Priyanka Gandhi Vadra: केरल हाईकोर्ट ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस भाजपा नेता नव्या हरिदास की याचिका पर भेजा गया है, जिसमें उन्होंने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका की जीत को चुनौती दी है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रियंका गांधी ने अपने नामांकन पत्र में अपनी और अपने पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति की जानकारी ठीक से नहीं दी, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुआ।
हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रियंका से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होगी।
आचार संहिता का उल्लंघन, संपत्ति छिपाने का आरोप
नव्या हरिदास ने याचिका में कहा है कि प्रियंका गांधी ने जानबूझकर अपनी चल और अचल संपत्तियों का पूरा विवरण नहीं दिया।
उनका आरोप है कि प्रियंका द्वारा दी गई जानकारी अधूरी है और इससे चुनाव आयोग को गुमराह किया गया।
यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत “भ्रष्ट आचरण” की श्रेणी में आता है।
नव्या का यह भी दावा है कि गलत जानकारी देकर प्रियंका ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है, इसलिए चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए।
प्रियंका गांधी ने अपने नामांकन पत्र में कुल 12 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की थी।
इसमें उनके पास 4.24 करोड़ की चल संपत्ति और 7.74 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है।
उन्होंने अपने पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति का विवरण भी दिया था, उनकी कुल संपत्ति 65.54 करोड़ रुपए बताई गई है।
जिसमें वाड्रा के पास 37.9 करोड़ की चल संपत्ति और 27.64 करोड़ की अचल संपत्ति बताई गई है।
राहुल के वायनाड सीट छोड़ने से हुआ था उपचुनाव
यह उपचुनाव इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली और वायनाड, दोनों सीटों से जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी।
कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया। यह प्रियंका का पहला चुनाव था, जिसमें उन्होंने CPI के सत्यन मोकेरी को 4 लाख 10 हजार वोटों से हराया।
भाजपा की नव्या हरिदास को 1 लाख 9 हजार वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहीं।
प्रियंका की शानदार जीत के कुछ ही हफ्तों बाद नव्या हरिदास द्वारा कोर्ट में याचिका दायर करना कांग्रेस के लिए कानूनी और राजनीतिक चुनौती बन सकता है।
यदि अदालत आरोपों को सही पाती है, तो चुनाव को रद्द करने के साथ-साथ प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी पर भी सवाल उठ सकते हैं।
अब सबकी निगाहें अगस्त में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं।
हालांकि, कांग्रेस की ओर से इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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