बृजभूषण ने कहा देर आये दुरुस्त आये
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WFI sanjay singh-दिल्ली । कई आरोपों और पहलवानों की लम्बी लड़ाई के बाद निलंबित हुआ भारतीय कुश्ती महासंघ 26 माह के संघर्ष के बाद सरकार द्वारा फिर से बहाल कर दिया गया है। और कानूनी तौर पर इसकी कमान मिल गयी है संजय सिंह को। संजय सिंह महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं।
पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2023 को नवगठित भारतीय कुश्ती महासंघ को यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि ‘नया निकाय पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में है।’ एक बयान में खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ में मानदंडों के प्रति सम्मान की कमी और इस तथ्य की आलोचना की थी कि यह पूर्व अधिकारियों के अधीन काम करता है, जिन पर खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है। मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को राष्ट्रीय खेल महासंघ के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने के लिए गया कहा था। अब यह निलंबन वापस ले लिया गया है। डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह को संघ का पूरा नियंत्रण दे दिया है।
मान्यता बहाल
सरकार ने अपने एक पत्र में स्पष्ट करते हुए कहा है कि ‘स्पॉट सत्यापन समिति के निष्कर्षों, डब्ल्यूएफआई द्वारा किए गए अनुपालन उपायों और भारतीय खेलों और एथलीटों के व्यापक हित में, युवा मामले और खेल मंत्रालय 24 दिसंबर 2023 के आदेश द्वारा जारी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निलंबन को रद्द करता है। निम्नलिखित निर्देशों के साथ तत्काल प्रभाव से कुश्ती के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में इसकी मान्यता बहाल करता है।
मंत्रालय ने इस संबंध में महासंघ संचालन के लिए कुछ दिशानिर्देश भी सुझाए हैं। जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूएफआई को निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना होगा और नामित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन रखना होगा। इसके साथ ही निर्णय लेने की प्रक्रिया में नियंत्रण और संतुलन प्रदान करना होगा. यह प्रक्रिया 4 सप्ताह में पूरी होनी चाहिए।
जल्दबाजी कहा था संजय सिंह की घोषणाओं को
यह निर्णय भारतीय कुश्ती महासंघ नवनिर्वाचित और विवादास्पद अध्यक्ष संजय सिंह की इस घोषणा के बाद आया था कि अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होंगी। उनकी घोषणा को खेल मंत्रालय ने ‘जल्दबाजी’ कहा था। जरूरी है कि गोंडा बृजभूषण का क्षेत्र माना जाता है।
बृजभूषण पर करीब सात पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पहलवानों ने यह भी कहा था कि बृजभूषण और उनकी मंडली का भारत में खेल के संचालन पर पूर्ण नियंत्रण था।
देर आए दुरुस्त आए
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कुश्ती संघ बहाल के लिए केंद्र सरकार व खेल मंत्री काे धन्यवाद ज्ञापित किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि इस प्रकरण से अगर नुकसान किसी का हुआ है तो खिलाड़ियों का हुआ है। जूनियर खिलाड़ियों व कमजोर राज्य के खिलाड़ियों का बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन देर आए दुरुस्त आए।
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