Sardar Patel Land Case: गुजरात के खेड़ा जिले के गाडवा गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल की 6 बीघा जमीन को फर्जीवाड़े के जरिए हड़पने के मामले में कोर्ट ने 3 दोषियों को 2 साल की सजा सुनाई है।
यह फैसला महेमदाबाद कोर्ट के जज विशाल त्रिवेदी की अदालत ने सुनाया। दोषियों में भूपेन्द्रभाई देसाईभाई डाभी, देसाईभाई जेहाभाई डाभी और प्रतापभाई शकराभाई चौहान शामिल हैं। हालांकि, इस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी हीराभाई डाभी की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
धोखाधड़ी के खुलासे के 13 साल बाद फैसला
गाडवा गांव स्थित सरदार पटेल के नाम उनके पुरखों की 6 बीघा जमीन से जुड़ा यह मामला करीब 13 साल पहले दर्ज किया गया था। 2004 में सरकारी रिकॉर्ड के कंप्यूटरीकरण के दौरान इस जमीन के मालिकाना हक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हट गई थी। इसी गलती का फायदा उठाकर आरोपियों ने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने की साजिश रची थी।
हालांकि, जब उन्होंने इस जमीन पर बैंक से लोन लेने का प्रयास किया, तो इस धोखाधड़ी का खुलासा हो गया, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और 13 साल बाद कोर्ट ने तीन दोषियों को 2 साल की सजा सुनाई।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
खेड़ा जिले के गाडवा गांव में यह जमीन 1935 से श्री गुजरात प्रांत समिति (गुप्रास) के प्रमुख वल्लभभाई झवेरभाई पटेल के नाम पर थी। 1951 से 2009-10 तक के रिकॉर्ड में इसका मालिकाना हक सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर ही बना रहा। लेकिन 2010 में जब सरकारी दस्तावेजों का डिजिटल रूप से अपडेट किया गया, तो ‘गुप्रास के प्रमुख’ शब्द हट गया।
इसके बाद जालसाजों ने इसे अपने लाभ के लिए उपयोग करने की कोशिश की। कठलाल के अराल गांव के निवासी भूपेन्द्रभाई डाभी ने गांव के ही हीराभाई कलाभाई डाभी को वल्लभभाई झवेरभाई की फर्जी पहचान के रूप में पेश कर 2004-05 में उनसे अंगूठा लगवाया। इसके बाद उन्होंने इस जमीन को अपने नाम कराने की प्रक्रिया शुरू की। हालांकि, जब वे बैंक से इस जमीन के आधार पर लोन लेने पहुंचे, तो बैंक अधिकारियों को शक हुआ और इस घोटाले का पर्दाफाश हो गया।
सरदार पटेल की विरासत से छेड़छाड़ का मामला
31 अक्टूबर 1875 जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले गृहमंत्री और भारत को एकजुट करने वाले लौहपुरुष माने जाते हैं। उनकी जन्मस्थली खेड़ा जिले में स्थित इस जमीन का ऐतिहासिक महत्व भी है।
यह मामला न केवल धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से जुड़ा था, बल्कि इसे देश के महान नेताओं की विरासत से छेड़छाड़ के रूप में भी देखा गया। इसी कारण सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कानूनी कार्रवाई शुरू की।
पटेल की स्मृति में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का भव्य निर्माण
सरदार पटेल की याद में गुजरात में सरदार सरोवर बांध के पास नर्मदा नदी के तट पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया गया है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) है। इस प्रतिमा का अनावरण 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसका डिजाइन मशहूर मूर्तिकार राम वी. सुतार ने तैयार किया और निर्माण कार्य लार्सन एंड टूब्रो (L&T) कंपनी ने किया।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में पर्यटकों के लिए कई आकर्षण मौजूद हैं, जिनमें एक गैलरी शामिल है, जहां से लोग 153 मीटर की ऊंचाई से नर्मदा नदी और आसपास के क्षेत्र का सुंदर नजारा देख सकते हैं। इसके अलावा यहां एक म्यूजियम, गार्डन, लाइट एंड साउंड शो, बोट राइड और जंगल सफारी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
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