BJP-INC Poster War

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जयशंकर ‘जयचंद’, राहुल ‘मीर जाफर’: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर

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BJP-INC Poster War: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के हस्तक्षेप को लेकर देश की सियासत में गरमाहट तेज हो गई है।

इस कूटनीतिक और सैन्य मामले पर अब सियासी पार्टियों ने आरोप-प्रत्यारोप और पोस्टर वॉर के जरिए एक-दूसरे पर हमला तेज कर दिया है।

भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मीर जाफर’ कहकर निशाना बनाया, तो कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ‘जयचंद’ करार दिया।

यह पोस्टर युद्ध अब सोशल मीडिया से लेकर संसद के गलियारों तक चर्चा का विषय बना हुआ है।

भाजपा ने राहुल को बताया ‘नए दौर का मीर जाफर’

पोस्टर वॉर की शुरुआत भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को की। उन्होंने दो पोस्टर जारी किए।

पहले पोस्टर में राहुल गांधी का चेहरा पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के साथ मिलाया गया।

हालांकि पोस्टर में मुनीर का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया था, लेकिन संकेत साफ था।

दूसरे पोस्टर में राहुल गांधी को ‘आज के समय का मीर जाफर’ बताया गया।

पोस्टर में एक व्यंग्यात्मक चित्रण दिखाया गया, जिसमें राहुल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पीठ पर चढ़कर भारतीय सीमा की ओर झांकते हुए पूछ रहे हैं।

“हमने कितने एयरक्राफ्ट खोए?” नीचे शहबाज शरीफ कह रहे हैं—“तेज आवाज में पूछो।”

अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री को बधाई तक नहीं दी।

उन्होंने यह भी कहा कि राहुल को भारतीय सेना के पराक्रम की चिंता नहीं, केवल यह जानने की बेचैनी है कि भारत ने कितने विमान खोए।

अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण से सोचने का आरोप भी लगाया।

कांग्रेस का पलटवार, जयशंकर को कहा ‘नए दौर का जयचंद’

भाजपा के पोस्टरों के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया।

कांग्रेस ने पोस्टर जारी कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ‘नए दौर का जयचंद’ बताया

पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से पहले पाकिस्तान को जानकारी दी थी, जिससे भारतीय वायुसेना को नुकसान उठाना पड़ा।

खेड़ा ने कहा, विदेश मंत्री ने खुद स्वीकारा है कि उन्होंने ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को चेतावनी दी।

अब सरकार को यह बताना चाहिए कि इस वजह से हमने कितने विमान गंवाए? यह कोई भूल नहीं थी, यह एक अपराध था।

मीर जाफर और जयचंद के ऐतिहासिक संदर्भ

भाजपा द्वारा राहुल गांधी को मीर जाफर कहना और कांग्रेस द्वारा जयशंकर को जयचंद बताना, दोनों ही गहरे ऐतिहासिक आरोप हैं।

मीर जाफर एक मुगल जनरल था, जिसने 1757 की प्लासी की लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला से विश्वासघात कर अंग्रेजों के साथ गुप्त समझौता किया। उसके इसी कृत्य को भारत में गद्दारी का प्रतीक माना जाता है।

जयचंद कन्नौज का राजा था, जो कहा जाता है कि उसने मोहम्मद गौरी से मिलकर पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ साजिश रची थी। जयचंद भी भारतीय इतिहास में गद्दारी के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

राहुल ने 4 दिन में 2 बार लगाए विदेश मंत्री पर आरोप

राहुल गांधी ने पिछले चार दिनों में दो बार विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर निशाना साधा।

पहला 17 मई को राहुल ने एक वीडियो साझा करते हुए कहा था कि विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को ऑपरेशन से पहले जानकारी दी, जिससे भारत को हवाई नुकसान उठाना पड़ा।

इसके बाद 19 मई को उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “विदेश मंत्री की चुप्पी निंदनीय है। उन्हें किसने अधिकार दिया था कि वह पाकिस्तान को जानकारी दें?”

इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि जयशंकर ने ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को केवल चेतावनी दी थी, न कि पूर्व सूचना।

DGMO राजीव घई ने भी स्पष्ट किया कि आतंकियों पर हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया गया था, लेकिन उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया।

कांग्रेस ने भाजपा को बताया ‘सिंदूर का सौदागर’

पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा को ‘सिंदूर का सौदागर’ कहा।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका।

इसके बदले भारत को व्यापारिक धमकी दी गई और केंद्र सरकार चुप रही।

खेड़ा ने कहा, “ये सिंदूर से सौदा मंजूर नहीं है, देश से गद्दारी मंजूर नहीं है।”

खेड़ा ने इतिहास का उदाहरण देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया-उल-हक के बीच की बातचीत का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि देसाई ने पाकिस्तान को RAW के ऑपरेशन की जानकारी दे दी थी, जिससे भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

खेड़ा ने इस संदर्भ में जयशंकर की तुलना मोरारजी से की और आरोप लगाया कि भाजपा का “मुखबिरी का इतिहास” रहा है।

कांग्रेस ने CWC बैठक के बाद सरकार से पूछे थे सवाल

14 मई को हुई CWC (कांग्रेस कार्यसमिति) की बैठक में भी ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा उठा।

बैठक में पहलगाम आतंकी हमले को खुफिया तंत्र की विफलता करार दिया गया।

कांग्रेस ने जवाबदेही तय करने और सीजफायर के अचानक हुए फैसले पर केंद्र सरकार से सफाई मांगी।

ट्रंप के हस्तक्षेप पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए।

बहरहाल, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला और अमेरिका के हस्तक्षेप जैसे गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर अब राजनीति गरमा गई है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।

राहुल गांधी के आरोपों पर सरकार की सफाई और कांग्रेस के जवाबी हमले ने इस विवाद को और जटिल बना दिया है।

सवाल अब यह है कि क्या यह सियासी बयानबाज़ी केवल चुनावी लाभ के लिए हो रही है या वाकई राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर बहस की जरूरत है?

 

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