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Ajit Pawar in Iftar Party: मुंबई। “मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आपका भाई अजित पवार आपके साथ है, जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, अगर कोई भी दो गुटों में झगड़ा कराकर अमन-शांति को भंग करेगा और कानून को अपने हाथ में लेता है, चाहे वह कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा.” ये बयान हैं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के। एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने ये बातें उस रोजा इफ्तार पार्टी में दिए जो पार्टी की और से मुम्बई के इस्लाम जिमखाना में आयोजित की थी। अजित पवार ने कहा मैं मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा का आश्वासन देता हूँ।
पवार ने आगे कहा- हमने अभी होली मनाई है, गुड़ी पड़वा और ईद आने वाली है, ये सभी त्यौहार हमें एक साथ मिलकर मनाने हैं क्योंकि एकता ही हमारी असली ताकत है। हमें किसी भी विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना है। भारत विविधता में एकता का प्रतीक है।
अजित पवार का ये बयान महत्वपूर्ण और बीजेपी नेता नितेश राणे के बयान पर करारा जवाब माना जा रहा है, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। क्यूंकि ये उस वक्त आया है जब महाराष्ट्र में माहौल गरमाया हुआ है। नागपुर शहर में हुई हिंसा मामले में शुक्रवार को 14 लोगों को अरेस्ट भी किया गया है। पवार की इस अपील को सामाजिक समरसता की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा, “रमजान किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, यह इंसानियत, त्याग और आत्मचिंतन का प्रतीक है. यह आत्मसंयम सिखाता है और हमें जरूरतमंदों के दुख-दर्द को समझने की प्रेरणा देता है. रोजा न केवल शरीर को, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है।
नितेश राणे ने कहा था –
हल ही में बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में एक भी मुसलमान नहीं था। अजित पवार ने इस बात का जवाब देते हुए कहा था-नेताओं को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनके द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों से सांप्रदायिक तनाव पैदा न हो।
भाषा पर संयम हो
महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कुछ दिन पहले नेताओं को भाषा पर संयम बरतने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था- “एक मंत्री के तौर पर हमें एक निश्चित भूमिका निभानी होती है। (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि एक मंत्री के तौर पर हमें राजधर्म का पालन करना होता है। इसलिए हमें अपनी व्यक्तिगत राय, पसंद और नापसंद को अलग रखना होता है। हमने संविधान की शपथ ली है और संविधान ने हमें किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय न करने की जिम्मेदारी सौंपी है। ”
नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को
इन सभी बयानबाजी के दौर में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। पुलिस ने 2 थाना क्षेत्रों नंदनवन और कपिलनागर पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी (इंटरनेट सर्विस बंद) खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, अन्य थाना क्षेत्रों में दोपहर 2 से 4 बजे तक कर्फ्यू में राहत दी गई है। 9 थाना क्षेत्रों में हिंसा के छठे दिन यानी शनिवार को भी कर्फ्यू बरकरार रखा गया है।
तीन नई एफआईआर भी दर्ज
नागपुर हिंसा केस में शुक्रवार शाम तक पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई, जिनमें 10 किशोर भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में 3 नई एफआईआर दर्ज की हैं।
नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई है। फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
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