India-Pakistan War: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग तो जारी है पर लगता है दोनों देश असल जंग की भी तैयारी में है।
भारत ने साफ संकेत दिए हैं कि अब सिर्फ निंदा या चेतावनी नहीं, बल्कि ठोस और निर्णायक कार्रवाई होगी।
बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान ने लगातार दो मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिसे भारत को डराने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
मगर भारत ने इससे उलट जवाबी रणनीति अपनाई है — एक ऐसी रणनीति जिसमें हर मोर्चे पर तैयारी, जवाबी क्षमता और सैन्य ताकत की शक्ति दिखाई दे रही है।
पाकिस्तान ने दागी दो मिसाइलें, भारत सतर्क
पाकिस्तान ने 3 मई को ‘अब्दाली’ मिसाइल का परीक्षण किया, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर बताई गई।
इसके ठीक तीन दिन बाद, 6 मई को ‘फतेह’ नामक एक और मिसाइल का परीक्षण किया गया जिसकी रेंज 120 किलोमीटर है।
लगातार मिसाइल परीक्षणों से साफ है कि पाकिस्तान, भारत के संभावित जवाबी एक्शन से घबराया हुआ है और अपनी जनता तथा सेना का मनोबल बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के ये कदम मनोवैज्ञानिक युद्ध का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य भारत को उकसाना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को ‘पीड़ित’ दिखाना है।
राफेल तैयार, अलर्ट मोड पर वायुसेना
इसी बीच, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
इस अहम बैठक में उन्होंने पीएम को वायुसेना की तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वायुसेना प्रमुख ने बताया कि वायुसेना पश्चिमी सीमा पर पूरी तरह अलर्ट है और राफेल फाइटर जेट्स को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।
राफेल विमानों की तैनाती यह संकेत देती है कि भारत किसी भी हवाई खतरे या पाकिस्तान की हिमाकत का सटीक जवाब देने में सक्षम है।
वायुसेना द्वारा लंबी दूरी की निगरानी उड़ानें भी लगातार जारी हैं, ताकि दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी जा सके।
तीनों सेनाओं में कोऑर्डिनेशन, रक्षा सचिव की पीएम से मुलाकात
एयरफोर्स चीफ की बैठक के बाद सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की। इससे पहले नेवी चीफ भी प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं। यह दर्शाता है कि सरकार और तीनों सेनाओं के बीच गहरा तालमेल और रणनीतिक संवाद चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने सभी सेनाओं को साफ शब्दों में निर्देश दिया है कि वे समय और लक्ष्य का निर्धारण खुद करें और आवश्यक कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। यानी अब सेना के पास पूरी छूट है कि वह अपने हिसाब से जवाब दे।
समुद्री मोर्चे पर भारत की मजबूती, पाक की स्थिति कमजोर
अरब सागर में भारत की गतिविधियों ने पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी हैं।
भारतीय नौसेना ने एंटी शिप और एंटी मिसाइल परीक्षण किए हैं और अत्याधुनिक जंगी जहाज आईएनएस सूरत को तैनात किया गया है।
यह युद्धपोत पनडुब्बियों और दुश्मन के जहाजों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है।
नौसेना की यह रणनीति साफ करती है कि भारत सिर्फ LOC या हवाई सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि समुद्र से भी जबर्दस्त प्रहार के लिए तैयार है।
एक तरफ पाकिस्तान भारत को परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दे रहा है, वहीं हकीकत यह है कि उसकी सेना के पास चार दिन भी जंग लड़ने लायक गोला-बारूद नहीं है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान ने हाल ही में आर्थिक संकट के चलते यूक्रेन को चोरी-छुपे हथियार बेचे — जिनमें रॉकेट, तोप के गोले और मिसाइलें शामिल थीं।
पाकिस्तान की हथियार निर्माण क्षमता बेहद कमजोर है और सेना का बड़ा हिस्सा संसाधनों की कमी से जूझ रहा है।
इसके बावजूद पाकिस्तानी नेता और राजनयिक लगातार भारत को धमकी दे रहे हैं, जो उनके घबराए हुए मनोविज्ञान को दर्शाता है।
भारत ने पाक को घेरने के लिए उठाए कड़े आर्थिक कदम
सिर्फ सैन्य मोर्चे पर नहीं, भारत ने आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है।
भारत ने पाकिस्तान से सभी तरह के आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पाकिस्तानी जहाजों की भारत के बंदरगाहों में एंट्री पर रोक लगा दी गई है और डाक-पार्सल सेवा भी पूरी तरह बंद कर दी गई है।
साथ ही भारत ने सिंधु जल समझौते को भी सस्पेंड कर दिया है, जो कि पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि इस समझौते के तहत पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में पानी की आपूर्ति होती थी।
सभी घटनाक्रमों को एक साथ देखें तो यह साफ हो जाता है कि भारत इस बार सिर्फ चेतावनी नहीं दे रहा, बल्कि निर्णायक जवाबी कार्रवाई की पूरी योजना तैयार कर चुका है।
पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से तीनों सेनाओं और सरकार के बीच तालमेल बढ़ा है, उससे यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की ओर से यदि कोई और उकसावे वाली हरकत होती है, तो भारत का जवाब जल्द, सटीक और प्रभावशाली होगा।
देश की सुरक्षा एजेंसियां, सशस्त्र बल और सरकार सभी एक पंक्ति में खड़े हैं। भारत शांतिप्रिय जरूर है, लेकिन यदि शांति भंग की जाती है, तो युद्ध का जवाब युद्ध से देने की ताकत और तैयारी पूरी है।
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