Rameshwar Sharma: मुगल शासकों को लेकर एक बार फिर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) का बड़ा बयान सामने आया है। राजधानी भोपाल में आयोजित एक शैक्षणिक संस्थान के वार्षिकोत्सव समारोह में पहुंचे रामेश्वर शर्मा ने मंच से मुगलों को लुटेरे करार देते हुए कहा कि औरंगजेब, बाबर, हुमायूं और अकबर जैसे शासकों ने भारत की संपदा को लूटा और यहां की संस्कृति को कुचलने का प्रयास किया। इसके विपरीत, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह और महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं ने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, इसलिए यही सच्चे महानायक हैं और रहेंगे।
महाराष्ट्र में औरंगजेब की प्रशंसा पर भड़के
रामेश्वर शर्मा ने महाराष्ट्र में सामने आए एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कुछ लोग औरंगजेब को महान बताने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो शासक लाखों हिंदुओं के जनेऊ तुड़वाए, जबरन धर्मांतरण कराए और गुरु तेग बहादुर जैसे धर्म रक्षकों का सिर कटवाया, वह महान कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि दिल्ली में स्थित शीशगंज गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर की बलिदान गाथा का जीवंत प्रमाण है।
रामेश्वर शर्मा ने अपने भाषण में इतिहास के उन तमाम पन्नों को पलटते हुए भारत के असली नायकों को याद किया और साफ कहा कि विदेशी आक्रांताओं को महान बताने की साजिश कभी सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को सही इतिहास पढ़ाना ही राष्ट्रधर्म है।
गुरु गोविंद सिंह के बेटों की शहादत का जिक्र
भाजपा विधायक ने गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों की शहादत का उल्लेख करते हुए कहा कि औरंगजेब ने निर्दयता की सारी हदें पार करते हुए सिख गुरुओं के बेटों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। यह कैसा महान शासक है, जो धर्म के आधार पर इतना क्रूर था? उन्होंने कहा कि आज देश को यह तय करना होगा कि बच्चों को कौन सा इतिहास पढ़ाया जाए — लुटेरों का या धर्म के लिए बलिदान देने वाले वीरों का।
रामेश्वर शर्मा ने स्पष्ट कहा कि भारत के असली नायक वे योद्धा हैं, जिन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ वीरतापूर्वक संघर्ष किया और अपने धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह जैसे वीर पुरुषों का इतिहास हर पीढ़ी को पढ़ाया जाएगा, क्योंकि यही भारत के गौरव हैं।
इतिहास पर छिड़ी बहस, राजनीतिक संदेश भी साफ
रामेश्वर शर्मा का यह बयान ऐसे समय आया है, जब देश में इतिहास के पाठ्यक्रमों और उसमें मुगलों की भूमिका को लेकर व्यापक बहस छिड़ी हुई है। एक धड़ा मुगल शासकों को भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का हिस्सा मानता है, तो दूसरा धड़ा उन्हें लुटेरे और अत्याचारी बताकर भारतीय परंपराओं का विरोधी बताता है।
रामेश्वर शर्मा ने साफ किया कि उनके हिसाब से मुगल भारत में सिर्फ लूटने और जबरन धर्मांतरण करने आए थे, उनकी कोई महिमा नहीं है। उनके इस बयान को भाजपा की राष्ट्रवादी और हिंदुत्व आधारित राजनीति से भी जोड़ा जा रहा है। हिंदू वीरों को महिमामंडित करना और मुगलों को लुटेरा बताना भाजपा की विचारधारा का हिस्सा रहा है, जिसे रामेश्वर शर्मा ने एक बार फिर दोहराया है।
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