Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में सोमवार को सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
श्रीनगर के बाहरी इलाके लिडवास में चलाए गए ऑपरेशन ‘महादेव’ के तहत तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया है।
इन आतंकियों के 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि सेना ने अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
सेना की चिनार कॉर्प्स ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है, क्योंकि और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।
TRF से जुड़े थे मारे गए आतंकी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारे गए तीनों आतंकी आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) से जुड़े हो सकते हैं।
यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक प्रॉक्सी ग्रुप है, जो घाटी में टारगेट किलिंग और सांप्रदायिक हमलों के लिए बदनाम है।
लिडवास और उसके आसपास का इलाका पहले भी TRF के गढ़ के तौर पर चिन्हित किया जा चुका है।
बताया जा रहा है कि बीते दो दिनों से दाछीगाम फॉरेस्ट क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी।
इसके बाद सुरक्षा बलों ने घेरा डालकर तलाशी अभियान तेज किया। इसी दौरान अचानक फायरिंग हुई, जिसमें तीन आतंकी मारे गए।
OP MAHADEV
Contact established in General Area Lidwas. Operation in progress.#Kashmir@adgpi@NorthernComd_IA pic.twitter.com/xSjEegVxra
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) July 28, 2025
पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी शामिल
पहलगाम हमले आतंकी हमले के 96 दिन बाद 28 जुलाई को भारतीय सेना ने बदला ले लिया।
लिडवास के दाचीगाम जंगल में सोमवार सुबह हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों की कहानी हमेशा के लिए खत्म गई।
सूत्रों के अनुसार, यासिर और अली मारे गए हैं। ये वही नाम हैं, जिनके लिए NIA ने पोस्टर छापे थे, इनाम घोषित किया था।
इसके अलावा, मारे गए आतंकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान भी शामिल बताया जा रहा है।
एनकाउंटर वाले इलाके लिडवास में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। हरवान इलाके में डाचीगाम नेशनल पार्क के पास आतंकियों का ठिकाना है।
जहां से अमेरिका निर्मित M4 कार्बाइन, AK-47, 17 राइफल ग्रेनेड मिले हैं, इनके अलावा और भी कई संदिग्ध सामान बरामद हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक 15 दिन से ‘ऑपरेशन महादेव’ की तैयारी चल रही थी। यह आतंकियों के खिलाफ चलाया गया एक विशेष अभियान बताया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक मारे गए आतंकी सुलेमान और यासिर पाकिस्तानी सेना के पूर्व कंमाडो थे।
इनमें से सुलेमान शाह मूसा फौजी को पकड़ने या मारने के लिए सेना ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था।
हाशिम जैसे खतरनाक आतंकी का सफाया भारत की सुरक्षा के लिए राहत भरा है। सेना ने ड्रोन और थर्मल इमेजिंग से हाशिम मूसा की लोकेशन ट्रैक की।
मूसा न सिर्फ पहलगाम हमले का साजिशकर्ता माना जाता था, बल्कि वह सोनमर्ग टनल हमले का भी जिम्मेदार था, जिसमें सात लोग मारे गए थे।
पहलगाम हमला: नाम पूछकर मारी गई थी गोलियां
22 अप्रैल को हुए पहलाम हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी और 16 गंभीर रूप से घायल हुए थे।
आतंकियों ने मुख्य रूप से पुरूषों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर चुन-चुनकर निशाना बनाया था।
हमले में हिंदू समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाया गया था।
जांच में सामने आया कि हमले को TRF के पांच आतंकियों ने अंजाम दिया।
इसके बाद अनंतनाग पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए –
- आदिल हुसैन ठोकर (स्थानीय)
- हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान (पाकिस्तानी कमांडो, SSG से जुड़ा रहा)
- अली उर्फ तल्हा भाई (पाकिस्तानी नागरिक)
इनमें से मूसा और अली पर 20-20 लाख का इनाम घोषित किया गया है।
हालांकि यह अभी साफ नहीं हुआ है कि श्रीनगर में ढेर किए गए आतंकी इन्हीं में से कोई हैं या अन्य सदस्य हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद दूसरा बड़ा ऐक्शन
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।
इसके तहत पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई थी।
कई हाई-वैल्यू टारगेट्स को इस हमले में मार गिराया गया और आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को तबाह किया गया।
अब ऑपरेशन महादेव को उसी की कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
जो हमले में सीधे तौर पर शामिल आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में तलाश कर निष्प्रभावी करने की कार्रवाई है।
OP MAHADEV – Update
Three terrorist have been neutralised in an intense firefight. Operation Continues.#Kashmir@adgpi@NorthernComd_IA pic.twitter.com/5LToapGKuf
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) July 28, 2025
दाछीगाम में अभी भी छिपे हो सकते हैं आतंकी
सेना और पुलिस का संयुक्त अभियान अभी भी दाछीगाम जंगल क्षेत्र में जारी है।
यह इलाका बेहद घना और ऊंचाई पर स्थित है, जहां आतंकियों के हाइडआउट्स पहले भी मिल चुके हैं।
जनवरी 2025 में भी इसी क्षेत्र में एक TRF ठिकाना ध्वस्त किया गया था।
इसी ग्रुप ने हाल ही में LoC के पास लैंड माइन ब्लास्ट की जिम्मेदारी भी ली थी, जिसमें एक जवान शहीद हुआ था।
स्थानीय प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और क्षेत्र से दूर रहें। पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, एनकाउंटर स्थल से हथियार, गोला-बारूद और दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो पहलगाम हमले से लिंक साबित कर सकते हैं।
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