Amit Shah: बजट सत्र के आठवें दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कार्यों और उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। उन्होंने आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर उग्रवाद पर कड़ा प्रहार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी नीतियां लागू की गई हैं।
आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है, जिससे देश में आतंकी घटनाओं में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में आए दिन आतंकी हमले होते थे, लेकिन पिछले दस वर्षों में आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है। उन्होंने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हालात में बड़ा बदलाव आया है।
शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं। आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सशक्त बनाया गया है। पहले जहां सुरक्षा बलों पर लगातार हमले होते थे, वहीं अब ऐसी घटनाओं में भारी कमी आई है। उन्होंने बताया कि अब जम्मू-कश्मीर में निवेश बढ़ रहा है, पर्यटन फल-फूल रहा है और लोग शांति के साथ जीवन जी रहे हैं।
नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प
अमित शाह ने नक्सलवाद पर बोलते हुए कहा कि देश में वामपंथी उग्रवाद अब अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाई है और समग्र विकास योजनाओं को लागू किया है, जिससे नक्सलवाद अपनी पकड़ खो रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। शाह ने कहा कि हम नक्सलवाद की कमर तोड़ने में सफल रहे हैं। अब सिर्फ कुछ गिने-चुने जिले ही इससे प्रभावित हैं, लेकिन हमारी सरकार का संकल्प है कि हम इसे पूरी तरह समाप्त करेंगे। विकास और सुरक्षा का संतुलन बनाकर हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और स्थिरता स्थापित की है।
पूर्वोत्तर में उग्रवाद पर नियंत्रण
पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद की समस्या पर बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिससे हजारों उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया और वे अब मुख्यधारा में लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति ‘समाधान, सम्मान और संवाद’ की रही है, जिससे वहां स्थायी शांति स्थापित हो रही है। शाह ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में नागालैंड, असम और मणिपुर में अलगाववादी समूहों के साथ कई ऐतिहासिक शांति समझौते किए गए, जिससे इन क्षेत्रों में उग्रवाद की घटनाओं में भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर के विकास और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे यह क्षेत्र अब तेजी से प्रगति कर रहा है।
NIA की सफलता दर विश्व में सबसे ऊंची
अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की सराहना करते हुए कहा कि इसकी सफलता दर दुनिया में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को आधुनिक सुविधाओं और अधिक अधिकारों से लैस किया है, जिससे वे आतंकवाद और उग्रवाद के मामलों की बेहतर तरीके से जांच कर सकें। उन्होंने कहा कि कड़े कानूनों और सख्त कार्रवाई के कारण देश में आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता दी है कि वे बिना किसी दबाव के देश की सुरक्षा के लिए काम करें। एनआईए की सफलता दर यह साबित करती है कि हमने सही दिशा में कदम उठाए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने संसद में स्पष्ट किया कि सरकार देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए भारत ने आधुनिक तकनीकों और निगरानी प्रणालियों को अपनाया है, जिससे घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की सुरक्षा नीति अब न केवल रक्षा तक सीमित है, बल्कि आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत किया गया है।
शाह ने कहा, हमारी सरकार का उद्देश्य केवल समस्या का समाधान करना नहीं है, बल्कि उसकी जड़ को समाप्त करना है। हम आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले वर्षों में सरकार इन नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाएगी, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सके। उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि भारत को एक सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए सरकार कोई भी जरूरी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।
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