Bilawal Bhutto Zardari: इस्लामाबाद में सोमवार को नेशनल असेंबली सत्र के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने हाल ही में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की तुलना इजराइल के ईरान पर हवाई हमलों से कर दी।
बिलावल यहीं नहीं रुके, उन्होंने सिंधु जल संधि पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान के जल संसाधनों पर रोक लगाई तो पाकिस्तान जंग से पीछे नहीं हटेगा।
ऑपरेशन सिंदूर और इजराइली हमलों की तुलना
बिलावल भुट्टो ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरह इजराइल ने ईरान पर हमला किया, वैसा ही भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला कर किया था।
उन्होंने इसे एकतरफा आक्रामकता करार दिया और कहा कि भारत ने 6 से 7 मई के बीच पाकिस्तानी सीमा के भीतर सैन्य कार्रवाई कर क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाला।
बिलावल ने दावा किया कि 7-10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ, जिसमें पाकिस्तान की सेना ने जीत दर्ज की।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन बुनियान-उम-मारसूस के तहत भारत के 6 फाइटर जेट्स को मार गिराया, जिनमें तीन राफेल विमान और दर्जनों ड्रोन शामिल थे। हालांकि इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।
सिंधु जल संधि पर युद्ध की चेतावनी
बिलावल ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने को “अवैध” और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ बताया।
उन्होंने कहा कि यदि भारत पाकिस्तान को मिलने वाले नदियों के पानी को रोकने की कोशिश करता है या नदियों पर बांध बनाने की योजना को आगे बढ़ाता है, तो पाकिस्तान इसे युद्ध का कारण मानेगा।
उन्होंने संसद में कहा, “भारत को याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान की वायुसेना पहले भी उसे हराकर दिखा चुकी है और अगर जरूरत पड़ी तो फिर से ऐसा करेगी। हम अपने देश के लिए सभी छह नदियों के पानी को सुरक्षित रखेंगे और किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देंगे।”
इजराइल को बताया तीसरे विश्व युद्ध का कारण
बिलावल ने अपनी बातों में इजराइल के ईरान पर हमलों की भी कड़ी आलोचना की।
उन्होंने इसे वैश्विक अस्थिरता की ओर बढ़ता हुआ कदम बताया और कहा कि इजराइल की कार्रवाइयां दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल रही हैं।
उन्होंने चेताया कि अगर वैश्विक समुदाय ने अब भी चुप्पी साधे रखी तो कोई नहीं बचेगा।
बिलावल ने जर्मन पादरी मार्टिन नीमोलर की प्रसिद्ध कविता “First they came…” का जिक्र करते हुए कहा, “पहले वे फलस्तीनियों के लिए आए, फिर लेबनान, फिर यमन और अब ईरान के लिए आ गए। अगर आज हम नहीं बोले तो कल जब वे हमारे लिए आएंगे, तब बोलने वाला कोई नहीं बचेगा।”
उन्होंने अमेरिका की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला, अंतरराष्ट्रीय कानून और IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक
इन घटनाक्रमों के बीच पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की एक आपात बैठक बुलाई।
यह बैठक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में सोमवार शाम आयोजित हुई।
इसमें सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर समेत सभी प्रमुख रक्षा और खुफिया अधिकारी शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में फील्ड मार्शल मुनीर ने अपने हालिया अमेरिका दौरे की जानकारी साझा की।
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई बैठक का विवरण भी साझा किया और ईरान-इजराइल संघर्ष को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा की।
हालांकि, अमेरिका में मुनीर को विरोध का सामना भी करना पड़ा। वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें तानाशाह और कातिल बताते हुए नारेबाजी की।
पाकिस्तान ने दिया ईरान को अपना समर्थन
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियान से फोन पर बात की और अमेरिका व इजराइल के हमलों की निंदा की।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ईरान की जनता और सरकार के साथ खड़ा है।
उन्होंने हमलों में जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है।
शहबाज ने तनाव घटाने के लिए सभी पक्षों से बातचीत और कूटनीति अपनाने की अपील की।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान इस मामले में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी क्षेत्रीय शांति की वकालत करते हुए संयम बरतने की अपील की।
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