Nitish Kumar Mental Health

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मानसिक रूप से अस्थिर ‘सुशासन बाबू’ को मिली कुर्सी छोड़ने की सलाह, पहले भी कई बार दिखा अटपटा व्यवहार

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Nitish Kumar Mental Health: बिहार के ‘सुशासन बाबू’, 9 बार मुख्यमंत्री बने, बिहार की सत्ता में मजबूत पकड़ रखने वाले सीएम नीतीश कुमार के मेंटल हेल्थ को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। हाल ही में उनके द्वारा राष्ट्रगान का अपमान करने के बाद विपक्ष उन पर हमलावर हो गया और मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग की। वहीं बिहार पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने नीतीश कुमार को कुर्सी छोड़ने की सलाह दे डाली है।

ठीक होते तो नहीं करते राष्ट्रगान का अपमान

विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान नहीं किया है, बल्कि उनकी तबीयत खराब थी। बढ़ती उम्र के कारण अगर तबीयत खराब है और अगर सीएम मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं तो इसे राष्ट्रगान का अपमान नहीं कहा जा सकता। उन्होंने नीतीश कुमार से कुर्सी छोड़ने की सलाद ही और कहा कि मुख्यमंत्री की खराब सेहत के कारण बिहार में कानून व्यवस्था कमजोर होने के साथ युवाओं का विकास और राज्य की प्रगति भी प्रभावित हो रही है।

नीतीश की मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग

20 मार्च को पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में आयोजित सेपक टाकरा वर्ल्ड कप 2025 के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे। यहां राष्ट्रगान के दौरान सीएम बगल में खड़े प्रधान सचिव से बात करने की कोशिश कर रहे थे और मंच के नीचे खड़े पत्रकारों की तरफ़ हाथ जोड़ कर अभिवादन करने लगे। नीतीश कुमार के राष्ट्रगान के दौरान इशारे करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें घेरना शुरु कर दिया और बिहार की राजनीति नीतीश कुमार की सेहत के इर्द-गिर्द घूमने लगी। विपक्ष ने विधानसभा में राष्ट्रगान का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान का नारा लगाते हुए सीएम नीतीश कुमार के मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की कई बार कह चुके हैं कि नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने योग्य नहीं रह गए हैं।

कब-कब दिखा नीतीश का अटपटा व्यवहार

74 साल के नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर की पहचान उनका व्यवहार रहा है। अच्छी हिन्दी, राजनीतिक मुद्दे पर जबरदस्त पकड़ और सौम्य-शालीन व्यवहार ने उन्हें बिहार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में एक अच्छी छवि वाला नेता बनाया। लेकिन, बीते दो सालों में कई ऐसे मौक़े आए, जब लगा कि नीतीश कुमार का व्यवहार बदला है।

  • 07 नवंबर 2023 – विधानसभा और परिषद में यौनिकता से जुड़ा विवादित बयान दिया, जिससे राष्ट्रीय चर्चा हुई।
  • 09 नवंबर 2023 – विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भड़के और कहा कि उनकी (नीतीश की) मूर्खता से मांझी मुख्यमंत्री बने थे।
  • 22 दिसंबर 2023 – डेयरी एंड कैटल एक्सपो में मंच पर मौजूद महिला एंकर के कंधे पर हाथ रखकर कहा, “आपका भी अभिनंदन”।
  • 01 मई 2024 – चुनावी रैली में नारा लगाया, “अबकी बार-4 हजार पार” और यह गलती कई बार दोहराई।
  • 19 जून 2024 – नालंदा के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ पकड़कर टटोलने लगे।
  • 15 अक्टूबर 2024 – गांधी मैदान में रावण वध समारोह में धनुष-बाण फेंक दिया।
  • 29 नवंबर 2024 – विधानसभा में मंत्री अशोक चौधरी के ब्रेसलेट से खेलने लगे।
  • 18 जनवरी 2025 – प्रगति यात्रा के दौरान कहा, “2005 से पहले महिलाएं कुछ पहनती थीं क्या?” और जीविका दीदियों पर टिप्पणी की।
  • 30 जनवरी 2025 – महात्मा गांधी की स्मृति में मौन रखने के बाद अचानक ताली बजाने लगे।
  • 08 मार्च 2025 – होली मिलन समारोह में बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के पैर छूने लगे; इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं के पैर छूने की कोशिश कर चुके हैं।

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