प्रदीप जोशी #politicswala Report
इंदौर। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की 195 सीटों के नामों की पहली सूची जारी कर दी है, इसमें मध्यप्रदेश के 24 सीटें भी शामिल हैं। साथ ही 5 सीटें संगठन ने होल्ड पर रखी है इनमें 3 सीट मालवा निमाड़ की है। इंदौर, उज्जैन और धार सीट को होल्ड पर रखे जाने से सियासी हलको में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
भाजपा ने सूची जारी होने से पहले हर सीट पर जो रायशुमारी करवाई थी उसका असर सामने दिख भी रहा है। बात मालवा निमाड़ अंचल की 8 सीटों की करें तो इनमें से 5 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं, 4 सीटों पर मौजूदा सांसद को ही मौका मिला है, 1 सीट रतलाम-झाबुआ में पार्टी ने अहम फैसला लेते हुए मौजूदा सांसद जीएस डामोर के स्थान पर अनिता चौहान को प्रत्याशी घोषित किया है।
इंदौर जैसी महत्वपूर्ण सीट पर वैसे तो बदलाव की संभावना कम नजर आ रही है, बावजूद इसके पूर्व विधायक जीतू जिराती का नाम सर्वाधिक चर्चा में है। पहली सूची में बड़े चेहरों को मौका दिया जाने से चर्चा यह भी है कि पार्टी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी मैदान में उतार सकती है।
रायशुमारी का दिखा असर
देवास सीट पर महेंद्र सोलंकी को उनकी सक्रियता का सीधा लाभ fमिला है। जज की कुर्सी छोड़ कर सियासी मैदान में उतरे सोलंकी ने पिछला चुनाव लोक गायक पद्मश्री प्रहलाद टिपाणिया को हराया था। मंदसौर में तमाम अटकलों को विराम देते हुए राष्ट्रीय संगठन ने सुधीर गुप्ता को ही उपयुक्त माना।
खंडवा में नन्दू भैया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जीत का परचम फहराने वाले ज्ञानेश्वर पाटिल भी टिकट बचाने में सफल रहे, वहीं खरगोन में गजेन्द्र पटेल ही पार्टी के लिए बेहतर चेहरा साबित हुए। रतलाम-झाबुआ सीट पर सांसद गुमानसिंह डामोर को स्वयं पर लगे भ्रष्टाचार के केस भारी पड़ गए। संगठन ने इसे काफी गंभीर माना और उनके स्थान पर वनमंत्री नागरसिंह चौहान की धर्मपत्नी अनिता चौहान को इस सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया।
चर्चा में इंदौर, उज्जैन धार
सूबे की 3 सीट होल्ड पर रखे जाने के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। हर तरफ यही चर्चा है क्या भाजपा इन सीटों पर चेहरे बदलेगी या फिर मौजूदा सांसद पर ही भरोसा किया जाएगा। तीनों संसदीय क्षेत्र और मौजूदा सांसदों के रिपोर्ट कार्ड बताते हैं कि बदलाव की संभावना कम है। फिर भी पार्टी नए चेहरे आगे करना चाहेगी, तो विकल्प क्या होंगे, इसको लेकर कई नाम उछलने लगे हैं।
लालवानी को दूसरी बार टिकट का भरोसा
उधर मौजूदा सांसद शंकर लालवानी अपने काम, व्यवहार और स्वच्छ छबी के आधार पर आश्वस्त है। रेलवे, एयरपोर्ट विस्तार के साथ सामाजिक और रचनात्मकता वाले काफी काम उनके खाते में दर्ज है। दुसरा सिंधी समाज के होने का लाभ उन्हें मिलना भी तय है। बहरहाल उनके समर्थकों को भरोसा है कि इंदौर में पार्टी कोई बदलाव नहीं करेगी।
फिरोजिया को भी है उम्मीद –
विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी ने अनिल फिरोजिया को उज्जैन लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था, फिरोजिया ने यह चुनाव 3 लाख 65 हजार से ज्यादा वोटो से जीता था। उज्जैन में राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी सड़क परियोजना उनके खाते में दर्ज है, अपनी उपलब्धियों और सक्रियता के आधार पर उन्हें दोबारा मौके की उम्मीद है।
दरबार को उम्मीद, उम्र नहीं बनेगी बाधा-
धार लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद छतरसिंह दरबार का नाम भी पार्टी ने होल्ड पर रखा है। कयास लगाये जा रहे हैं कि पार्टी इस बार किसी युवा और नए चेहरों को आगे कर सकती है। वैसे तो धार आदिवासी सीट है, पर इसका मिजाज पहले जनसंघ और बाद में भाजपा के पक्ष में अधिक रहा है। दरबार इस सीट पर तीसरी बार का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि उनकी उम्र टिकट में बाधा नहीं बनेगी।
विजयवर्गीय, जीतू और जटिया पुत्र की चर्चा –
टिकट बदलाव की संभावना कम होने के बावजूद इंदौर सीट पर नए-नए नाम हर दिन सामने आ रहे हैं। भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व विधायक जीतू जिराती का नाम चर्चा में आ गया है। पहली सूची में वरिष्ठ नेताओं को मिले स्थान के बाद माना जा रहा है कि विजयवर्गीय को फिर से केंद्र की सियासत में लाया जाएगा, वहीं राऊ विधानसभा सीट से प्रबल दावेदार रहे जिराती को अंतिम समय निराश होना पड़ा था, बाद में उन्हें उज्जैन संभाग की अहम् जिम्मेदारी दी गई थी।
गुजरात चुनाव में भी उनके काम को संगठन ने सराहा था। इसी का का ईनाम टिकट के रूप में दिए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उज्जैन सीट पर पार्टी अगर कोई बदलाव करती है तो नए चेहरे के रूप में वरिष्ठ नेता सत्यनारायण जटिया के पुत्र राजकुमार जटिया को मौका मिल सकता है। धार सीट पर चौकाने वाला नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।