Congress Protest: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद राजनीतिक भूचाल आ गया है।
मंगलवार को ईडी द्वारा पहली चार्जशीट दाखिल की गई, जिसके जवाब में कांग्रेस ने बुधवार को देशभर के ईडी कार्यालयों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रही है।
दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और केरल समेत कई राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया।
दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय के बाहर हिरासत में लिया।
वहीं दूसरी तरफ मुंबई के बांद्रा में भाजपा ने AJL हाउस के सामने ‘देवा भाऊ बुलडोजर चलाओ’ और ‘AJL की संपत्तियों को बुलडोजर चलाने’ की मांग करते हुए एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी हैं।
कांग्रेस का दावा- यह बदले की राजनीति है
देशभर में हो रहे आज कांग्रेस के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि यह कार्रवाई सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की “धमकाने की राजनीति” का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र को कमजोर करने और विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश है।
पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहनकर किया गया राज्य प्रायोजित अपराध है। कांग्रेस पार्टी और उसका नेतृत्व न तो झुकेगा, न डरेगा और न ही चुप रहेगा। “सत्यमेव जयते” की भावना के साथ हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, तथ्यों पर गौर करें तो इसमें कोई दम नहीं है, राहुल गांधी-सोनिया गांधी को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। हमने हाल ही में गुजरात में एक सम्मेलन आयोजित किया, हम पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रहे हैं, उन्हें यह पसंद नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर यह कदम उठाया है।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, जिस एजेंसी के माध्यम से लड़ाई को कोर्ट में लाया गया है, उस ED का एकमात्र उद्देश्य विपक्ष को परेशान करना है। भाजपा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव, गुजरात में कांग्रेस पार्टी की सक्रियता और आगामी असम चुनाव में संभावित हार से डर रही है। बीजेपी 400 पार के नारे के बाद 240 पर अटकने के कारण विपक्ष को पूरी तरह से कुचलना चाहती है, लेकिन ये भूल जाती है कि यह गांधी परिवार है जिसने देश के लिए इतनी कुर्बानियां दी हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, ये पूरा घटनाक्रम डरा-धमका कर विपक्ष को चुप कराने का प्रयास है। लेकिन राहुल गांधी और गांधी परिवार किसी से डरने वाला नहीं है।
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, भाजपा देश को नफरत के रास्ते पर ले जा रही है और लोकतंत्र की संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस ने फैसला लिया है कि देशभर में इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
बता दें इससे पहले मंगलवार को सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस में गुरुग्राम के शिकोहपुर लैंड घोटाले में पूछताछ हुई थी।
पूरी खबर यहां पढ़ें – ED ऑफिस में रॉबर्ट वाड्रा, शिकोहपुर लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए हाजिर
कांग्रेस भ्रष्टाचार को बचाने में लगी है- भाजपा
दूसरी तरफ भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि जो लोग दशकों तक भ्रष्टाचार में लिप्त रहे, उन्हें अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा हमला करते हुए कहा, ईडी अब वंशवाद और डकैती का अधिकार नहीं है। कांग्रेस जनता का पैसा और संपत्ति हड़प कर विक्टिम कार्ड खेल रही है।
वहीं भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है, लेकिन आखिर किस बात का? जब बिहार में लालू यादव और उनके परिवार से पूछताछ होती है, तो वहां भी धरना-प्रदर्शन किया जाता है। क्या कांग्रेस अब वही मॉडल अपना रही है?
आगे इस मामले में कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेता है तो औपचारिक रूप से आरोपी घोषित किया जाएगा और इसके बाद ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद कोर्ट तय करेगा कि जब्त की गई संपत्तियों पर सरकार का स्थायी नियंत्रण हो या नहीं?
बता दें, सोनिया और राहुल को कोर्ट ने दिसंबर 2015 में जमानत दी थी। ऐसे में जब तक कोर्ट नया गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करता है, जमानत पर तत्काल संकट नहीं है। लेकिन, भविष्य में अदालत के निर्णयों के आधार पर इसमें परिवर्तन संभव है।
बहरहाल, नेशनल हेराल्ड केस अब पूरी तरह से राजनीतिक और कानूनी जंग का रूप ले चुका है। इस केस ने एक बार फिर केंद्र बनाम विपक्ष की सियासी टकराव को गर्मा दिया है।
कांग्रेस जहां इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है, वहीं भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का हिस्सा बता रही है। अब सभी की निगाहें 25 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि मामला आगे कैसे बढ़ेगा।
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