Ranbir Singh Pathania: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ईस्ट से विधायक रणबीर सिंह पठानिया के बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
उन्होंने भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए।
बीजेपी विधायक ने कहा कि उस दौरान एयरफोर्स के जवान सोए हुए थे और उन्होंने इसे वायुसेना की “नालायकी” बताया।
एयरफोर्स स्टेशन के नोटिस का विरोध
पूरा मामला उधमपुर एयरफोर्स स्टेशन से जुड़े एक नोटिस से शुरू हुआ, जिसमें एयरबेस के पास स्थित दुकानों और मकानों को हटाने के निर्देश दिए गए थे।
यह कदम सड़क चौड़ीकरण के लिए उठाया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया।
इसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे रणबीर सिंह पठानिया ने मीडिया से बात करते हुए एयरफोर्स और ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित बयान दे दिया।
रणबीर सिंह पठानिया ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयरफोर्स के पायलट सोए हुए थे।
नालायकी इनकी होगी, हमारा क्या कसूर? हमने तो इन्हें पलकों पर बैठा रखा है।
उनका कहना था कि जब पहलगाम आतंकी हमला हुआ, तब एयरफोर्स स्टेशन पर पर्याप्त सतर्कता नहीं थी, जिससे यह सवाल उठते हैं कि सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।
बता दें ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद किया गया एक जवाबी सैन्य अभियान था।
इस हमले में 27 निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर कई लॉन्च पैड्स को ध्वस्त किया था।
बयान पर बवाल मचने के बाद पठानिया की सफाई
रणबीर सिंह पठानिया का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद उन्हें चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा।
पूर्व सैन्य अधिकारियों और विपक्षी नेताओं ने उनके बयान को “देश के सुरक्षाबलों का अपमान” बताया। कई लोगों ने उनसे माफी मांगने की मांग की।
विवाद बढ़ता देख रणबीर सिंह पठानिया ने अपने बयान पर सफाई दी।
उन्होंने कहा कि, मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। जो क्लिप वायरल हो रही है, वह एडिट की गई और भ्रामक है।
मैं भारतीय सेना और वायुसेना का बेहद सम्मान करता हूं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद केवल स्थानीय लोगों की समस्या को उजागर करना था, न कि सेना का अपमान करना।
बहरहाल, भाजपा विधायक का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश आतंकवाद और सीमाई सुरक्षा के गंभीर मुद्दों से जूझ रहा है।
सेना और वायुसेना के पराक्रम को लेकर उठाए गए इस तरह के सवाल न केवल राजनीतिक बहस को जन्म देते हैं, बल्कि सेना के मनोबल को भी प्रभावित कर सकते हैं।
हालांकि विधायक ने सफाई दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से पहले नेताओं को ज्यादा जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए?
कुछ समय पहले ही नीति आयोग की बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एनडीए के नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर पर गैर-जरूरी बयानबाजी ना करने की हिदायत दी थी।
इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह और हरियाणा से राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता रामचंद्र जांगड़ा के बयानों को लेकर भी खूब विवाद हुआ था और भारतीय जनता पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ा था।
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