India Covid-19 Cases: भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है।
हालात उतने गंभीर नहीं हैं जितने महामारी के पहले और दूसरे चरण में थे, लेकिन देश में फिर से संक्रमण फैलने के संकेत मिलने लगे हैं।
खासकर जब नए वेरिएंट और सब-वेरिएंट की पुष्टि हो रही है, तब इस पर नजर बनाए रखना जरूरी हो गया है।
बिहार में सोमवार को पटना स्थित एम्स (AIIMS) के एक डॉक्टर और एक 31 वर्षीय व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
यह राज्य में कोरोना की मौजूदा लहर का पहला मामला है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।
वहीं, पश्चिम बंगाल में भी चार नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही वहां सक्रिय मामलों की संख्या 12 तक पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित मरीजों में प्रमुख रूप से सांस लेने में दिक्कत और बुखार जैसे लक्षण हैं।
अधिकतर केस कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों से आए हैं।
पिछले एक सप्ताह में देश भर से 752 नए मामले सामने आए हैं, जिससे देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 1,009 हो चुकी है।
किस राज्य में कितने मामले?
देश के कुछ राज्य कोविड-19 के मामले बढ़ने को लेकर चिंता में हैं।
केरल में सबसे ज्यादा 335 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे वहां एक्टिव केस की संख्या 430 हो गई है।
महाराष्ट्र में 153 और दिल्ली में 99 नए केस मिले हैं। दिल्ली में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 104 है।
इसके अलावा, गुजरात में 83, कर्नाटक में 47 और उत्तर प्रदेश में 15 नए केस सामने आए हैं।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश के कई हिस्सों में कोविड-19 का संक्रमण फिर से फैल रहा है, हालांकि इसकी गति पहले जैसी तीव्र नहीं है।
देश में इस लहर के दौरान अब तक 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से चार मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं।
हाल ही में 21 वर्षीय एक युवक की मौत महाराष्ट्र के ठाणे जिले के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में हुई। युवक 22 मई से भर्ती था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
17 मई को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 84 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर के चलते हुई। उनकी कोविड रिपोर्ट 24 मई को पॉजिटिव आई।
इसके अलावा, केरल में भी दो लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है।
हालांकि अभी मृत्यु दर बेहद कम है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण की गति को गंभीरता से लेने की जरूरत है, ताकि स्थिति हाथ से न निकले।
भारत में नए वेरिएंट का खतरा
कोविड के बढ़ते मामलों के बीच, NB.1.8.1 और LF.7 नामक दो नए वेरिएंट देश में पाए गए हैं।
ये वेरिएंट इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की निगरानी में हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” की श्रेणी में रखा है, यानी अभी यह चिंताजनक नहीं हैं, लेकिन इन पर नजर रखी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, NB.1.8.1 वेरिएंट में A435S, V445H और T478I जैसे स्पाइक म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे अधिक संक्रामक बनाते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम हैं।
भारत में इस समय सबसे ज्यादा प्रभावी वेरिएंट JN.1 है, जो Omicron के BA2.86 स्ट्रेन का सब-वेरिएंट है।
WHO ने इसे दिसंबर 2023 में “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया था।
इसमें 30 म्यूटेशन हैं, जो संक्रमण को तेजी से फैलाते हैं, लेकिन गंभीर बीमारी के ज्यादा मामले इससे नहीं हो रहे।
लक्षण और लॉन्ग कोविड का डर
JN.1 से संक्रमित मरीजों में आम तौर पर बुखार, गले में खराश, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, थकावट और सिरदर्द जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, यह वेरिएंट अन्य वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है, लेकिन गंभीर लक्षणों की संभावना कम है।
कुछ मामलों में मरीजों को “लॉन्ग कोविड” की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जहां लक्षण हफ्तों तक बने रहते हैं।
इस स्थिति में व्यक्ति कोविड से ठीक हो जाने के बाद भी थकान, सांस की तकलीफ या मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याओं से जूझता रहता है।
क्या लग सकता है लॉकडाउन?
देश में बढ़ते मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर लॉकडाउन को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि लॉकडाउन जैसी स्थिति अभी नहीं है।
सरकार का कहना है कि लॉकडाउन तभी लगाया जाता है जब मृत्यु दर तेज़ी से बढ़े और स्वास्थ्य व्यवस्था पर अत्यधिक दबाव पड़े।
फिलहाल केंद्र और राज्य सरकारें केवल एहतियातन कदम उठा रही हैं, जैसे कि मास्क लगाने की सलाह, भीड़भाड़ से बचने की अपील और निगरानी बढ़ाना।
बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें
✅ क्या करें:
- भीड़भाड़ में मास्क पहनें
- हाथों को नियमित धोते रहें
- अगर बुखार या गले में खराश हो तो टेस्ट कराएं
- वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज जरूर लें
❌ क्या न करें:
- अफवाहों पर विश्वास न करें
- खुद से दवाइयां न लें
- हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
हालांकि कोविड-19 की यह नई लहर फिलहाल उतनी घातक नहीं दिख रही है, लेकिन सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
नए वेरिएंट्स के आने और संक्रमण के फिर से फैलने की आशंका के बीच हमें सतर्क रहना चाहिए।
सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि हालात नियंत्रण में बने रहें और हम एक बार फिर किसी संकट का सामना न करें।
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