Israel Iran War: पश्चिम एशिया में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है।
शनिवार को इजराइल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए भीषण हवाई हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजराइल की ओर 100 से ज्यादा ड्रोन भेजे हैं।
इजराइली सेना (IDF) ने पुष्टि की है कि ड्रोन अगले 1-2 घंटे में इजराइल की सीमा में घुस सकते हैं।
इससे पहले सुबह इजराइली वायुसेना के 200 से ज्यादा फाइटर जेट्स ने तेहरान के आसपास के छह प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया था, जिनमें से चार पर परमाणु गतिविधियों से जुड़ीं सुविधाएं थीं।
इस हमले में ईरान के वरिष्ठ सैन्य और वैज्ञानिक नेतृत्व को भारी नुकसान हुआ है।
IRGC कमांडर और 2 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए
ईरान के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है।
इसके साथ ही दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक – मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फरदून अब्बासी भी मारे गए हैं।
इजराइल ने दावा किया है कि हमले में सेना प्रमुख मोहम्मद बाघेरी सहित कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “इजराइल को इसका जवाब जरूर मिलेगा, हमारी सेना उसे सजा दिए बिना नहीं छोड़ेगी।”
इस बयान के तुरंत बाद ईरान ने जवाबी हमले में ड्रोन हमले की शुरुआत कर दी।
इजराइल ने ड्रोन मार गिराने की कार्रवाई शुरू की
इजराइली वायुसेना ने इन ड्रोन को अपनी सीमा में घुसने से पहले ही निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
एयर डिफेंस सिस्टम और फाइटर जेट्स को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा गया है।
ड्रोन अलर्ट के कारण जॉर्डन की राजधानी अम्मान में भी सायरन बजने लगे हैं।
तनाव के बढ़ते खतरे को देखते हुए एमिरेट्स एयरलाइन ने ईरान, इराक, जॉर्डन और लेबनान के लिए सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया है।
ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु बातचीत रद्द की
ईरान ने रविवार को प्रस्तावित अमेरिका के साथ होने वाली न्यूक्लियर डील पर बातचीत में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
ईरान ने साफ कर दिया है कि वह अब किसी भी तरह की वार्ता के लिए तैयार नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि उन्हें पहले से पता था कि इजराइल ईरान के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने वाला है।
ट्रंप ने यह बयान अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज के एंकर ब्रेट बेयर के साथ बातचीत में दिया, जो ईरान पर हमले के बाद हुई।
ईरान के पास न्यूक्लियर बम नहीं होना चाहिए। उम्मीद है कि हम फिर से बातचीत की मेज पर लौटेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आगे की बातचीत में ईरान के कई नेता शामिल नहीं हो पाएंगे।
भारत की शांति की अपील, कहा- मदद को तैयार हैं
भारत ने इस पूरे घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई है।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करता है।
भारत ने बातचीत और कूटनीति से समाधान निकालने की बात कही है और हरसंभव मदद की पेशकश भी की है।
इससे पहले शुक्रवार रात इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू यहूदियों के पवित्र स्थल ‘वेस्टर्न वॉल’ पर पहुंचे थे।
वहां उन्होंने यहूदियों की एकता और साहस का संदेश देते हुए एक चिट्ठी रखी थी जिसमें उन्होंने लिखा, “हम एक ऐसा समुदाय हैं जो शेरनी की तरह उठता है और शेर की तरह लड़ता है।”
बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया को युद्ध की कगार पर ला खड़ा किया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या ये घटनाएं किसी बड़े क्षेत्रीय युद्ध में तब्दील होंगी या कूटनीतिक प्रयासों से हालात काबू में लाए जा सकेंगे।
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