Seelampur Murder Case

Seelampur Murder Case

ये मकान बिकाऊ है… सीलमपुर में लगे पोस्टर- हिंदू खतरे में है, युवक की हत्या के बाद इलाके में दहशत

Share Politics Wala News

 

Seelampur Murder Case: उत्तर-पूर्व दिल्ली के सीलमपुर इलाके में 17 वर्षीय किशोर की चाकू मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई।

यह घटना गुरुवार की शाम उस वक्त घटी जब कुणाल दूध लेने घर से बाहर निकला था, तभी हमलावरों ने युवक को घेर लिया और कई बार चाकुओं से वार कर उसकी जान ले ली

इस दिल दहला देने वाली वारदात के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया है। फिलहाल, इस हत्याकांड में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

जहां एक ओर परिजनों पीएम मोदी और सीएम योगी से न्याय की मांग कर रहे है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोग इस घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुए पलायन की चेतावनी दे रहे हैं।

हत्या की वारदात और पुलिस की कार्रवाई

घटना सीलमपुर के जे-ब्लॉक की है, जहां मृतक किशोर अपने परिवार के साथ रहता था। कुणाल के पिता राजवीर ऑटो चालक हैं, इसके अलावा परिवार में मां, तीन भाई और एक बहन हैं।

कुणाल गांधी नगर में एक कपड़े की दुकान में काम करता था। गुरुवार शाम वह अपनी दादी को अस्पताल से घर छोड़कर दूध लेने निकला था, तभी उस पर हमला हुआ।

परिजनों का दावा है कि हमला पूरी तरह से पूर्वनियोजित था और इसे खास समुदाय के कुछ लड़कों ने अंजाम दिया

पुलिस के अनुसार, वारदात की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और कुणाल को जेपीसी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई

घटना की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की क्राइम टीम को मौके पर बुलाया गया।

फिलहाल हत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस कई सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ जारी है।

परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप

कुणाल के माता-पिता का आरोप है कि उनके बेटे का किसी से कोई झगड़ा नहीं था, न ही किसी विवाद से उसका कोई लेना-देना था

मां प्रवीन ने कहा, “हम मकान बेचने की सोच ही रहे थे, कभी नहीं सोचा था कि बेटा ही चला जाएगा।”

पिता राजवीर का कहना है कि उन्होंने अपनी आंखों से 4-5 युवकों को बेटे पर हमला करते देखा।

परिवार ने सीधे तौर पर साहिल और ज़िकरा नाम के युवकों पर शक जाहिर किया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले लाला नामक युवक की इन लड़कों से लड़ाई हुई थी, जिसकी रंजिश में कुणाल की हत्या की गई।

लोगों का मानना है कि कुणाल को केवल गिहारा समाज से होने के कारण निशाना बनाया गया।

सांप्रदायिक तनाव और हिंदू पलायन की आशंका

इस हत्या के बाद सीलमपुर में माहौल अत्यंत तनावपूर्ण हो गया है। स्थानीय लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

फांसी दो’ के नारे लगाते हुए उन्होंने सीलमपुर की मुख्य सड़क को जाम कर दिया है।

इसी दौरान इलाके में कई घरों के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” और “हिंदू पलायन कर रहा है” जैसे पोस्टर लगाए गए हैं।

पोस्टरों में लिखा है, “योगी जी मदद करो, रेखा गुप्ता जी सुरक्षा दो।”

इन नारों के माध्यम से लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से सुरक्षा की मांग की है।

स्थानीय निवासी दावा कर रहे हैं कि पिछले 10 सालों में इलाके में सात हत्याएं हो चुकी हैं और यह इलाका खास समुदाय के कुछ असामाजिक तत्वों के कारण डर और दहशत में जी रहा है।

उनका कहना है कि महिलाओं के साथ खुलेआम छेड़छाड़ होती है, गुंडागर्दी आम बात है और अब यहां रहना मुश्किल हो गया है।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस, कई इलाकों में चेकिंग

फिलहाल, हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा खुद मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की।

उन्होंने मीडिया को बताया कि आरोपी जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

इसके बावजूद प्रदर्शनकारी पुलिस से नाराज रहे और कहा कि अगर समय पर सुरक्षा दी गई होती, तो कुणाल आज जीवित होता।

प्रदर्शन के चलते सीलमपुर की मुख्य सड़क पूरी तरह से जाम हो गई, जिसे पुलिस ने खुलवाने की कोशिश की।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है और संदिग्धों की तलाश में दिल्ली के कई इलाकों में चेकिंग की जा रही है।

दिल्ली में UP मॉडल की मांग, CM रेखा गुप्ता की चुप्पी

इस मामले में लोगों ने यूपी के बुलडोजर मॉडल की मांग की है।

दिल्ली में भी गलत लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, बुलडोजर चलाया जाए और असामाजिक तत्वों को कानून का भय दिखाया जाए।

कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि हम केवल इसलिए निशाना बन रहे हैं क्योंकि हम हिंदू हैं या भाजपा से सहानुभूति रखते हैं

इधर घटना के बाद से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।

लोगों ने आरोप लगाया कि जब पूरा इलाका आक्रोशित है, तो मुख्यमंत्री को खुद मौके पर आना चाहिए था।

सीएम को पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय का आश्वासन देना चाहिए था, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

फिलहाल, दिल्ली पुलिस और प्रशासन पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें, ताकि लोगों का भरोसा कानून व्यवस्था पर बना रहे

साल 2020 में सीलमपुर इलाके में हुए थे दंगे

सीलमपुर की इस घटना ने ना केवल स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पूरे दिल्ली-एनसीआर में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस हादसे ने साल 2020 के दिल्ली दंगों की याद दिला दी। बता दें दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा में दंगाइयों ने सीलमपुर समेत 11 पुलिस स्टेशन के इलाकों में जमकर उत्पात मचाया था।

दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में दिए आंकड़ों के मुताबिक इन दंगों में 53 जानें गई थीं, इनमें 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे। इनके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए।

इस मामले में 758 FIR दर्ज हुई थी और करीब 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

अब एर फिर से सीलमपुर में युवक की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।

अगर समय रहते इस मामले में न्याय नहीं हुआ, तो यह घटना दिल्ली के सामाजिक तानेबाने को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *