Rohini Ghavari Controversy: भीम आर्मी के संस्थापक और यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं।
इस बार आरोप किसी विरोधी दल या संगठन की तरफ से नहीं, बल्कि उनके करीब बताई जा रही इंदौर की पीएचडी स्कॉलर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रोहिणी घावरी ने लगाए हैं।
रोहिणी ने चंद्रशेखर पर न केवल भावनात्मक शोषण और धोखा देने के आरोप लगाए हैं, बल्कि सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह भी ऐलान किया है कि वे अब “बदला लेकर रहेंगी”।
उन सभी बेटियों को न्याय दिलाएंगी जो उनके मुताबिक चंद्रशेखर के कारण पीड़ित हुई हैं।
ये नीच आदमी इस कलंक के साथ मरेगा इसने बहुजन आंदोलन के नाम पर अपनी ही दलित समाज की बहन बेटियों की इज़्ज़त मान सम्मान के साथ खेला !! महापुरुषों के पवित्र आंदोलन के लायक़ नहीं यह !! पिछले 10 सालों में समाज का एक अच्छा काम नहीं किया इसने ना कभी कर पाएगा !!
बीजेपी की मेहरबानी से… pic.twitter.com/zy1EC9HJwW— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) June 3, 2025
“मेरे समर्पण का इस्तेमाल किया गया”
डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर से हैं और स्विट्जरलैंड में पीएचडी पूरी कर चुकी हैं।
उन्होंने 4 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक के बाद एक कई पोस्ट साझा किए।
उन्होंने चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके समर्पण और विश्वास का इस्तेमाल कर केवल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करते रहे।
एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, यह चंद्रशेखर की विक्टिम नंबर 3 है… एक 12 साल की बच्ची नेहा राजपूत को ट्रेन में मिला, घर लाया, शोषण किया, फिर अपने भाई से उसकी शादी करा दी।
अब ना मिलने देते हैं बेटे से, ना इज्जत देते हैं। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने संकेत दिए कि चंद्रशेखर के खिलाफ ऐसी और भी लड़कियां सामने आ सकती हैं।
चंद्रशेखर की विक्टिम नंबर 3
एक 12 साल की बच्ची नेहा राजपूत जिससे यह ट्रेन में मिला फिर उसे अपने घर ले आया उस बच्ची को नौकर बना कर रखा खूब शोषण किया उसका बाद में अपने भाई से उसकी शादी करा दी एक बेटा हुआ !!
उस बेटी को इतना प्रताड़ित किया की वो इनके घर से भाग गई छुप के रहने लगी अब… pic.twitter.com/5oTGBQJPcB— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) June 4, 2025
“3 जून 2021 मेरे लिए मनहूस दिन”
अपने पुराने रिश्ते को लेकर रोहिणी ने 3 जून 2021 को ‘मनहूस दिन’ बताया।
उन्होंने कहा कि इसी दिन से चंद्रशेखर के साथ उनके रिलेशनशिप की शुरुआत हुई थी।
मैं इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन से जुड़ी थी, देश के सफाईकर्मियों की आवाज उठाना चाहती थी।
मैं एक सफाईकर्मी की बेटी हूं और चंद्रशेखर उस समय दलित और वंचित समाज के लिए सकारात्मक छवि वाले नेता लगते थे।
करीब साढ़े तीन साल तक चले इस रिश्ते में रोहिणी ने खुद को पूरी तरह से आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया।
उनका दावा है कि नगीना सीट के चयन से लेकर रणनीति बनाने तक, उन्होंने चंद्रशेखर को हर कदम पर सहयोग दिया।
लेकिन, नवंबर 2023 से चंद्रशेखर का रवैया बदल गया। उन्होंने मुझे पूरी तरह साइडलाइन कर दिया।
अब लगता है कि मैं उनके लिए सिर्फ एक पॉलिटिकल सीढ़ी थी।
कल से कुछ चमचे बोल रहे है की मुझे इसकी राजनीतिक चमक से प्यार था तो देखो अब सच !!
July 2021 का msg पढ़ो मैं इनको शुरू में भाई बोलती थी कोई ग़लत सोच नहीं थी नियत तो इनकी पलटी मेरी स्विट्जरलैंड की ज़िंदगी देख कर यह मेरे साथ स्विट्जरलैंड settled होना चाहते थे लेकिन मैं नहीं चाहती थी… pic.twitter.com/hvVW3eYPIb— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) June 5, 2025
“बदला लूंगी, अब चुप नहीं रहूंगी”
रोहिणी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब वह चुप नहीं रहेंगी।
मरी मां ने हमेशा सिखाया कि ईश्वर की सजा सबसे बड़ी होती है, लेकिन अब मुझे अपने हाथ गंदे करने ही पड़ेंगे।
मैं और किसी बेटी का नुकसान नहीं होने दूंगी।
मैं अपना जन-पावर फाउंडेशन चलाकर सामाजिक जागरूकता फैलाऊंगी और ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाऊंगी।
उन्होंने बताया कि 1 जून को उन्होंने ‘जन-पावर’ ऐप लॉन्च किया है, जिससे 10 हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।
इस फाउंडेशन के जरिए वे 12वीं पास स्टूडेंट्स को आईआईटी, यूपीएससी, आईआईएम जैसे करियर विकल्पों के लिए गाइड करेंगी।
रोहिणी ने कहा कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है।
मैं चंद्रशेखर की तरह नहीं बनना चाहती। मैं समाज के लिए काम करना चाहती हूं, सत्ता के लिए नहीं।
बदला तो मैं लेके रहूँगी क्योंकि चोट मेरे आत्मसम्मान पर लगी है !!
अब तक चुप थी क्योंकि मेरी माँ ने कहा था बेटा तेरी सज़ा से बड़ी होगी ईश्वर की सज़ा इसलिए अभी चुप रहे !!
वरना इसकी औक़ात नहीं थी यह मेरी ज़िंदगी से खेल कर सांसद बन जाता जेल में होता आज यह घटिया इंसान !!
औरत अबला… pic.twitter.com/ZseREdZ9vn— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) June 3, 2025
चंद्रशेखर आजाद ने चुप्पी साधी
जब मीडिया ने सांसद चंद्रशेखर आजाद से इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कोई भी बात करने से इनकार कर दिया।
न तो उन्होंने आरोपों का खंडन किया और न ही सफाई दी। इससे सोशल मीडिया पर और ज्यादा अटकलें लगाई जा रही हैं।
कई यूजर्स ने रोहिणी के साहस की तारीफ की तो कुछ ने इसे व्यक्तिगत मामला बताकर चंद्रशेखर का बचाव किया।
इस मुद्दे ने दलित राजनीति और महिला अधिकारों को लेकर भी सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है।
कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी राजनीतिक छवि का दुरुपयोग न कर सके।
वहीं, कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि रोहिणी इतने समय बाद क्यों सामने आईं?
बहरहाल, इन आरोपों की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
लेकिन यह जरूर है कि सांसद चंद्रशेखर आजाद के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक संकट बन सकता है।
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