Dilip Jaiswal On Tejashwi Yadav

Dilip Jaiswal On Tejashwi Yadav

बिहार में परिवारवाद पर सियासी घमासान, बीजेपी अध्यक्ष बोले- लालू के बिना तेजस्वी की पहचान नहीं

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Dilip Jaiswal On Tejashwi Yadav: बिहार में परिवारवाद एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर राजनीतिक पार्टियों एक-दूसरे पर अक्सर हमलावर रहती है। अब बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और उनकी पहचान केवल उनके पिता लालू प्रसाद यादव के नाम से है।

मेरे पिता कुछ नहीं थे, फिर भी BJP ने अध्यक्ष बनाया

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने परिवारवाद के मुद्दे पर लालू परिवार पर निशाना साधा। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपनी स्थिति पर विचार करना चाहिए कि यदि लालू प्रसाद यादव उनके पिता नहीं होते, तो उनकी राजनीति में क्या पहचान होती?

इसके विपरीत, उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता कुछ नहीं थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अवसर दिया। दिलीप जायसवाल के इस बयान को सीधे तौर पर लालू परिवार और बिहार की राजनीति में मौजूद वंशवाद पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है।

RJD केवल एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है

बीजेपी लंबे समय से यह आरोप लगाती रही है कि राजद केवल एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है, जहां नेतृत्व हमेशा लालू प्रसाद और उनके परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमता है। तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किए जाने पर भी बीजेपी सवाल उठाती रही है।

दिलीप जायसवाल ने इसी मुद्दे को हवा देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को अपनी पहचान पर सवाल उठाना चाहिए, क्योंकि उनके बिना लालू प्रसाद यादव के साये के वे राजनीति में कहीं नहीं होते। उनका यह बयान तेजस्वी यादव और राजद के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।

बिहार की राजनीति में इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज होने की संभावना है। जायसवाल के इस बयान से साफ जाहिर है कि बीजेपी आगामी चुनावों में परिवारवाद बनाम विकास की राजनीति को अहम मुद्दा बनाएगी।

वक्फ बिल के बहाने विपक्ष पर निशाना

इसके अलावा दिलीप जायसवाल ने वक्फ संशोधन बिल पर विपक्षी दलों खासकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और उसके नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों की आय में पारदर्शिता आएगी और इसका फायदा मुस्लिम समाज को होगा।

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2019 में वक्फ की आय 166 करोड़ थी, जो 2023-24 में घटकर मात्र 14 करोड़ रह गई। जायसवाल ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार यह आय 12 हजार करोड़ होनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों से होने वाली आमदनी कुछ चुनिंदा लोगों की जेब में जा रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

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