Petrol-Diesel and LPG Gas Price

Petrol-Diesel and LPG Gas Price

सरकार का आम जनता पर तिहरा वार, पेट्रोल-डीजल के बाद अब घरेलू रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी

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Petrol-Diesel and LPG Gas Price: देश की आम जनता को एक और झटका देते हुए केंद्र सरकार ने एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है।

यह बढ़ोतरी उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों समेत सभी उपभोक्ताओं पर लागू होगी।

इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल पर भी 2 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है।

हालांकि सरकार का कहना है कि इससे पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कोई असर नहीं पड़ेगा।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें चार साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं।

अब इतनी होगी एलपीजी सिलेंडर की कीमत

सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा किया गया है।

अब उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से बढ़कर 550 रुपये हो जाएगी, जबकि गैर-उज्ज्वला उपभोक्ताओं को अब 803 रुपये की जगह 853 रुपये चुकाने होंगे।

यह नई दरें 8 अप्रैल 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगी।

दिल्ली में वर्तमान में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये थी, जो अब बढ़कर 853 रुपये हो जाएगी, मुंबई में यह दर 802.50 रुपये से बढ़कर 852.50 रुपये हो जाएगी।

कोलकाता में यह कीमत 829 रुपये से बढ़कर 879 रुपये और चेन्नई में 818.50 रुपये से बढ़कर 868.50 रुपये हो जाएगी।

बढ़ोतरी का उज्ज्वला योजना पर भी असर

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन और सब्सिडी वाले सिलेंडर दिए जाते हैं।

अब इस योजना के लाभार्थियों को भी हर सिलेंडर पर 50 रुपये अधिक चुकाने होंगे

इससे ग्रामीण और निम्न आय वर्ग की महिलाओं पर सीधा असर पड़ेगा, जिनके लिए यह योजना खास तौर पर चलाई गई थी।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि यह बढ़ोतरी स्थायी नहीं है और हर 2 से 3 हफ्तों में इसकी समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय तेल विपणन कंपनियों को गैस बेचने में हो रहे 43 हजार करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए लिया गया है।

8 महीने बाद सरकार ने कीमतें बढ़ाई

1 अप्रैल को सरकार ने 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 44.50 रुपये तक घटाए थे।

दिल्ली में यह सिलेंडर पहले 1803 रुपये में मिल रहा था, जो अब 1762 रुपये में उपलब्ध है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी इसी प्रकार की कटौती की गई है।

हालांकि घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई राहत नहीं दी गई, बल्कि अब इन्हें और महंगा कर दिया गया है।

घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में आखिरी बार 8 मार्च 2024 को महिला दिवस के मौके पर 100 रुपये की कटौती की गई थी, उसके बाद से 14.2 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत स्थिर थी।

करीब 8 महीने बाद यह पहली बार है जब सरकार ने कीमतें बढ़ाई हैं, जिससे आम जनता को तगड़ा झटका लगा है।

पेट्रोल-डीजल पर भी बढ़ी एक्साइज ड्यूटी

एलपीजी गैस के दाम बढ़ाने से पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई है।

पहले पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती थी, जो अब बढ़कर क्रमशः 21.90 रुपये और 17.80 रुपये हो गई है।

हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस एक्साइज ड्यूटी के बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।

यह खर्च पेट्रोलियम कंपनियां खुद वहन करेंगी और उपभोक्ताओं को इसका असर नहीं झेलना पड़ेगा, इसके लिए केंद्र सरकार ने दो नोटिफिकेशन जारी किए।

पहले में बताया गया कि एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये का इजाफा होगा और दूसरे में जानकारी दी गई कि आम लोगों के लिए दाम नहीं बढ़ेंगे।

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी

मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट की वजह से सरकार ने यह अवसर उपयुक्त समझा।

फिलहाल कच्चा तेल 64 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गया है, जो पिछले 4 वर्षों का सबसे निचला स्तर है।

ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि उत्पाद शुल्क बढ़ाने के बावजूद आम लोगों को महंगाई का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।

एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आने से पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों को स्थिर रखा जा सकता है, भले ही टैक्स बढ़े हों।

पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब सरकार तय नहीं करतीं, पहले सरकार कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था।

साल 2010 से पेट्रोल और 2014 से डीजल की कीमतों का निर्धारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के हवाले कर दिया गया है।

ये कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, डॉलर-रुपये का विनिमय दर, टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन लागत को ध्यान में रखते हुए रोजाना कीमतें तय करती हैं।

वर्तमान में भारत में पेट्रोल का बेस प्राइस करीब 32 रुपये है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स के चलते इसकी कीमत 3 गुना तक बढ़ जाती है।

महंगाई की तिहरी मार का जनता पर असर

महंगाई की तिहरी मार एलपीजी गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमत, उज्ज्वला योजना पर सीधा असर और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ोतरी का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ सकता है।

खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए यह एक बड़ा आर्थिक दबाव बन सकता है।

हालांकि सरकार यह दावा कर रही है कि उपभोक्ताओं पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का असर नहीं पड़ेगा।

लेकिन जानकार मानते हैं कि तेल कंपनियां यदि लगातार घाटे में रहेंगी, तो वे आने वाले समय में कीमतों में इजाफा कर सकती हैं।

सरकार की मंशा भले ही तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई करने की हो, लेकिन महंगाई के इस दौर में घरेलू एलपीजी और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी आम जनता की परेशानियों को बढ़ा सकती है।

ऐसे में सरकार की समीक्षा प्रक्रिया और भविष्य की नीतियां यह तय करेंगी कि आम आदमी की रसोई का बजट कितना और बिगड़ेगा।

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