INDIA Alliance Meeting: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक ने मंगलवार को दिल्ली में एक अहम बैठक की।
इसमें 16 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) और NCP(शरद) मीटिंग में शामिल नहीं हुई।
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक संघर्ष से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की गई।
जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए 200 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र को सार्वजनिक किए गए
टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने जानकारी दी कि सभी दलों ने पीएम को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई है।
विपक्षी दलों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार जो जानकारी जनता से साझा कर रही है, वह अधूरी और भ्रमित करने वाली है।
इसीलिए विपक्ष संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है ताकि देश की जनता को सच बताया जा सके।
16 दल शामिल, आप-एनसीपी (शरद) नहीं पहुंची
बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (AITC), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), विदुथलाई चिरुथैगल काची (VCK), केरल कांग्रेस, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन शामिल हुईं।
आम आदमी पार्टी (AAP) मीटिंग में शामिल नहीं हुई। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने ने बताया कि AAP बुधवार को प्रधानमंत्री को अलग से चिट्ठी भेजेगी।
16 राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर संयुक्त रूप से एक विशेष संसद सत्र की मांग की है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों ने सरकार को जवाबी कार्रवाई करने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया था।
हमारी मांग थी कि एक विशेष संसद सत्र बुलाया जाए,… pic.twitter.com/OpJtLJqI0d
— Congress (@INCIndia) June 3, 2025
CDS के बयान से बढ़ी बहस, कांग्रेस ने मांगा जवाब
विशेष सत्र की मांग तब और तेज हो गई जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान कहा,
“असल मुद्दा यह नहीं है कि कितने फाइटर जेट गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे?”
इस बयान को विपक्ष ने यह स्वीकारोक्ति मान लिया कि भारत को सैन्य नुकसान हुआ है, जिसे सरकार छिपा रही है।
कांग्रेस पार्टी ने CDS का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर साझा कर केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं।
अगर नुकसान हुआ है, तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर पारदर्शिता से बच रही है।
200 से ज्यादा सांसदों ने लिखा PM को पत्र
सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा और राज्यसभा के 200 से अधिक सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक साझा पत्र लिखा है।
इस पत्र में संसद का विशेष सत्र बुलाकर ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाक संघर्ष, और विदेशी दावों पर खुली बहस की मांग की गई है।
आज की बैठक में इस पत्र को अंतिम रूप से जारी किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में 7 ऑल पार्टी डेलिगेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए विभिन्न देशों के दौरे पर भेजा है।
ये डेलिगेशन इस सप्ताह के अंत तक लौटने वाले हैं। विपक्ष चाहता है कि उनके लौटते ही संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर पूरी पारदर्शिता के साथ बहस की जाए।
विपक्ष का आरोप, सरकार जवाब देने से भाग रही है
RJD सांसद मनोज झा पहले ही प्रधानमंत्री को अलग से पत्र लिख चुके हैं।
उन्होंने लिखा, देश की जनता को अंधेरे में रखा जा रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार भारत-पाक सीजफायर का क्रेडिट ले रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार चुप है। यह खतरनाक संकेत है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए कहा कि वह संघर्ष की शर्तों और नतीजों पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि यह जानना देश के 140 करोड़ नागरिकों का हक है।
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विशेष सत्र की मांग का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, जैसे ही विदेश दौरे पर गए सभी डेलिगेशन भारत लौटते हैं, संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। संघर्ष की सच्चाई जानने का सबसे पहला अधिकार भारत के नागरिकों का है।
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