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Nidhi Tiwari, personal secretary to the PM-दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले उनका चुनाव और उनकी कार्यप्रणाली सभी चर्चा में रहते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में आईएफएस 2014 बैच की अधिकारी निधि तिवारी को नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति केंद्र सरकार ने हाल ही में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव के चलते किया है। इससे पहले, वह प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर कार्यरत थीं। उनकी बेहतरीन कार्य क्षमता को देखते हुए उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में सभी ये जानना चाहते हैं आखिर ये निधि तिवारी हैं कौन?
कौन हैं निधि तिवारी?
वाराणसी के मेहमूरगंज की रहने वाली निधि तिवारी2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं। साल 2013 में उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम में 96वीं रैंक हासिल की थी। अपनी तैयारी के दौरान, वह वाराणसी में ही असिस्टेंट कमिश्नरके पद पर कार्यरत थीं। विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के डिवीजन में भी Under Secretary के रूप में कार्य कर चुकी हैं। नवंबर 2022 में उन्हें पीएमओ में उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। अब 29 मार्च को जारी आदेश में निधि तिवारी को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इस पद पर रहते हुए उन्हें प्रधानमंत्री के दैनिक कार्यों का समन्वय, महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ तालमेल बिठाने जैसी जिम्मेदारियां निभानी होंगी।
पीएम रहते मोदी के 11 साल के कार्यकाल में ये पहली बार है, जब प्राइवेट सेक्रेटरी महिला है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अजित डोभाल की टीम में काम करने के कारण निधि सीधे पीएमओ में पहुंचीं।
लखनऊ की रहने वाली हैं
निधि तिवारी लखनऊ की रहने वाली हैं। ग्रेजुएशन के बाद वे BHU में पढ़ाई करने आईं। 2005 में उन्होंने M.Sc. बायोकेमिस्ट्री में एडमिशन लिया। हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थीं। उनके पति, डॉ. सुशील जायसवाल मेडिकल स्टूडेंट थे। दोनों की लैब में कभी-कभी मुलाकात होती थी। यहीं से दोनों में बातचीत शुरू हुई। फिर धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। दिसंबर, 2006 में दोनों ने शादी कर ली।
वैज्ञानिक से विदेश सेवा का सफर
निधि ने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद वैज्ञानिक बनने की तैयारी शुरू कर दी। 2007 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में उनका सिलेक्शन हो गया और महाराष्ट्र में जाकर जॉइन कर लिया। लेकिन, उनका मन तो ब्यूरोक्रेसी में कुछ बड़ा करने का था।
2008 में उन्होंने UPPSC की परीक्षा पहली बार दी। उनका असिस्टेंट कमिश्नर (कॉमर्शियल टैक्स) के पद पर चयन हुआ। करीब 2 साल तक उन्होंने जॉब की। 2013 में निधि ने पहली बार UPSC का फॉर्म भरा। पहले अटेम्प्ट में ही उन्होंने IAS क्वालिफाई किया। इसके बाद 2013 में उन्होंने दोबारा आवेदन किया। इस बार जरनल कैटेगरी में 96वीं रैंक आई। ऑप्शन में IFS भरते ही निधि का सपना पूरा हो गया।
विदेश मंत्रालय से शुरू हुआ सफर
2017 में निधि को विदेश मंत्रालय (दिल्ली) में डेस्क पर पोस्टिंग मिली थी। इसके बाद वियना (ऑस्ट्रिया) में मिली। यहां उन्हें 2 साल यानी 2019 तक रखा गया। वे UN के देशों के साथ भारत का अलग-अलग मुद्दों पर समन्वय बनाने की जिम्मेदारी निभा रही थीं।
पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी रहीं
निधि तिवारी नवंबर, 2022 से प्रधानमंत्री कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर थीं। इससे पहले, उन्होंने विदेश मंत्रालय के डिस-आर्मामेंट एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी अफेयर्स डिवीजन में अंडर सेक्रेटरी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।
PMO में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान निधि तिवारी ने ‘विदेश और सुरक्षा’ वर्टिकल में काम किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करता है। इस दौरान उन्होंने विदेश मामलों, परमाणु ऊर्जा, सुरक्षा मामलों और राजस्थान राज्य से संबंधित मुद्दों पर काम किया।
कितनी मिलेगी सैलरी?
पीएमओ में निजी सचिव के पद पर कार्यरत अधिकारियों को पे मैट्रिक्स लेवल-14 के अनुसार वेतन दिया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार इस स्तर पर सैलरी 1,44,200 रुपये प्रति माह होती है. साथ ही साथ महंगाई भत्ता यानी DA, आवास भत्ता यानी HRA, यात्रा भत्ता और अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं. इस पद पर कार्यरत अधिकारियों को एक आधिकारिक गाड़ी, पीएम आवास के पास आवास, सुरक्षाकर्मी और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं.
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