Bihar Poster Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है।
एनडीए और महागठबंधन के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया है, जिससे राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है।
मंगलवार (15 अप्रैल) को बिहार बीजेपी ने एक जोरदार हमला बोलते हुए राजद (RJD) के तीन विधायकों को लेकर एक पोस्टर जारी किया, जिसमें उन्हें WANTED यानी फरार बताया गया है।
इस पोस्टर में दावा किया गया है कि तीनों विधायक रीतलाल यादव, शंभू नाथ यादव और मनोज यादव फरार हैं और बिहार पुलिस को उनकी तलाश है।
बीजेपी ने इस पोस्टर के जरिए यह सवाल भी खड़ा किया कि अगर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद को सत्ता मिली तो बिहार का भविष्य क्या होगा?
पोस्टर में साफ लिखा गया है, अगर आरजेडी के हाथ आई सत्ता इस बार, तो न जाने क्या होगा बिहार का हाल।
रीतलाल यादव पर क्यों है निशाना?
दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव पर हाल ही में कई मामलों में गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस और एसटीएफ ने पटना में उनके 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ब
ताया गया कि विधायक के घर में हथियारों की मौजूदगी की सूचना थी, जिसमें एके-47 जैसी खतरनाक रायफल का नाम भी सामने आया था।
हालांकि, छापेमारी में ऐसा कोई हथियार बरामद नहीं हुआ, लेकिन मौके से नकदी और कई अहम दस्तावेज ज़रूर मिले।
इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रीतलाल को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
इस बयान को बीजेपी ने निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि तेजस्वी बिहार में पूर्ण जंगलराज लाने की तैयारी कर रहे हैं।

शंभू नाथ यादव और मनोज यादव भी फरार
पोस्टर में रीतलाल यादव के अलावा बक्सर के ब्रह्मपुर विधायक शंभू नाथ यादव और पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर से विधायक मनोज यादव को भी फरार बताया गया है।
इन दोनों पर भी अवैध खनन, भ्रष्टाचार और रंगदारी जैसे संगीन अपराधों में केस दर्ज हैं।
बीजेपी ने सीधे सवाल किया कि क्या ऐसे विधायकों की मौजूदगी महागठबंधन को मजबूत करती है या बिहार को खतरे में डालती है?
बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा, क्या सत्ता की लालसा में तेजस्वी यादव बिहार को फिर से अपराध और भ्रष्टाचार की आग में झोंकना चाहते हैं?
उनके विधायक फरार हैं और उनके परिवार के कई सदस्य ईडी और आयकर विभाग से सवालों से भाग रहे हैं। क्या बिहार की जनता ऐसे लोगों को सत्ता सौंपेगी?
25 से 30 फिर से नीतीश, JDU का नया पोस्टर
इन दिनों बिहार में एक और पोस्टर चर्चा में है। दरअसल, जदयू ने भी जवाबी रणनीति अपनाई। (16 अप्रैल) को जदयू पार्टी के पटना स्थित मुख्यालय के बाहर एक बड़ा पोस्टर लगाया गया, जिसमें लिखा था, 25 से 30 फिर से नीतीश।
इस पोस्टर के जरिए यह साफ संदेश देने की कोशिश की गई कि बिहार में एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे और 2025 से 2030 तक वही राज्य की कमान संभालेंगे।

इस पोस्टर की पृष्ठभूमि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के उस बयान से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने बिहार के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सम्राट चौधरी का नाम लिया था। इसके बाद एनडीए में भीतरखाने हलचल मच गई थी।
हालांकि, सम्राट चौधरी और खुद नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने सार्वजनिक रूप से साफ किया है कि नीतीश ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
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