Anna University Rape Case

Anna University Rape Case

अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस: दोषी ज्ञानसेकरन को उम्रकैद, कोर्ट ने कहा- किसी भी तरह की छूट नहीं मिलेगी

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Anna University Rape Case: चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस में महिला विशेष अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

सोमवार, 2 जून 2025 को जज एम. राजलक्ष्मी ने  फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि आरोपी को बिना किसी तरह की छूट के कम से कम 30 साल तक जेल में रहना होगा

इसके साथ ही दोषी ज्ञानसेकरन पर 90 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

इस हाई-प्रोफाइल केस ने सिर्फ राज्य की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया।

बल्कि विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।

19 साल की स्टूडेंट का शोषण

यह पूरा मामला 23 दिसंबर 2024 को रात 8 बजे का है।

जब अन्ना यूनिवर्सिटी की 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ कैंपस की पुरानी बिल्डिंग के पास बैठी थी।

तभी वहां पास में बिरयानी की दुकान चलाने वाला ज्ञानसेकरन वहां आ पहुंचा।

उसने पहले दोनों का वीडियो बनाना शुरू किया, फिर लड़की के दोस्त को धमकाते हुए उसकी पिटाई कर वहां से भगा दिया।

इसके बाद आरोपी ने युवती के साथ दुष्कर्म किया।

यही नहीं, उसने रेप की घटना का वीडियो भी बनाया और लड़की को धमकी दी कि यदि वह दोबारा उसे बुलाए, तो उसे आना ही होगा।

आरोपी ने लड़की का फोन नंबर भी जबरदस्ती लिया और लगातार ब्लैकमेल करने की कोशिश की।

हाई-सिक्योरिटी जोन में रेप पर सवाल

जिस जगह यह वारदात हुई, वह देश के सबसे सुरक्षित इलाकों में गिनी जाती है।

अन्ना यूनिवर्सिटी कैंपस के पास ही राजभवन और IIT मद्रास स्थित हैं।

इसके बावजूद एक छात्रा के साथ रेप जैसी घटना का हो जाना प्रशासनिक विफलता को उजागर करता है।

यह मामला सामने आने के बाद तमिलनाडु में जबरदस्त आक्रोश फैला।

सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक विरोध-प्रदर्शन हुए।

भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने इस घटना के विरोध में अपने शरीर पर कोड़े बरसाए थे, जिससे यह मुद्दा राष्ट्रीय मीडिया में भी प्रमुखता से छाया रहा।

CM के बेटे से साथ आरोपी की फोटो

घटना के बाद राजनीतिक पारा तब चढ़ गया जब आरोपी ज्ञानसेकरन की फोटो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के साथ देखी गई।

भाजपा नेता अन्नामलाई ने इस तस्वीर सोशल मीडिया पर को साधा कर दावा किया कि आरोपी DMK का सदस्य है।

हालांकि, सत्ताधारी पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।

मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा कि ज्ञानसेकरन पार्टी का सदस्य नहीं, सिर्फ एक समर्थक था।

विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी वारदात के दौरान किसी व्यक्ति से मोबाइल पर बात कर रहा था, जिसे वह ‘सर’ कहकर संबोधित कर रहा था।

हालांकि, पुलिस जांच में यह बात नहीं पाई गई कि घटना में कोई अन्य व्यक्ति भी शामिल था।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

घटना के अगले ही दिन यानी 24 दिसंबर को, चेन्नई पुलिस ने अन्ना यूनिवर्सिटी के CCTV फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया।

जांच में सामने आया कि ज्ञानसेकरन पर पहले से ही 15 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 2011 का एक रेप केस, चोरी और लूट जैसे गंभीर मामले शामिल हैं।

पूछताछ में आरोपी ने चेन्नई शहर के कई घरों में चोरी की बात कबूल की।

पुलिस ने उसके कब्जे से 100 से ज्यादा सोने के सिक्के और एक लग्जरी SUV कार भी जब्त की।

कोर्ट की सुनवाई और फैसला

इस केस में अभियोजन पक्ष ने 29 गवाहों की गवाही और 100 पन्नों की चार्जशीट पेश की।

अदालत ने माना कि आरोपी ने पूरी योजना बनाकर वारदात को अंजाम दिया और रेप के साथ-साथ ब्लैकमेलिंग, अपहरण, धमकी सहित कुल 11 आरोप उस पर सिद्ध हुए।

सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपनी बुजुर्ग मां और 8 साल की बेटी का हवाला देते हुए न्यूनतम सजा की मांग की।

लेकिन जज एम. राजलक्ष्मी ने कहा कि मामले की गंभीरता और पीड़िता पर पड़े मानसिक आघात को देखते हुए उसे कोई राहत नहीं दी जा सकती।

उन्होंने कहा, यह सजा एक उदाहरण होनी चाहिए कि कानून महिलाओं के खिलाफ अपराध में कोई नरमी नहीं दिखाएगा।

 

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