India-Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों बढ़े सैन्य तनाव के बाद अब सीमा पर शांति की स्थिति देखने को मिल रही है।
10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के बाद 11 मई की रात जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब बॉर्डर पर पूरी तरह से शांति रही।
सेना की ओर से सोमवार सुबह जारी बयान में कहा गया कि बीती रात किसी भी प्रकार की गोलीबारी या घुसपैठ की घटना नहीं हुई।
बॉर्डर से लगे इलाकों में हालात नॉर्मल हैं, बाजार खुलने लगे हैं और सामान्य गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
भारत-पाकिस्तान के DGMO करेंगे आपस में बातचीत
इस तनाव के बीच आज यानी 12 मई को भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे।
भारत की ओर से DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तान की ओर से मेजर जनरल काशिफ चौधरी इस वार्ता में शामिल होंगे, इसके अलावा बातचीत में कोई अन्य देश शामिल नहीं होगा।
जानकारी के मुताबिक सीजफायर पर दोनों देशों के DGMO के बीच दोपहर 12 बजे बातचीत होने वाली थी, जिसका समय बदला गया है। कहा जा रहा है अब यह शाम को हो सकती है।
वहीं, पाकिस्तान के DGMO से बातचीत के बाद भारत के DGMO दोपहर 2:30 बजे प्रेस ब्रीफिंग करने वाले थे, जिसमें एयरफोर्स और नेवी के अधिकारी भी शामिल होने वाले थे। खबर है कि इसके समय में भी बदलाव हो सकता है।
बातचीत का उद्देश्य संघर्ष विराम का पालन सुनिश्चित करना और भविष्य में किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचना रहेगा।
भारत ने स्पष्ट किया है कि बातचीत सिर्फ सैन्य चैनल तक सीमित रहेगी और किसी भी प्रकार की मध्यस्थता को वह स्वीकार नहीं करेगा।
कश्मीर या सिंधु जल संधि जैसे संवेदनशील मुद्दे इस बातचीत का हिस्सा नहीं होंगे।
सरकार ने यह भी दोहराया कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कोई कूटनीतिक संवाद फिलहाल प्रस्तावित नहीं है।
भारत का रुख बेहद साफ है कि अब केवल एक ही मुद्दा बचा है और वो है पीओके की वापसी।
अगर पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने की बात करता है तभी भारत किसी आगे की चर्चा पर विचार करेगा।
सीजफायर के 25 घंटे बाद तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम 5 बजे संघर्ष विराम हुआ था। सीजफायर के 25 घंटे बाद रविवार शाम 6:30 बजे भारत की तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
1 घंटा 10 मिनट तक चली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी।
सेना ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर जिस वजह से लॉन्च किया गया, वो लक्ष्य हासिल कर लिया गया।
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि इस पूरे ऑपरेशन में सिर्फ आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया और आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से पूरी तरह बचा गया।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
7 मई से 10 मई के बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया।
इसमें पाकिस्तानी सेना के 5 से 40 सैनिक और अफसर और करीब 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं।
भारत की कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भी जवाबी हमलों की कोशिश की।
मिलिट्री सोर्स ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने 12 एयर बेस से ड्रोन अटैक लॉन्च किए थे, जिसे भारत ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया था।
इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों में भारी गोलाबारी भी की गई, जिससे कुछ जवान और नागरिक घायल हुए।
7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से अब तक पाकिस्तानी गोलाबारी में 5 आर्मी और 2 BSF के जवान शहीद हो चुके हैं, 60 घायल हैं। इसके अलावा 27 सिविलयंस की भी जान गई है।
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