Nazia Elahi Khan

Nazia Elahi Khan

AIMPLB पर नाजिया इलाही खान का हमला, कहा- बोर्ड पर ताला मारकर चाभी गंगाजी में फेंक दूंगी

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Nazia Elahi Khan: खंडवा (मध्य प्रदेश)। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की फायर ब्रांड मुस्लिम नेता नाजिया इलाही खान एक बार फिर अपने तीखे और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) को लेकर बड़ा बयान दिया।

नाजिया ने साफ शब्दों में कहा कि अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर हथौड़ा चलाया जाएगा और उस पर‘ताला मारकर उसकी चाबी गंगाजी में फेंक दी जाएगी। उनका कहना है कि भारत केवल अंबेडकर के संविधान से चलेगा और किसी पर्सनल लॉ की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

यह देश किसी के बाप की जागीर नहीं है’

नाजिया इलाही खान ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही ओंकारेश्वर की परिक्रमा करेंगी और यह मन्नत मांगेंगी कि देश से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का खात्मा हो। नाजिया का कहना है कि यह देश किसी के बाप की जागीर नहीं है जो यहां अपने पर्सनल कानून चलाएगा। उन्होंने कहा कि देश अंबेडकर के बनाए संविधान से चलता है और आगे भी चलेगा।

नाजिया इलाही ने यह भी कहा कि जैसे ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का खात्मा होगा, वे ओंकारेश्वर में एक बड़ा यज्ञ करेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में रह रहे 22 करोड़ मुसलमानों में से कितने “घुसपैठिए” हैं, यह जांचना जरूरी है। उनका कहना है कि अगर जरूरी हो तो 22 करोड़ में से सिर्फ 2 करोड़ ही भारत के हो सकते हैं, बाकी घुसपैठिए हो सकते हैं और उन्हें बाहर निकालना चाहिए।

नाजिया पहले भी कर चुकी हैं ऐसी मांग

यह पहला मौका नहीं है जब नाजिया इलाही खान ने मुस्लिम संस्थाओं या प्रथाओं के खिलाफ बयान दिया हो। इससे पहले रमजान महीने में वे उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर पहुंची थीं। वहां भी उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर मन्नत मांगी थी और उसके समर्थन में बयान दिया था। उनके मुताबिक, मुस्लिम समाज में कई ऐसी संस्थाएं हैं जो देश के संविधान से मेल नहीं खातीं और उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए

नाजिया खान का आरोप है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शरिया कानून को बढ़ावा देता है, जो भारतीय संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भारत में रहकर हम सरिया कानून नहीं मान सकते। हम केवल अंबेडकर के संविधान को मानते हैं। देश का हर सच्चा मुसलमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को खत्म किया जाना जरूरी है।

जाने कौन है विवादों में रहने वाली नाजिया ?

नाजिया इलाही खान भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे की सक्रिय सदस्य हैं। वे सबसे पहले ट्रिपल तलाक पीड़िता इशरत जहां की वकील के रूप में चर्चा में आई थीं। इसके बाद वे 2018 में बीजेपी में शामिल हुईं। वे पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखती हैं और वहां की बीजेपी इकाई में राज्य समिति सदस्य, हथकरघा बुनाई प्रकोष्ठ और मजदूर प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय पर्यवेक्षक भी हैं।

नाजिया अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में घिरी रहती हैं। हाल ही में महाकुंभ के दौरान उन्होंने दावा किया था कि उन पर हमला हुआ है, हालांकि जांच में यह दावा झूठा पाया गया। उनके ताजा बयान एक बार फिर यह संकेत देते हैं कि वे बीजेपी की विचारधारा को मुस्लिम समुदाय के भीतर से प्रतिनिधित्व देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन यह प्रतिनिधित्व समुदाय के कई वर्गों के लिए असहज करने वाला हो सकता है।

पश्चिम बंगाल की सीएम पर भी निशाना

खंडवा से पहले नाजिया इलाही खान ने आगर मालवा जिले के नलखेड़ा स्थित बगलामुखी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार के तहत कुछ मुसलमान कह रहे हैं कि अगर वक्फ बोर्ड बिल वापस नहीं लिया गया तो बंगाल दूसरा बांग्लादेश बन जाएगा। नाजिया ने कहा कि ममता को यह याद रखना चाहिए कि जब मुसलमान उन्हें खारिज करेंगे तो 57 मुस्लिम देशों में से कोई भी उन्हें शरण नहीं देगा, ठीक वैसे ही जैसे शेख हसीना को नहीं मिला।

बहरहाल नाजिया इलाही खान का यह बयान न सिर्फ मुस्लिम समुदाय में हलचल पैदा कर सकता है, बल्कि यह भाजपा की अल्पसंख्यक राजनीति की दिशा और रणनीति को भी दर्शाता है। ऐसे बयानों से एक ओर वे पार्टी के कट्टरपंथी समर्थकों को साधने की कोशिश करती हैं, वहीं दूसरी ओर अल्पसंख्यक समाज में अपनी स्वीकार्यता भी चुनौती में डाल देती हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इन बयानों का राजनीतिक असर कितना और किस दिशा में पड़ता है।

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