Trump Tariff Delay on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले को 7 दिन के लिए टाल दिया है।
यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, जिसे अब 7 अगस्त से लागू किया जाएगा।
हालांकि, कनाडा पर 35% भारी टैरिफ आज यानी 1 अगस्त से ही लागू हो गया है।
ट्रंप प्रशासन ने 92 देशों पर टैरिफ लगाने की नई लिस्ट जारी की है।
जिसमें भारत और पाकिस्तान शामिल हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से चीन का नाम नहीं है।
कनाडा पर सख्ती, भारत को राहत, पाक पर मेहरबानी
ट्रंप सरकार के मुताबिक कनाडा को यह सजा इसलिए दी गई क्योंकि उसने हाल ही में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया।
इसके जवाब में अमेरिका ने तुरंत 35% टैरिफ लागू कर दिया।
वहीं, भारत को सात दिन की मोहलत दी गई है ताकि किसी संभावित व्यापारिक समझौते की गुंजाइश बनी रहे।
भारत पर पहले 26% टैरिफ की घोषणा की गई थी, जिसे अब घटाकर 25% कर दिया गया है।
वहीं पाकिस्तान पर अमेरिका बड़ा मेहरबान नजर आ रहा है।
एक दिन पहले ऑयल डील के बाद अब पाक के ऊपर टैरिफ को 29% से घटाकर 19% कर दिया गया है।
इस तरह अमेरिका की यह नीति अब ‘सेलेक्टिव टैरिफ अप्रोच’ की ओर बढ़ रही है।
गरीब देशों पर भारी टैक्स, चीन लिस्ट से गायब
टैरिफ लिस्ट में सीरिया, म्यांमार और लाओस जैसे गरीब देशों पर सबसे ज्यादा शुल्क लगाया गया है।
सीरिया पर 41%, जबकि म्यांमार और लाओस पर 40% तक का टैरिफ लगाया गया है।
इसके पीछे अमेरिकी प्रशासन की यह आशंका है कि चीन इन देशों का इस्तेमाल अपने माल को अमेरिका भेजने के लिए कर रहा है ताकि भारी टैरिफ से बचा जा सके।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में लाओस से अमेरिका का आयात दोगुना हो गया।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि चीन की सौर पैनल कंपनियों ने अपने प्लांट लाओस में शिफ्ट कर दिए। इससे चीन सीधे टैरिफ देने से बच गया।
ट्रंप प्रशासन ने चीन को लेकर कोई नई घोषणा नहीं की क्योंकि पहले से ही मई 2025 के कार्यकारी आदेश के तहत उस पर 30% टैरिफ लागू है।
यानी चीन इस नई लिस्ट में नाम ना होने के बावजूद पुराने टैरिफ नियमों के तहत ही रहेगा।
नया कस्टम ट्रैकिंग सिस्टम, हर देश की अलग पहचान
अमेरिका ने इस बार एक नई व्यवस्था लागू की है जिसके तहत अब हर देश की शिपमेंट की अलग-अलग ट्रैकिंग होगी।
पहले कई देशों को एक ग्रुप में रखकर टैरिफ लगाया जाता था, लेकिन अब हर देश की टैक्स दर और ट्रैकिंग अलग होगी।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई देश गलत जानकारी देकर टैरिफ से बच न सके।
उदाहरण के लिए, अगर किसी शिपमेंट के दस्तावेजों में थाईलैंड लिखा है लेकिन वह वास्तव में म्यांमार से आया है, तो अमेरिकी कस्टम सिस्टम उसे तुरंत पकड़ सकेगा। इ
ससे न सिर्फ फर्जीवाड़ा रुकेगा, बल्कि चीन जैसे देशों की थर्ड पार्टी शिपमेंट पर भी लगाम लगेगी।
पुराने टैरिफ में भी हुआ बदलाव
2 अप्रैल को ट्रंप ने सभी देशों पर न्यूनतम 10% से लेकर 30% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।
उस समय भारत पर 26% टैरिफ की बात हुई थी, जिसे अब घटाकर 25% किया गया है। पाकिस्तान को भी राहत मिली है।
यूरोपीय संघ के देशों पर सीधे टैरिफ नहीं लगाया गया, लेकिन पहले से मौजूद टैक्स दरों में 5% तक की वृद्धि की गई है।
ट्रंप सरकार ने साफ कर दिया है कि यदि कोई वस्तु किसी थर्ड पार्टी देश के जरिए भेजी जा रही है, ताकि टैक्स से बचा जा सके, तो उस पर 40% तक का टैरिफ लगाया जाएगा।
कुल मिलार कहा जाए तो ट्रंप की यह नई व्यापार नीति न सिर्फ आर्थिक हथियार है, बल्कि यह कूटनीतिक दबाव का भी एक जरिया बन गई है।
भारत को सात दिन की मोहलत देकर अमेरिका ने यह संकेत दिया है कि अगर बातचीत से रास्ता निकले तो टैरिफ को रोका जा सकता है।
वहीं कनाडा और सीरिया जैसे देशों पर कड़ा रुख दिखाकर अमेरिका ने यह भी साफ कर दिया कि वह अब सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि विचारधारा के आधार पर भी टैरिफ तय करेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इन सात दिनों में अमेरिका को कितना संतुष्ट कर पाता है और क्या टैरिफ से बचने का कोई विकल्प निकाल पाता है या नहीं।
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