध मार्च की अगुवाई की।

उनके साथ भाकपा महासचिव डी राजा, सीपीआई(एम-एल) नेता दीपांकर भट्टाचार्य, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद रहे।

मार्च के दौरान जब ये नेता सचिवालय थाने के पास पहुंचे, तो पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

यहां कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया।

महाराष्ट्र की तरह बिहार में वोट चोरी की कोशिश

राहुल गांधी ने कहा कि मैं हिंदुस्तान और बिहार की जनता को बताना चाहता हूं कि जैसे महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया था, उसी तरह बिहार का चुनाव भी चोरी करने की कोशिश की जा रही है।

उन्हें पता चल गया है कि हमें महाराष्ट्र मॉडल समझ आ गया है, इसलिए अब वे बिहार मॉडल लेकर आए हैं।

मैं आपको साफ बताना चाहता हूं कि यह गरीबों का वोट छीनने का तरीका है, लेकिन इनको पता नहीं है कि ये बिहार है और बिहार की जनता ऐसा कभी नहीं होनी देगी।

जब हमने चुनाव आयोग से कहा कि आप हमें वोटर लिस्ट दीजिए, वीडियोग्राफी दीजिए तो चुनाव आयोग ने इसपर एक शब्द नहीं कहा।

हमें आज तक महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट नहीं मिली और वीडियोग्राफी का कानून बदल दिया गया। ये सब इसलिए किया गया, क्योंकि ये सच्चाई छिपाना चाहते हैं।

क्या दो गुजराती तय करेंगे कि कौन वोट देगा?

तेजस्वी यादव ने कहा, क्या दो गुजराती तय करेंगे कि कौन बिहारी वोट देगा और कौन नहीं?

ये लोग संविधान के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे।

बिहार में जो कुछ हो रहा है, वह लोकतंत्र के खिलाफ है।

तेजस्वी का इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर था।

जिन्हें वह वोटर लिस्ट में बदलाव की साजिश का जिम्मेदार मानते हैं।

पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव भी अपने समर्थकों के साथ पटना की सड़कों पर उतरे।

उन्होंने सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया और कहा जनता सड़कों पर उतर चुकी है, अब वोटबंदी की सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा।

उन्होंने वीडियो पोस्ट कर लिखा, शंखनाद हो गया, बिहार तैयार है। राहुल गांधी जी हम बिहारी हैं तैयार।

कन्हैया कुमार बोले- लोकतंत्र की रक्षा जरूरी

एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा, हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे हैं।

कहा जाता है कि अगर सड़कें सुनसान हो जाएं तो संसद आवारा हो जाती है। सड़कों पर उतरना जरूरी है क्योंकि संविधान खतरे में है।

सरकार और बीजेपी ने जताई आपत्ति

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने महागठबंधन के बंद पर नाराजगी जताते हुए कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

चुनाव आयोग अगर वोटर जागरूकता अभियान चला रहा है तो इसमें क्या गलत है? यह न किसी जाति के लिए है, न किसी पार्टी के लिए। इसमें आपत्ति क्यों?

वहीं बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा, तेजस्वी और राहुल कुछ नहीं कर सकते। जनता इनके साथ नहीं है। ये वही लोग हैं जो कभी ‘शहाबुद्दीन अमर रहें’ के नारे लगाते थे।

SC में 10 जुलाई को सुनवाई

बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा दाखिल याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग का यह आदेश रद्द किया जाए।

क्योंकि इससे मतदाता अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इस याचिका पर 10 जुलाई को सुनवाई निर्धारित की गई है।

क्या है वोटर वेरिफिकेशन विवाद?

चुनाव आयोग बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान चला रहा है, जिसके तहत वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है।

विपक्ष का आरोप है कि यह अभियान एकतरफा है और इसमें विशेष जातियों और वर्गों के वोटरों को टारगेट किया जा रहा है।

वहीं चुनाव आयोग और सरकार का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य फर्जी वोटिंग को रोकना और वोटर लिस्ट को साफ करना है।

आज हो रहा विपक्ष का बिहार बंद महज एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक बिसात पर एक बड़ी चाल है।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का एक मंच पर आकर सड़कों पर उतरना इस बात का संकेत है कि विपक्ष अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है।

 

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