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इंदौर।तीन महीने पहले इंदौर के लोगों से सीएम डॉ. मोहन यादव ने जो वादा किया था वो पूरा होने का समय आ गया है। जबलपुर हाई कोर्ट ने इसे लेकर फैसला सुनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा था- भोपाल में बीआरटीएस हटाने से यातायात में सुविधा मिली है। इंदौर में भी बीआरटीएस को लेकर हमें लोगों की शिकायतें मिल रही हैं, जो भी तरीका लगाना पड़ेगा, इसे हटाएंगे।
इंदौर में निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब 11.5 किमी लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) बना हुआ है। इसे लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगी थी। याचिकाओं को हाईकोर्ट की मुख्य पीठ (जबलपुर) ट्रांसफर कर दिया गया था। आज जबलपुर हाईकोर्ट ने इंदौर बीआरटीएस को हटाने के आदेश दिए हैं।
इंदौर में 300 करोड़ रुपए की लागत से बीआरटीएस का निर्माण हुआ था। इसकी बस लेन में 12 स्टेशन भी बनाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए जवाहर लाल शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत इंदौर को राशि मिली थी। बस के लिए खास लेन बनाने का कुछ लोगों ने विरोध भी किया था।
बीआरटीएस कॉरिडोर शहर के बीचों बीच है। ये लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है। इस रूट पर कई शैक्षणिक संस्थाएं, अस्पताल और कॉर्पोरेट ऑफिस हैं। यही वजह है कि बीआरटीएस में चलने वाली आई बस में रोजाना बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं। ज्यादातर नौकरीपेशा वर्ग बसों का उपयोग करता है। एआईसीटीएसएल के अफसरों की मानें तो औसतन 55 से 65 हजार यात्री इसमें रोजाना सफर करते हैं। इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों में बड़ा वर्ग स्टूडेंट्स का भी है।
हाईकोर्ट ने मौजूदा परिस्थितियों में बीआरटीएस प्रोजेक्ट की उपयोगिता और व्यवहारिकता की जांच के लिए 5 सदस्यों की कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे।
इंदौर के बीआरटीएस पर अभी कुल 49 बसें चल रही हैं। इनमें 29 बस सीएनजी हैं, बाकी डीजल हैं। डीजल की 20 बस को इलेक्ट्रिक बस से बदल दिया जाएगा। इसके अलावा 10 नई बसें भी चलाई जाएगी। इससे ओवर लोडिंग की समस्या कम होगी।
इंदौर में 2013 में शुरू हुआ बीआरटीएस कॉरिडोर अब प्रदेश का इकलौता बीआरटीएस है। क्योंकि भोपाल में बना बीआरटीएस खत्म किया जा चुका है। साल 2013 में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की शुरुआत हुई। इंदौर में 11.5 किलोमीटर का बीआरटीएस कॉरिडोर बनाया गया।
ये निरंजनपुर से लेकर राजीव गांधी चौराहा तक है। इंदौर बीआरटीएस का 6 किलोमीटर का हिस्सा बॉटल नेक है। एलआईजी से व्हाइट चर्च रोड तक सड़क की चौड़ाई कम है। पूरे कॉरिडोर में 20 बस स्टॉप आते हैं। इसमें वर्तमान में 49 बसों का संचालन हो रहा है। बीआरटीएस के कारण जंक्शन पर ब्रिज बनाने में भी परेशानी आ रही है।
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