Tejashwi Yadav: बिहार में आगामी चुनावों से पहले राजनीति का पारा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। इस बार बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है।
उन्होंने शनिवार (29 मार्च) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक वीडियो पोस्ट कर बिहार के विश्वविद्यालयों में हो रही अनियमितताओं को उजागर किया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के अलावा सबकुछ हो रहा है और यह पूरी तरह भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुके हैं।
परीक्षा के ढाई साल बाद घोषित होते है परिणाम
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। जदयू-भाजपा की सरकार में बिहार के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के अलावा सबकुछ हो रहा है। राज्य के विश्वविद्यालयों में 56 प्रतिशत शिक्षकों और गैर-शिक्षकों के पद खाली हैं, जिससे शैक्षणिक माहौल बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब विश्वविद्यालयों में शिक्षक ही नहीं होंगे, तो छात्र क्या और कैसे पढ़ेंगे?
विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण कैसा हो सकता है ये समूचा बिहार जानता है। उन्होंने सीएजी (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में परीक्षा के बाद परिणाम घोषित होने में औसतन 946 दिनों यानी लगभग ढाई साल का समय लग जाता है। यह न केवल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर भी एक गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
बिहार में सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है- तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि बिहार में बिना टेंडर के खरीदी की जाती है, बिना सत्यापन वेतन बांटा जाता है और बिना उचित प्रक्रिया के भुगतान किए जाते हैं।
बिहार के विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार और लूट-खसोट का अड्डा बन चुके हैं, लेकिन नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। बीजेपी जेडीयू के भरोसे, नीतीश बीजेपी के भरोसे हैं और बिहार में सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है।

राबड़ी देवी के अपमान का मुद्दा भी गरमाया
शिक्षा के अलावा नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का अपमान करने का भी आरोप लगाया। तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश द्वारा भरे सदन में बार-बार राबड़ी देवी का अपमान करना निंदनीय है। बिहार जैसे राज्य में, जो माता सीता की जन्मस्थली है, वहां अगर महिलाओं के प्रति मुख्यमंत्री द्वारा अपमानजनक भाषा होगा तो बिहार का इस से बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा।
राबड़ी देवी को लेकर तेजस्वी ने यह कहा कि बिहार के महिला सशक्तीकरण का एक जीवंत हस्ताक्षर हैं। मुख्यमंत्री की ऐसी आपत्तिजनक भाषा, दुर्व्यवहार, अशिष्ट आचरण और अपमान नारी शक्ति का घोर अपमान है। साथ ही महिलाओं को दोयम समझने वाली पुरुषवादी मानसिकता का भी परिचायक है। सीएम नीतीश कुमार को अपने इस आचरण और टिप्पणी के लिए तुरंत प्रभाव से बिहार की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
चुनावी मौसम में तेज हुए सियासी हमले
तेजस्वी यादव के आरोपों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। चुनावी माहौल में शिक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाकर उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों द्वारा हमले किए जा चुके हैं।
पिछले कुछ वर्षों में परीक्षा प्रणाली, नियुक्तियों में गड़बड़ियों और विश्वविद्यालयों की अव्यवस्था को लेकर छात्र संगठनों द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए गए हैं। बिहार में बड़ी संख्या में युवा मतदाता हैं, जिनका भविष्य शिक्षा और रोजगार पर निर्भर करता है। तेजस्वी यादव के इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आरजेडी आने वाले चुनाव में शिक्षा को एक प्रमुख मुद्दा बनाने की योजना बना रही है।
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